समाजसेवी संस्थाओं, साहित्यकारों एवं गणमान्यजनों द्वारा मिल रही बधाइयां

चंडीगढ़ : भिवानी शहर के लाडले सपुत एवं प्रतिष्ठित साहित्यकार माधव कौशिक को चंडीगढ़ हिंदी साहित्य अकादमी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल दो वर्ष का रहेगा। माधव कौशिक ने अपनी शिक्षा भिवानी में पूरी की। पश्चात चंडीगढ़ नौकरी पर चले गए। साहित्य सर्जनता की शुरूआत जो भिवानी से हुई थी, उस साहित्य साधना को उन्होने चंडीगढ़ में भी जारी रखा। उन्होने जीवन का अर्थ तलाशने में अपना जीवन लगा दिया। माधव का कहना है कि रचना का जन्म किसी दबाव में नहीं हो सकता वरन् अन्दर की भावनाओं का ज्वार अपने उफान के साथ रचना को जन्म देता है।

माधव कौशिक समसामयिक साहित्य का वह नाम है, जिनके लिए लेखन मात्र लिखना भर नहीं है वरन् पूरी शिद्दत के साथ अपने मनोभावों को प्रस्तुत करना है। उन्होने अपने परिवेश की घटनाओं को अपने सााहित्य लेखन में समाया है। भाववनाओं को उन्होने शब्द देकर मुखरित किया है। वें केंद्रीय हिंदी साहित्य आकदमी के भी उपाध्यक्ष रह चुके हैं और भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य हैं। करीब तीन दर्जन से भी अधिक कीताबें उनकी प्रकाशित हो चुकी हैं। माधव कौशिक हंस कविता सम्मान, रविन्द्र नाथ वाशिष्ठ सम्मान, हिंदी साहित्य सम्मेलन प्र्रयाग के राजभाषा रत्न सम्मान, बाबू बालमुकंद गुप्ता सम्मान, अखिल भारतीय बलराज साहनी पुरस्कार, महाकवि सुरदास सम्मान से वें नवाजे जा चुके हैं। ऐसे प्रतिष्ठित साहित्य सर्जक को चंडीगढ़ हिंदी साहित्य अकादमी का चेयरमैन बनाए जाने पर प्रदेश ही भी अन्य प्रदेश की समाजसेवी संस्थाओं,साहित्यकारों, षडदर्शन साधुसमाज एवं गणमान्यजनों द्वारा बधाइयां मिल रही है। भिवानी के साथ साथ हरियाणा के हर व्यक्ति को माधव कौशिक पर गर्व है।

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