पर्यटन से प्राचीन संस्कृति का संरक्षण और आर्थिक पक्ष भी मजबूत होता है : नीरज चड्ढा -कमलेश भारतीय पर्यटन से न केवल प्राचीन संस्कृति का संरक्षण करने का अवसर मिलता है , वहीं हर प्रदेश का आर्थिक पक्ष भी मजबूत होता है । यह कहना है हरियाणा पर्यटन विभाग के एमडी नीरज चड्ढा का जो हिसार उत्सव के तीन दिवसीय आयोजन के सिलसिले में हिसार में ही पड़ाव डाले हुए हैं । मूल रूप से हिमाचल के पालमपुर के निवासी नीरज चड्ढा की प्रारम्भिक शिक्षा वही हुई और वे वेटेनरी डाॅक्टर तक शिक्षित हुए जबकि मास्टर्स डिग्री बरेली के इज्जतनगर वेटेनरी संस्थान से की। सन् 2011 में इंडियन फारेस्ट सर्विस में चुने गये और हिमाचल केडर में पहली नियुक्ति तो शिमला के पास हुई और फिर कुल्लू मनाली के जिला फारेस्ट अधिकारी नियुक्त हुए । -पर्यटन में रूचि कैसे हुई ?-हिमाचल के मूल निवासी होने के चलते पर्यटन में रूचि तो शुरू से ही थी लेकिन जब कुल्लू मनाली में इको टूरिज्म का भी कार्यभार मिला तो यह रूचि बढ़ती चली गयी । -कुल्लू मनाली में तो शूटिंग के लिए अनेक फिल्मी सितारे भी आते रहते हैं । किसी से मुलाकात हुई ?-जी । दीप्ति नवल ने तो वहीं अपना स्टूडियो बना रखा है । इनसे मुलाकात हुई और सन्नी व सलमान खान से भी मिलने का मौका मिला ! -हिसार उत्सव करने का आइडिया कैसे ?-पर्यटन व प्राचीन संस्कृति के संरक्षण व कलाकारों को अवसर प्रदान करने के लिए । -कैसा अनुभव रहा ?-बहुत शानदार । सुखद । विभिन्न प्रतियोगिताओं में भी बच्चों की भागीदारी अच्छी रही । सचमुच का उत्सव बनता चला गया । -कोई पुरस्कार ? -सन् 2019 व सन् 2020 में लगातार हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने श्रेष्ठ जिला फारेस्ट अधिकारी के रूप में सम्मानित किया । -हरियाणा में कब से ?-डेपुटेशन पर पिछले साल अप्रैल माह से एमडी पर्यटन विभाग । -परिवार के बारे में बताइए ।-पत्नी जूही पंचकूला के गवर्नमेंट काॅलेज में केमिस्ट्री की प्राध्यापिका हैं । वे भी डेपुटेशन पर हैं । दो छोटे छोटे बच्चे है – आद्विक व सात्विक । -क्या शौक हैं आपके ?-बैडमिंटन और स्वीमिंग । साहित्य पढ़कर भी आनंद लेता हूं ।हमारी शुभकामनाएं नीरज चड्ढा को । Post navigation आदिपुरुष : क्रिएटिव लिबर्टी के बहाने, आस्था पर निशाने भारतीय संस्कृति की रक्षा में गुरूकुलों का विशेष योगदान- कुमारी सैलजा