रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा ने महेंद्रगढ़ नारनौल को शामिल करने के पक्ष में दिया था बयान
राव दानसिंह का कहना है कि चरखी दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ होकर जाने थी
अटेली के विधायक सीताराम ने वर्तमान ट्रेन रूट को ठहराया उचित

भारत सारथी/ अशोक कौशिक 

नारनौल । भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद धर्मबीर सिंह ने दूरभाष पर बातचीत में बताया है कि चरखी दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन को लेकर दिए गए ब्यान के बाद अहीरवाल क्षेत्र के तीन बड़े शहरों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। सांसद के आए इस ब्यान के बाद महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ को लोगों की उम्मीद पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है। सांसद धर्मबीर सिंह ने दूरभाष पर बताया कि चरखी दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन कभी महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ होकर नहीं निकलनी थी। उन्होंने खुद इस बारे में जानकारी हासिल की है। पिछले दिनों जो सर्वे हुआ है। वो एकदम सहीं है। चरखी दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन कनीना होकर ही निकलनी थी। इससे पूर्व रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा ने महेंद्रगढ़ नारनौल होकर रेलवे लाइन निकाले जाने की पुरजोर वकालत की थी जिस पर अटेली कनीना के लोगों ने एतराज जताया है।

सांसद के रेलवे लाइन को लेकर आए ब्यान के बाद स्थानीय नेताओं व लोगों में काफी रोष है। लोगों का कहना है कि महेंद्रगढ़ शहर के साथ हमेशा भेदभाव होता आया है। एक फिर से क्षेत्र के नेताओं की कमी चलते महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ के साथ अन्याय हुआ है। बता दें कि वर्ष 2012 में रेल मंत्रालय ने दक्षिण हरियाणा व अलवर को रेल मार्ग से जोड़ने के लिए बजट में दादरी से वाया महेंद्रगढ़, नारनौल, बहरोड़ होते हुए अलवर तक नई रेल लाइन सर्वे की घोषणा की थी लेकिन सर्वे के लिए बजट नहीं दिया गया। जिसे दो साल योजना कागजों में रहीं। पिछले दिनों दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन को कनीना से निकाला जा रहा है। इसको लेकर सर्वे भी हो चुका है।

किस नेता का क्या है कहना

-सांसद धर्मबीर सिंह का कहना है कि उन्होंने इस बारे में जानकारी हासिल की है। दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन कभी भी महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ होकर नहीं गुजरनी थी। अभी जो पिछले दिनों जो सर्वे हुआ है, वह सही है।

-महेंद्रगढ़ विधायक राव दानसिंह का कहना है कि चरखी दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ होकर जाने थी। इसको लेकर पहले कई बार सर्वे भी हो चुका है। कनीना से इस लाइन को निकालने का कोई फायदा नहीं है। अगर यह रेलवे लाइन पुराने सर्वे के आधार पर निकाली जाती है तो कनीना के साथ-साथ महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ जैसे तीन बड़े शहरों का विकास होगा। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी।

-पूर्व शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा का कहना है कि वह घरेलू कार्यक्रम होने की वजह से थोड़े व्यस्त थे। इस सप्ताह रेलमंत्री से मुलाकात कर इस बारे में बात की जाएगी। क्षेत्र की आवाज को दबने नहीं दिया जाएगा।

-महेंद्रगढ़ नगर पालिका के चेयरमैन रमेश सैनी का कहना है कि अहीरवाल के साथ हमेशा से भेदभाव होता आया है। पुरानी सर्वे से आधार पर रेलवे लाइन निकालने से महेंद्रगढ़ सहित अन्य शहरों को काफी फायदा होगा। महेंद्रगढ़ वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र एक बड़ा हब बन चुका है। वहीं, यहां सेट्रल यूनिवर्सिटी होने के कारण देश के हर कोने से बच्चे शिक्षा करने आते है। अगर पुराने सर्वे के आधार पर रेलवे लाइन निकाली जाती है तो काफी फायदा होगा।

-पूर्व विधायक राव बहादुरसिंह का कहना है कि यह क्षेत्र के साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ है। यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुराने सर्वे के आधार पर अगर रेलवे लाइन निकलती तो महेंद्रगढ़ के साथ-साथ नारनौन व बहरोड़ शहर को काफी फायदा होता। सरकार को इस रेलवे लाइन को पुराने सर्वे के आधार पर निकालना चाहिए। स्थानीय लोगों को साथ जोड़कर मुख्यमंत्री तक क्षेत्र की आवाज पहुंचाई जाएगी।

