मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने फसल अवशेष जलाने की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए राज्य के धान बहुल 10 जिलों के उपायुक्तों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आग जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए दिशा – निर्देश दिये। चंडीगढ़, 17 अक्टूबर – कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने फसल अवशेष जलाने की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए राज्य के धान बहुल 10 जिलों के उपायुक्तों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आग जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए दिशा – निर्देश दिये। बैठक में कृषि विभाग के महानिदेशक श्री हरदीप सिंह भी मौजूद रहे। डॉ सुमिता मिश्रा ने सभी उपायुक्तों को ग्राम स्तर पर कर्मचारियों को तैनात करने तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में किसानों को जागरूक करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटना को सरकार गंभीरता से ले रही है। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे पराली का इन-सीटू, एक्स-सीटू के तहत प्रबंधन करें और सरकार की योजना का लाभ उठाएं। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे इन-सीटू, एक्स-सीटू के तहत पराली का प्रबंधन हेतु किसानों को हरियाणा सरकार की ओर से दी जाने वाली प्रति एकड़ 1 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए www.agriharyana.org पर पंजीकरण करवाएं। इसके अतिरिक्त राज्य में 2.5 लाख एकड़ क्षेत्र में पूसा बायो – डी- कम्पोजर किसानों को निःशुल्क उपलब्ध करवाते हुए उसका उपयोग पराली प्रबंधन हेतू करने बारे निर्देश दिए। बैठक में संवेदनशील क्षेत्रों में ग्राम स्तरीय सूक्ष्म योजना बनाते हुए उपलब्ध फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी के प्रयोग को बढ़ावा देने हेतू भरसक प्रयत्न किये जाए। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को अगले सप्ताह दीपावली पर्व पर संभावित पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम हेतू अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों के परिणामस्वरुप पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में निश्चित रूप से कम से कम 70 से 80 प्रतिशत की कमी दर्ज की जाएगी। Post navigation किसान हित ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकता: ओपी धनखड प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 12वीं किस्त जारी, मुख्यमंत्री ने जताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार