10 अक्टूबर 2022- समाजवादी पार्टी के संस्थापक, संरक्षक, किसान-मजदूर, गरीबों के लिए आजीवन लडऩे वाले योद्धा पूर्व रक्षा मंत्री व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नेताजी मुलायम सिंह यादव जी के एक लंबी बीमारी के बाद 82 वर्ष की आयु में हुए निधन पर स्वयं सेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए इसे भारतीय राजनीति व समाजवादी आंदोलन के लिए अपूरणीय क्षति बताया1 विद्रोही ने कहा कि समाजवादी पुरोधा नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन से गांव, गरीब, किसान-मजदूर, पिछड़े, दलित की पैरवी करने वाला, लडऩे वाला एक जुझारू योद्धा चला गया जिसकी कोई क्षतिपूर्ति संभव नहीं है1 सैफई-उत्तरप्रदेश के एक गांव में साधारण परिवार में जन्मे नेताजी मुलायम सिंह यादव अपने संघर्ष, जुझारूपन से देश की राजनीति में एक समाजवादी योद्धा के रूप में अपनी अमिट पहचान बनाकर भारतीय राजनीति व समाज को लंबे समय तक प्रभावित किया वह अपने आप में एक प्रेरणादायक है1 विद्रोही ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने साधारण परिवारों के पिछड़े, दलित वर्ग से संबंध रखने वाले किसान, मजदूरों के ग्रामीण पृष्ठभूमि के बहुत से लोगों को सांसद, विधायक, मंत्री नेता बनाया1 देश के लाखों युवा उनके राजनीतिक संघर्ष से प्रेरणा लेते रहे हैं1 उनका पूरा जीवन ही संघर्ष की ऐसी प्रेरणादायक गाथा है जिससे भविष्य में भी प्रेरणा लेकर आम जनों के लिए लोग लड़ते रहेंगे1 देश के रक्षा मंत्री, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने प्रशासन पर गहरी छाप छोड़ी है1 साथ में सत्ता के द्वारा किसान, मजदूर, गरीबों, शोषित, वंचित, पिछड़े, दलितों के उत्थान के लिए बहुत ही सराहनीय योजना भी बनाई1 विद्रोही ने कहा जब मै मात्र 21 वर्ष आयु का था तब 1977 में मेरा परिचय मुलायम सिंह यादव जी से हुआ और उनसे लगातार संपर्क बना रहा1 उनसे मिले स्नेह के लिए मैं उनका सदैव आभारी रहूंगा1 समाजवादी पुरोधा मुलायम सिंह यादव जी का निधन समाजवादी पार्टी का ही नहीं अपितु पूरे देश की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है1 विद्रोही ने श्री मुलायम सिंह यादव को नमन करते हुए उनके परिवार जनों व समाजवादी पार्टी के प्रति गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शांति-सद्गति की प्रार्थना की1 Post navigation अनचाहे कॉल्स ने छीना सुकून वो छह वजहें जो बताती हैं कि क्यों भारत जोड़ो यात्रा सिर्फ सियासी तमाशा भर नहीं