आखिर कब खत्म होगी ये ऊंच नीच हमारे देश से : वर्मा 

हिसार 14 अगस्त । भाजपा नेता व स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष हनुमान वर्मा ने प्रैस में जारी बयान में कहा कि आज देश मे आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी यदि ऐसी घटनाएँ होती है तो क्या सच में हम आज़ाद हुए हैं? अभी हमें मानसिक आज़ाद होना ज़रूरी है। क्या यही है अभिव्यक्ति की आजादी ।

आदरणीय प्रधानमंत्री जी आपने तिरंगे के नाम पर देश को तिरंगामय कर दिया । ये 75 वां आज़ादी महोत्सव मनाते हुए हम इस असमंज में की ये आज़ादी उस शिक्षक वर्ग को है या इस शिष्य वर्ग को । 

जालोर जिले के सुराणा में 20 जुलाई को कक्षा-3 के छात्र इन्द्र मेघवाल द्वारा पानी का मटका छू लेने पर जातिवादी शिक्षक द्वारा बर्बरतापूर्ण पिटाई करने से छात्र को गंभीर चोटें लगी, अंततः 13 अगस्त को इंद्र अपनी जिन्दगी से जंग हार गया, पता नहीं ऐसे कितने इंद्र हमेशा ऐसा अत्याचार झेलते होंगे ?  

वर्मा ने कहा शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता हैं, अपने विद्यार्थियों को परिवार की तरह प्रेम करता ह पर यह तो इस शिक्षक की जातिवादी क्रूरता है। ऐसी मानसिकता के लोग हर जगह घातक होते हैं। हम राजस्थान सरकार व प्रशासन से आरोपी शिक्षक को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की मांग करता है । 

वर्मा ने कहा कि हम पुछना चहाते है उन धर्म के ठेकेदारों से कि ये हिंसा कब बन्द होगी । आज वो लोग चुप क्यो है जो आरक्षण के नाम पर बड़े बड़े लेख लिखते हैं । आरक्षण कोई खैरत नहीं था वो सिर्फ इस लिए दिया गया था ताकि जो लोग वंचित ओर शोषित है । वो लोग मुख्यधारा से जुड सके । पर क्या बदला 75 साल में । कुछ नहीं आज भी वही ऊंच नीच । 

वर्मा ने कहा एक शिक्षक को सजा देने से कुछ होने वाला नहीं । इस देश में सामान कानून बनाना होगा । एक देश एक कानून बनाना पड़ेगा । ओर ऐसे धर्म और जाति के रूप में बांटने वाले लोगों को सबक सिखाना होगा ।

दलित और पिछड़ी को इनके बनाए मठ और मन्दिरों में जाना बंद करना होगा । तभी इन लोगों को पता चलेगा ।

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