जगतगुरु शंकराचार्य (गोवर्धन मठ) स्वागत समिति का कैम्प कार्यालय पूजा अर्चना के उपरांत खुला।

स्वागत समिति के सदस्यों ने की दुखभंजन महादेव मन्दिर में पूजा अर्चना।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 11 अक्तूबर : कुरुक्षेत्र में आयोजित होने वाले चौथे हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन एवं  जगतगुरु शंकराचार्य (गोवर्धन मठ) स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के आगमन को लेकर जगतगुरु शंकराचार्य (गोवर्धन मठ) स्वागत समिति के सदस्यों ने सन्निहित सरोवर के तट पर स्थित दुखभंजन महादेव मन्दिर के निकट सुचना एवं जनसम्पर्क के लिए एक कैम्प कार्यालय का मंगलवार को विधिवत शुभारम्भ किया।

इस मौके पर षडदर्शन साधुसमाज के संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक स्वागत समिति के संयोजक धर्मपाल, सह संयोजक राम चन्द्र सैनी, सह संयोजक हर्ष सिंगला सहित शंकराचार्य के दीक्षित शिष्य अजय मिश्रा, मनोज भारद्वाज, शेखर अरोड़ा, नरेंद्र चौधरी, वीरेंद्र राणा इत्यादि मौजूद रहे। जिन्होंने कार्यालय शुभारम्भ से पूर्व दुखभंजन महादेव मन्दिर में विधिवत पूजा अर्चना की कार्यक्रम की सफलता की कामना की। संयोजक धर्मपाल ने बताया कि कोर कमेटी द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार धर्मनगरी कुरुक्षेत्र सहित अन्य शहरों में भी जनसम्पर्क एवं बैठकों का दौर प्रारम्भ हो चुका है। विभिन्न शहरों में बनने वाली श्रद्धालुओं की कमेटियों के मार्गदर्शन एवं सूचनाओं के लिए कुरुक्षेत्र के इस कैम्प कार्यालय को कंट्रोल रूम बनाया गया है। राज्य के अन्य शहरों में जनसम्पर्क एवं प्रचार को तेज करने संबंधी कार्यक्रम को कैम्प कार्यालय ही निर्धारित करेगा।

उल्लेखनीय है कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के कुरुक्षेत्र में तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत 29 नवम्बर को आगमन होगा। 30 नवम्बर को शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सान्निध्य में देश के भारी संख्या में मौजूद संत महापुरुषों की मौजूदगी में विशाल चौथा हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन कुरुक्षेत्र के सैनी समाज भवन में आयोजित होगा। धर्मपाल ने बताया कि इस कार्यक्रम में पीठ परिषद, आदित्य वाहिनी, आनन्द वाहिनी के सभी राष्ट्रीय एवं प्रांतीय पदाधिकारियों नवगठित विभिन्न प्रकोष्ठों के संयोजकों की मौजूदगी भी होगी। इसी के साथ 30 नवम्बर और 1 दिसम्बर को कुरुक्षेत्र में  शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के कुरुक्षेत्र में संगोष्ठी, दीक्षा एवं दर्शन के कार्यक्रम भी होंगे। दीक्षा भारतीय परिधान में दी जाएगी।

Previous post

मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश- प्रदेश के सरकारी विभागों की सभी सेवाएं जल्द से जल्द जुड़ें ऑटो अपील सिस्टम में

Next post

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए की हरियाणा सरकार की सराहना

You May Have Missed

error: Content is protected !!