बार एसोसिएशन ने रेल मंत्री के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन

महेंद्रगढ़ बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने बार प्रधान बंसीलाल यादव की अध्यक्षता में रेल मंत्री को ज्ञापन सौंपा। बार प्रधान ने बताया कि नई रेल परियोजना में पहले जब सर्वे हुआ था, उस समय रेल लाइन को दादरी से महेंद्रगढ़, महेंद्रगढ़ से नारनौल तथा आगे बहरोड होते हुए अलवर जाना था। परंतु बिना किसी कारण के इस परियोजना को बदलते हुए सरकार ने महेंद्रगढ़-नारनौल को इस सुविधा से महरूम कर दिया है, जिससे इलाके के लोगों को आमजन के विकास पर भारी असर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जनहित में पुराने प्लान के तहत रेल परियोजना को दादरी से महेंद्रगढ़ तथा महेंद्रगढ़ से नारनौल होते हुए जाना चाहिए। इससे क्षेत्र के विकास में गति होगी। इस मौके पर उनके साथ जजपा लीगल सेल जिला अध्यक्ष जिम्मी चौधरी, जितेंद्र यादव, गोरी शंकर, रविंद्र बसई, शमशेर यादव तथा अन्य अधिवक्ता थे।

इस मुद्दे को लेकर अटेली के विधायक सीताराम यादव ने वर्तमान सर्वे के हिसाब से चरखी दादरी अलवर रेल रूट को बनाए जाने की पुरजोर वकालत की है उन्होंने कहा कि यह सबसे छोटा रूप है। करीना बार एसोसिएशन के साथ शहर के अनेक गणमान्य लोगों ने गत दिवस इस सर्वे को उचित ठहराते हुए इसे बनाने पर अपना मांग पत्र कनीना प्रशासन को दिया था।

कस्बा कनीना के एक प्रतिनिधिमण्डल के साथ सर्व समाज मंच के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम गोमला ने अलवर चरखी दादरी रेलवे लाईन बारे रामबास गाँव में लोगों से मिलकर विषय के महत्व बारे चर्चा की |

बैठक में बताया कि यह रेलवे लाईन अटेली हल्के के लिए बहुआयामी विकास के रास्ते प्रशस्त करेगी | गाँव रामबास में इस रेलवे लाईन का एक स्टेशन होना तय हुआ है |

उन्होने कहा कि उक्त सर्वे रेलवे विभाग ने बिना किसी दबाब के अपनी सहूलियत अनुसार की है जो अलवर से चरखी दादरी तक का सबसे छोटा मार्ग बनता है | 

उन्होने कहा कि अब तक सर्वथा उपेक्षित रहे इस क्षेत्र को ले देकर रेलवे विभाग ने यह उचित और छोटा मार्ग सुझाया है जिससे अति उपेक्षित रहे क्षेत्र का बहुआयामी विकास होगा | जिले में अन्य बहुत से बड़े प्रोजेक्ट आए और आने की सम्भावना है जिसमें उक्त गांवों के लोग बढ़चढ़ कर सहयोग करते हैं | इसलिए बाकि सभी नेताओं को भी अनावश्यक बयानबाजी करके इसे विवादित नही करना चाहिए | 

उन्होने रोहतक के सांसद अरविन्द शर्मा पर निशान साधते हुए कहा कि  वह अपने हल्के के कोसली के ओवर ब्रिज का पहले सुधार करें दूसरे क्षेत्रों में अपनी टांग ना अडाएँ |

उन्होने कहा कि इस रेलवे लाइन के होने  से दादरी कनीना अटेली बहरोड़ अलवर के लोगों को मनेठी एम्स में जाने की सुविधा उपलब्ध होगी जो कठूवास बनने वाले जंक्सन से महज़ 5 से 7 किलोमीटर  दूरी पर स्थित होगा  | इस रेल मार्ग से बाघेश्वर धाम के दर्शन के लिए भी सुविधा जो बाघोत में है | यह रेलवे मार्ग सड़क मार्ग से बहुत ही छोटा होते हुए भी कई कस्बों को आपस में जोड़ते हुए जाएगा | यह रेल मार्ग हरियाणा प्रदेश को राजस्थान प्रदेश से जोड़ने का काम करेगा और व्यवसाय में और रोजमर्रा की जिंदगी में मील का पत्थर होगा | यह रेल मार्ग  छोटा मार्ग है जिससे यात्रियों की समय में बचत होगी वह मालगाड़ी माल भाड़े में भी कीमत कम होगी |

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