चंडीगढ़, 9 अगस्त – हरियाणा के खान एवं भूविज्ञान मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार अवैध खनन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं कि राज्य के किसी भी हिस्से में कोई अवैध खनन न हो। अत: यह कहना तथ्यात्मक रूप से गलत है कि राज्य में कोई खनन माफिया फल-फूल रहा है। उन्होंने कहा कि 2005 से 2014 तक 9 सालों में 1267 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया गया जबकि हमारे कार्यकाल में 2015 से 22 तक 4660 करोड़ रुपये के राजस्व की कमाई हुई है। 

श्री मूलचंद शर्मा आज यहां हरियाणा विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर दे रहे थे।
श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि 19 जुलाई, 2022 को डीएसपी तावडू की मृत्यु के संबंध में हरियाणा के डीजीपी द्वारा विस्तृत रिपोर्ट दी गई। इस रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के आरोपी स्थानीय व्यक्ति सब्बीर उर्फ मित्तर पुत्र इशाक व इकार उर्फ इकराम पुत्र सादिक है जो मंगल उर्फ मुस्ताक के लिए मकान बनाने के लिए अवैध रूप से खनन किया गया पत्थर ले जा रहे थे। इस संबंध में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों (डीजीपी सहित) और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों की निगरानी में तुरंत एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया। मुख्य आरोपी समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

श्री मूलचंद ने कहा कि जहां तक जिला नूंह में अवैध खनन का संबंध है, यह कहा जाता है कि जिला नूह के अरावली पहाड़ी क्षेत्रों में खनन गतिविधियां माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मई / दिसंबर, 2002 से बंद पड़ी हैं। अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए संबंधित जिले के उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स (डीएलटीएफ) का गठन किया गया है, जो अवैध खनन को रोकने और उचित कार्रवाई करने के लिए है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक, हरियाणा राज्य प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड, सिंचाई विभाग और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी डीएलटीएफ के सदस्य हैं। डीएलटीएफ की कार्रवाई की रिपोर्ट की समीक्षा मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी द्वारा समय-समय पर की जाती है ।

श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि राज्य में यद्यपि कोई संगठित अवैध खनन गतिविधि नहीं है परन्तु अवैध खनन की छिटपुट घटनाएं ही सामने आ रही हैं , जिन पर कानून के अनुसार सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। हरियाणा लघु खनिज रियायत, खनिजों का भंडारण और परिवहन और अवैध खनन रोकथाम नियम, 2012 (राज्य नियम 2012) में अवैध खनन के मामलों से निपटने के लिए विस्तृत प्रक्रिया और दंड लगाया जाता है। पुलिस विभाग ने अवैध खनन के मामलों की प्रभावी और त्वरित जांच के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी तैयार की है। उन्होंने बताया कि अवैध खनन में जब्त किए जाने वाले वाहनों को राज्य नियम-2012 के अनुसार खनन विभाग द्वारा लगाए गए जुर्माने के अलावा एनजीटी द्वारा परिभाषित पर्यावरण क्षतिपूर्ति के कारण जुर्माना देना पड़ता है। अगस्त, 2019 से जून, 2022 तक गुरुग्राम व नूंह, फरीदाबाद, यमुना नगर और महेन्द्रगढ़ जिलों में कुल 4121 वाहनों को सीज किया गया, 713 वाहनों को सुपरदारी के बाद छोड़ दिया गया, इनसे 60,37,33,385 रुपये जुर्माने की राशि वसूल की गई है। 

श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद तत्काल धारा 302, 307, 333, 353, 186, 120 बी, 379, 188, 506 आईपीसी 21 (4) ए माइनिंग एंड मिनरल एक्ट 3 (2) पीडीपीपी एक्ट, 25 आम्र्स एक्ट में मामला दर्ज किया गया। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों (डीजीपी सहित) ने पूरे प्रकरण की निगरानी की। मुख्य आरोपी समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि अवैध खनन एवं अन्य आपराधिक गतिविधियों में विशेष रूप से संलिप्त अन्य अभियुक्तों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिससे ऐसी घटना दोबारा न हो। तदनुसार एक खुफिया-आधारित घेराबन्दी और तलाशी अभियान 20 जुलाई, 2022 से पांच दिनों के लिए जिला नूह के 33 गांवों में पुलिस एवं खनन विभाग के अधिकारियों को शामिल करके टीम द्वारा चलाया गया। 

मंत्री ने बताया कि उक्त कार्रवाई के दौरान अवैध खनन में शामिल संदिग्ध चोरी वाहन और वाहन की जांच के अलावा घोषित अपराधियों, जमानतदारों के साथ-साथ जघन्य मामलों में शामिल आरोपियों की तलाशी ली गई। स्थानीय निवासियों को किसी भी तरह की असुविधा से बचाने के लिए सुबह के समय तलाशी अभियान चलाया गया और स्थानीय लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करने के लिए पुलिस कर्मियों को संवेदनशील बनाया गया। स्थानीय पुलिस को आज तक किसी भी ग्रामीण के उत्पीडऩ की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, हालांकि तीन शिकायतें (02 शिकायतें तृतीय पक्ष शिकायतकर्ता द्वारा 01 ट्विटर हैंडल के माध्यम से और 01 मेल के माध्यम से और एक शिकायत पीडि़त पक्ष द्वारा एस.पी. नूंह कार्यालय में हाथ से दी गई है)  घेराबंदी और तलाशी अभियान के संदर्भ में दायर की गई है । 

श्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि उपरोक्त सभी तीन शिकायतों की जांच की गई और इन शिकायतों में लगाए गए आरोपों को पुख्ता सबूतों के माध्यम से प्रमाणित नहीं किया जा सका और इसलिए योग्यता से रहित होने के कारण इनका निपटारा किया गया। जहां तक डाडम पत्थर की खदान का संबंध है, यह कहा जाता है कि 01 जनवरी, 2022 को हुई दुर्घटना के बाद, जिसमें पहाड़ी की चोटी से एक चट्टान के अचानक गिरने से 05 लोगों की मृत्यु हो गई, उपायुक्त भिवानी द्वारा तुरंत बचाव अभियान चलाया गया तथा मृतक के रिश्तेदार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। 

मंत्री ने कहा कि अवैध खनन की रोकथाम और अवैध खनन के मामलों में सख्ती से निपटने के लिए खान और भूविज्ञान विभाग द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जा रही है । उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हो तो मौजूदा राज्य नियमों में सख्त प्रावधान करने के लिए उपयुक्त संशोधन लाया जाएगा ताकि राज्य में अवैध खनन की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके। खान और भूविज्ञान विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए भी सभी आवश्यक कदम उठा रहा है ताकि खनन कार्यों को परिभाषित नियमों और विनियमों के अनुसार किया जा सके। जैसे कि खनन कार्य एक सतत् प्रक्रिया है। अत: यदि कोई उल्लंघन पाया जाता है तो नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाती है।

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