सभी ऑनलाइन कोर्सिज समय की आवश्यकताओं को देखते हुए किए गए हैं डिजाइन प्रो. सोमनाथ।
कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ ने ऑनलाइन कोर्सिज को किया लांच।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 11 नवम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने शुक्रवार को दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय, यूजीसी के डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो द्वारा मंजूरी प्रदान किए हुए स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के आनलाईन कोर्सिज़ को लांच किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इस सत्र से ऑनलाईन कोर्सिज की शुरुआत करने जा रहा है। इन कोर्सिज में डिग्री कोर्सिज सहित सर्टिफिकेट व डिप्लोमा प्रोग्राम शामिल हैं।

इस मौके पर बोलते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि ऑनलाइन कोर्सिज वर्तमान समय की मांग है तथा सभी ऑनलाइन कोर्सिज समय की आवश्यकताओं को देखते हुए डिजाइन किए गए हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश के उच्च शिक्षा और अनुसंधान के प्रमुख संस्थानों में से एक है तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत ऑनलाईन प्रोग्राम शुरू करने की दिशा में यह कुवि का महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एक प्रतिष्ठित संस्थान होने के नाते इन ऑनलाइन कोर्सिज का आरम्भ होना शैक्षणिक क्षेत्र में एक नए युग शुरुआत है। उन्होंने कहा कि यह ऑनलाइन डिग्री/डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्सिज विद्यार्थियों को सीखने और करियर में भविष्य को सुनिश्चित करने के साथ एक कक्षा जैसी शिक्षा प्रदान करेगी। ये सभी ऑनलाइन कार्यक्रम 2035 तक 50 प्रतिशत जीईआर लक्ष्य प्राप्त करने में बड़े पैमाने पर मदद करेंगे। इसके अतिरिक्त ये कोर्स एनईपी 2020 के अनुरूप हैं क्योंकि छात्र अब 40 प्रतिशत ऑनलाइन पाठ्यक्रम चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, जिन्हें वे अपनी ऑफलाइन डिग्री के साथ एकीकृत कर सकते हैं। केयू ने 2022 से अपने सभी ऑन-कैंपस यूजी कार्यक्रमों में एनईपी को पहले ही लागू कर दिया है।

प्रो. सोमनाथ ने बताया कि समय की मांग को देखते हुए ऑनलाइन डिग्री कोर्साे में बीए, बीकॉम, एमए मास कम्यूनिकेशन तथा एमकॉम शामिल है। इसके साथ ही सर्टिफिकेट/भाषा डिप्लोमा कोर्सिज में जर्मन, फ्रेंच व जापानी भाषा सहित वर्तमान में आधुनिक क्षेत्रों महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विषयों साइबर सिक्योरिटी, मशीन लर्निंग/आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन मैनेजमेंट, फुल स्टैक डेवलपमेंट, क्लाउड कम्प्यूटिंग व डाटा एनालिटिक्स को शामिल किया गया हैं।

कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि विद्यार्थियों के लिए मजबूत आधारभूत ढांचा और ऑटोमेशन सुविधा कुवि की पहली प्राथमिकता है। इस ऐतिहासिक निर्णय से आटोमेशन में दूरगामी बदलाव होंगे व विद्यार्थियों को एक कोस्ट इफेक्टिव, ऑनलाईन व आटोमेटिड प्रणाली के द्वारा शिक्षा की सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रोग्राम्स के ऑनलाइन लॉन्च से उच्च शिक्षा में उच्च सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) के द्वार खुलेंगे जो वर्तमान में लगभग 28 प्रतिशत है। इसके साथ यह 21वीं सदी में बदलते स्वरूप एवं मांग के अनुरूप उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, नवाचार और अनुसंधान, शिक्षार्थियों के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान वृद्धि करके भारत को एक ज्ञान महाशक्ति बनाने का एक अहम कदम है। विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार यूजीसी के मानदंडों के अनुरूप कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा 12 अफ्रीकी देशों के 140 विदेशी विद्यार्थियों को ऑनलाइन कोर्सिज में पंजीकृत किए जा चुके हैं।

इस प्रणाली के द्वारा बेस्ट गुणवत्ता व लागत के आधार पर विद्यार्थियों के लिए एक नया प्लेटफार्म खड़ा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय शिक्षा ऑनलाईन माध्यम से उनकी सुविधा के अनुसार प्रदान की जाएगी। इससे विश्वविद्यालय आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ेगा और विद्यार्थी शिक्षा अनुपात में भी वृद्धि होगी। इसके अंतर्गत जीरो लागत शिक्षा प्रणाली का लाभ विश्वविद्यालय को मिलेगा और नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को भी गति मिलेगी। टैलेंट एज कम्पनी एक तकनीकी सहभागी के रूप में कुवि के साथ ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करेगी।

कुवि की डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. मंजूला चौधरी ने कहा कि एनईपी 2020 के परिप्रेक्ष्य में इन कोर्साे का लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा ताकि छात्र स्वयं का आत्मनिर्भर का मार्ग प्रशस्त कर सके।

कुवि के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार ने बताया कि यह ऑनलाइन कोर्सिज शिक्षार्थियों को उद्योग से वास्तविक जीवन से जोड़ते हुए सीखने के साथ-साथ इंटरनेट कनेक्टिविटी और एक युवा भारत की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम बनाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार इन कार्यक्रमों के शुभारंभ से ही भारत गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ेगा।

इस मौके पर डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. मंजूला चौधरी, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार, टैलेंट एज कम्पनी के अधिकारी, प्रो. पवन शर्मा, प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. संजीव अग्रवाल, प्रो. अनिता दुआ, प्रो. एसके चहल, डॉ. हुकम सिंह व डॉ. अंकेश्वर प्रकाश आदि मौजूद थे।

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