जनसेवा ही भाजपा का विजय मंत्र: धनखड़

चंडीगढ़, 28 सितंबर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस का विसर्जनकाल चल रहा है और सर्जन कम हो रहा है और विजर्सन ज्यादा हो रहा है। वास्तव में कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरूरत है कि सर्जन किस प्रकार से बढ़े। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी पार्टी बिखरती हुई दिख रही है, ऐसे में मुझे लगता है कि देश में अच्छा विपक्ष रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कांग्रेस और उसके नेता विजर्सन की तरफ जा रहे हैं। ओपी धनखड़ बुधवार को झज्जर में दिव्यांगों के लिए आयोजित कृत्रिम अंग एवं उपकरण वितरण कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे।

पर्यावरण के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार में दो तरह के विभाग होते हैं, एक वो है जो विकास का काम करता हैं, और दूसरा वो है जो विकास के कारण हो रहे पर्यावरण का नुकसान नहीं होने देता और चेताने का काम करते हैं। धनखड़ ने कहा कि विकास को रोक नहीं सकते क्योंकि जीवन के लिए विकास चाहिए लेकिन संरक्षित पर्यावरण भी चाहिए। दोनों की चिंता स्वाभाविक है। इसलिए एनजीटी ने कोई चेतावनी हरियाणा सरकार को दी है। उन्होंने कहा कि एनजीटी को बनाया ही इसलिए गया है कि वह पर्यावरण संरक्षण को लेकर आगाह करे। धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस पर भारतीय जनता पार्टी सेवा पखवाड़ा मना रही है। इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए एक लाख पौधे लगाए हैं ताकि पर्यावरण संरक्षण के पैरामीटर पर आगे बढ़ा जा सके। धनखड़ ने कहा कि पानी बचाने के लिए भी कार्यकर्ताओं ने 1 लाख टूटियां लगाई है।

किसी व्यक्ति की सेवा के बदले कोई इच्छा नहीं होनी चाहिए: धनखड़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में पूरे प्रदेश में दिव्यांगो के लिए कृत्रिम अंग एवं उपकरण वितरण का कार्यक्रम में पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने बताया कि यहां दिव्यांगों को स्टिक, सुनने की मशीन दी गई है। उन्होंने बताया कि टीबी के मरीज भी एडोप्ट किए गए हैं और मैने भी कबलाना की एक बालिका को एडोप्ट किया है। इस मौके पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को सेवा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि किसी व्यक्ति की सेवा के बदले कुछ चाहत नहीं होनी चाहिए। दिव्यांगों के लिए काम करने, टैंट लगाने का मंत्र पीएम मोदी ने दिया है कि अगर मेरे जन्म दिवस पर खुशी चाहते हो तो उनकी सेवा करो जिनकी सेवा करने से खुशी मिले। धनखड़ ने कहा कि सेवा आत्मिक खुशी की है जो करने वालों को भी होनी चाहिए, जिसका जन्म दिन हो उसको भी होनी चाहिए और जिनके लिए की गई है उनको भी होनी चाहिए।

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