जाटौली एसटीपी के वेेस्ट वाटर को छोेड़ने का किया जा रहा विरोध.
जबरन गदा पानी गांव की सीमा में छोड़ा तो करेंगे अज्ञैर बड़ा प्रदर्शन.
आरोप बिना वेस्ट वाटर डिस्पोजल योेजना एसटीपी बना किया आंरंभ

फतह सिंह उजाला

पटौदी। पटौदी क्षेत्र के ग्रामीणों ने पटौदी एमएलए , सूबे के सीएम सहित हरियाणा सरकार के विरोध के नारे लगाए। बुधावार को जैसे ही इस बसत का ग्रामींणो को पता लगा कि जटौली एसटीपी के पानी को पुलिस प्रशासन का डर दिखाते हुए महचाना गांव के सीमा क्षेत्र में छोड़ने का पुनः प्रयास किया जा रहा है। आरोप लगाया गया कि पिछले तीन महीने से पब्लिक हेल्थ व इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अधिकारी राजनीतिक दवाब के कारण व जटौली के एसटीपी की अपनी विफलता छुपाने के लिए एसटीपी के पानी को बार बार पड़ोसी गांवो के सीमा क्षेत्र में छोड़ने का प्रयास कर रहे है। गांव महचाना, फरीदपुर व खंडेवला के महिलााएं और पुरूष सहित युवा बार-बार इसका विरोध भी दर्ज कराते आ रह है।  प्रशासन हर बार झूठा आश्वासन देकर कुछ दिन बाद पुनः कार्य शुरू कर देता है। प्रशासन के हठ से परेशान गांव महचाना के ग्रामीण  कड़े विरोध के साथ एसटीपी पर ही इक्कठे  हो गए, यहां पर विभाग के अधिकारियों सहित पटौदी के एमएलए, सूबे के सीएम के खिलाफ नारेबाजी करते कहा कि, हमें गंदा पानी नहीं चाहिये… नहीं चाहिये। बुधवार को जैसे ही गांव महचाना व ढाणी वालो को मौके पर जेसीबी चलने का पता चला तो भारी संख्या में बुजुर्ग,महिलाएं व युवा मौके पर पहुंचे। भारी तादात में ग्रामीणों को देखते हुए अधिकारियों ने पुलिस प्रशासन को बुलाया।

महचाना के ग्रामीणों ने साफ कर दिया है की अगर सरकार व प्रशासन जाटौली के एसटीपी के गंदे पानी को नजफगढ़ ड्रेन में भी लेकर जाना चाहते है तो पूरे प्रोजेक्ट का ले आउट प्लान व प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट डिटेल ग्रामीणों को दिखाई जाएं।  महचाना, ढाणी से मुसेदपुर वाले रास्ते का चयन करने की बजाय किसी दूसरे रास्ते का चयन किया जाए। क्योंकि पूरे इलाके को पानी सप्लाई करने वाली पेयजल योजना का हिस्सा बादली पाइपलाइन इसी रास्ते से ही गुजर रही है।  हाल में चल रही पेयजल पाइपलाइन का जाल भी गांव के अंदर बिछा हुआ है।  अभी तक जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के पास ना तो कोई ठोस प्रोजेक्ट प्लान है। न ग्रामीणों के सवाल का जवाब,  केवल लुहारी माइनर क्रॉस करके इस पानी को महचाना, फरीदपुर व खंडेवाल के सीमा क्षेत्र में छोड़ने के लिए  यसेजना बनाने में जुटे है।

लेकिन ग्रामीणों ने साफ तौर पर इस गंदे पानी को अपने क्षेत्र से पहले रोकने का अल्टीमेट दे दिया। ग्रामीणों ने खुले तौर पर कहा है की अगर पानी को उनके गांव की तरफ बढ़ाने का प्रयास की गया तो हम बलिदान देने से पीछे नहीं हटेंगे। अपनी भू संपदा व भावी पीढ़ी की इस लड़ाई में दिया गया बलिदान सर्वाेच्च बलिदान होगा।  मौे पर मौजूद ग्रामींणों के मुताबिक कुछ बातें यह भी चल रही है की अधिकारी इस पानी को लुहारी माइनर में छोड़ने की दिशा में भी कार्य कर रहे है। अगर ऐसा होता है तो कई गांव के जोहड़ जो लुहारी माइनर से जुड़े है, उनमें भी दूषित पानी पहुंचेगा। यह गंदा पानी किसी भी गांव को बर्दास्त नही व सब इसका विरोध करते है। इस मौके पर पर गांव महचाना से ब्रह्म सिंह, कवरपाल, उमेद प्रधान, जयकिशन,कृष्ण,मनीष एडोवेट,राहुल चौहान, बबलू,राजकुमार करोला, भारत भूषण, कुलदीप, कोमल, दीपक, जगदीप, रंजीत, फतह, संदीप, देवेंद्र,भूपेंद्र सहित भारी संख्या में महिलाएं मौजूद रही।

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