किसी भी कार्य को प्रभावी और कुशल तरीके से पूरा करने के लिए टीमवर्क जरूरी है – डॉ. कृष्ण कांत उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के मू्ल्यांकन हेतु नैक मूल्यांकन का विशेष महत्व है। : प्रो. दिनेश कुमार, कुलपति गुरुग्राम 14 नवंबर -गुरुग्राम विश्वविद्यालय के आइक्यूएसी सेल द्वारा सोमवार को ‘नैक मान्यता के लिए तैयारी’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला में गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने मुख्य अतिथि तथा अग्रवाल पी.जी कॉलेज बल्लबगढ़,फरीदाबाद के प्रिंसिपल डॉ. कृष्ण कांत, जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फरीदाबाद के प्रो. डॉ. संदीप ग्रोवर और गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी हिसार से आए प्रो.नीरज दिलबागी ने विषय के विशेषज्ञ के रूप भाग लिया । कार्यशाला का शुभारंभ माननीय अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कार्यशाला में गुरुग्राम विवि. के शिक्षकों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया । इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कार्यशाला में उपस्थित सभी माननीय अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में नवाचार एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना हम सभी का मुख्य ध्येय है। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के मू्ल्यांकन हेतु नैक मूल्यांकन का विशेष महत्व है। कार्यक्रम को तीन सत्रों में आयोजित किया गया था ,जिसमें प्रथम सत्र में अग्रवाल पी.जी कॉलेज बल्लबगढ़,फरीदाबाद के प्रिंसिपल डॉ. कृष्ण कांत के द्वारा नैक मूल्यांकन से संबंधित प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला गया । नैक के नवीनतम दिशा-निर्देशों पर चर्चा की। साथ ही नैक के उद्देश्यों को विस्तार से समझाया। ‘इस दौरान उन्होंने इच्छाशक्ति ,जुनून और टीमवर्क के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी कार्य को प्रभावी और कुशल तरीके से पूरा करने के लिए टीमवर्क जरूरी है। दूसरे सत्र में जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फरीदाबाद के प्रो. डॉ. संदीप ग्रोवर ने बताया कि अपने यहां होने वाली सभी गतिविधियों का डॉक्यूमेंटेशन जरूर करें। उन्होंने कहा कि नैक विजिट के लिए आंकड़ों का संकलन बहुत कठिन कार्य है, लेकिन बेहतर टीम वर्क से इसमें सफलता हासिल की जा सकती है। आंकड़ों के संकलन के साथ-साथ इनके प्रस्तुतिकरण पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है और अच्छा ग्रेड हासिल करने में इसकी अहम भूमिका है। इस दौरान उन्होंने स्टाफ के द्वारा पूछे गए नैक संबंधी प्रश्नों के सरलता पूर्वक उत्तर भी दिए। तृतीय सत्र में नैक मान्यता में आईक्यूएसी प्रकोष्ठ की भूमिका विषय पर गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयू) हिसार के डॉ. नीरज द्वारा विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई। Post navigation गांवों में ई-लाइब्रेरी प्रोजेक्ट को दी गई मंजूरी: देवेंद्र बबली एनडीसी पोर्टल के संचालन बारे दिया गया प्रशिक्षण