जमीन बचाओ समिति ने कहा किसानों के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग करना चाहते हैं मुख्यमंत्री चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के साथ हुई किसानों की वार्ता विफल मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को उनके मुंह पर ही ठुकराया गुड़गांव 30 अगस्त – मानेसर तहसील के सामने बीते 70 दिनों से धरने पर बैठे हजारों किसानों ने 1810 एकड़ जमीन अधिग्रहण के मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर किसानों के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग करने का आरोप लगाया है किसानों ने अब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है बता दें कि एक दिन पहले ही चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री ने किसानों को वार्ता के लिए बुलाया था लेकिन किसानों के सामने मुख्यमंत्री ने जो प्रस्ताव रखा उस प्रस्ताव को किसानों ने मुख्यमंत्री के सामने ही ठुकरा दिया और वापस अपने धरना स्थल पर आ गए बता दें कि 2 दिन पहले से किसानों में खुशी की लहर थी कि मुख्यमंत्री ने किसानों को वार्ता के लिए बुलाया है तो किसानों की बात सुनेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ जमीन बचाओ किसान बचाओ कमेटी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनके सामने 16000 रुपए के रेट से 500 गज का प्लाट लेने और बाद में उसी प्लाट को 30 हजार मैं वापस लेकर किसानों को फायदा पहुंचाने का प्रस्ताव रखा और किसानों से इसके बदले मात्र 91 लाखों रुपए प्रति एकड़ की जमीन का मुआवजा लेने को कहा मुख्यमंत्री द्वारा रखे गए इस प्रस्ताव पर किसान पूरी तरह से भड़क गए और मीटिंग के दौरान ही मुख्यमंत्री के सामने ही उनके प्रस्ताव को प्रॉपर्टी डीलिंग करार देते हुए उनके सामने ही ठुकरा दिया मंगलवार को किसानों ने धरना स्थल पर ही सभी गांव की एक पंचायत आयोजित की इस पंचायत में किसानों ने कहा कि यह सरकार अंधी हो चुकी है किसी भी हाल में सरकार किसानों की बात मानने को तैयार नहीं है लिहाजा अब उनके पास कोई और रास्ता नहीं है किसानों ने फैसला लिया कि वह किसी भी हाल में सरकार द्वारा दिया जा रहा मुआवजा नहीं उठाएंगे और हमारी जमीन अगर सरकार लेती है तो उसके बदले हम अपनी जान निछावर करने के लिए तैयार सर्वसम्मति से निर्णय के बाद किसानों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम सामूहिक पत्र लिखकर भेजा और सभी किसानों ने सामूहिक तौर पर इच्छा मृत्यु की इच्छा जाहिर की किसानों ने अपने पत्र में कहा है कि अगर सरकार हमें जमीन नहीं देती है तो हमें हमारी इच्छा से मरने का आदेश दे दे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का आदेश हमें स्वीकार होगा जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि अभी उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र के माध्यम से सामूहिक इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है सभी किसान सामूहिक इच्छामृत्यु पाने के लिए बुधवार को गुरुग्राम के जिला अधिकारी के कार्यालय में पहुंचकर डीसी के मार्फत अपना पत्र लिखित तौर पर भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजेंगे Post navigation आईसीएटी ने द नॉर्थकैप यूनिवर्सिटी (एनसीयू), गुरुग्राम के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर 2024 चुनाव से पहले प्रदेश के एक तिहाई परिवारों को बनाएं भाजपा परिवार: धनखड़