– युवा नई तकनीक अपनाकर स्किल अर्जित कर रोजगार देने वाले बने-श्री दत्तात्रेय
-राज्यपाल ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू की पुस्तक ‘कथासतिसागर‘ का किया विमोचन
-विश्वविद्यालय के प्रोसपेक्टस का भी राज्यपाल ने विमोचन किया

गुरूग्राम, 5 जुलाई। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा 70 हजार नए स्टार्ट अप भारत में आए। इस स्टार्ट अप की संस्कृति को आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं का भी आह्वान किया कि वे नई तकनीक को अपनाकर हुनरमंद बने और अपने दूसरे साथियों को रोजगार उपलब्ध करवाने वाले बनें।

वे आज गुरूग्राम में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के अस्थाई परिसर में पुस्तक विमोचन तथा समीक्षा बैठक में शामिल होने आए थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू की कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित पुस्तक कथासतिसागर नामक पुस्तक का विमोचन किया। इसके अलावा, राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के प्रोस्पेक्टस का भी विमोचन किया और विश्वविद्यालय के 6 विद्यार्थियों को विभिन्न उद्योगों में नौकरी के लिए ऑफर लेटर भेंट किए।

इस मौके पर अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि किसी भी देश , जाति को दुनिया में अपनी पहचान बनाए रखनी है तो उसे अपनी संस्कृति, विरासत , रहन सहन, सभ्यता, संगीत , नृत्य आदि को जीवित रखना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए पुस्तक सशक्त माध्यम है । उन्होंने कहा कि पुस्तक के लेखक राज नेहरू ने कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत को संजोकर पुस्तक का रूप दिया है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक देश के महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में रखी जानी चाहिए, ऐसा उनका मानना है। इसके साथ उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का मुकुट है और कश्मीर के बिना हम भारत के बारे में सोच भी नही सकते। कश्मीर की संस्कृति देश की राष्ट्रीय संस्कृति है। कश्मीर भारत है और भारत कश्मीर है।

कौशल विकास के महत्व पर बोलते हुए राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार देश में कौशल मंत्रालय बनाया । उन्होंने कहा कि कौशल विकास प्रधानमंत्री के दिल के बहुत करीब है जिसका जितना कौशल होगा , उसको उतना ही बड़ी नौकरी मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश का पहला कौशल विश्वविद्यालय हरियाणा में खोला गया है जिसके लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि भारत में एक अनुमान के अनुसार 94 प्रतिशत असंगठित श्रमिक हैं और इन सभी को कोई भी संस्था नौकरी नही दे सकती लेकिन हर व्यक्ति में कोई ना कोई स्किल अथवा कौशल होता है जिसे तराशने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में नई नई तकनीक आ रही है और जो इन्हे नही अपनाएगा वह पिछड़ जाएगा। युवाओं को चाहिए कि वे नई तकनीक को अपनाकर स्टार्ट अप शुरू करें तथा रोजगार मांगने वालों की बजाय रोजगार देने वाले बने। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं भी अब हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं जोकि अच्छी बात है। महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। राज्यपाल ने स्वयं में विश्वास रखने पर भी बल दिया और फ्रांस के विख्यात नेता नेपोलियन बोनापार्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि संकल्प करने पर आप किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने आशा जताई कि हरियाणा का कौशल विश्वविद्यालय एक दिन देश का उद्यमिता का प्रमुख केन्द्र बनेगा।

इससे पहले, विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कथासतिसागर पुस्तक की विषय सामग्री पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, उन्होंने कौशल विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय का प्रयास है कि हरियाणा के युवा कौशल के माध्यम से अपनी आजीविका कमाने लायक बने। इसके लिए विश्वविद्यालय में विभिन्न रोजगारपरक कोर्सों के अलावा नई उभरती तकनीक भी सिखाई जा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय का उद्योगो के साथ अच्छा समन्वय है जहां पर युवाओं को शिक्षा के साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर रोजगार दिलावाया जा रहा है। विश्वविद्यालय के कुल सचिव आर एस राठौर ने पावर प्वाइंट प्रैजेंटेशन के माध्यम से विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त में बताया। विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक्स ज्योति राणा ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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