जजपा की ओर से एक शराब कारोबारी की सहायता से सट्टा बाजार पर किया गया कब्जा राव इंद्रजीत सिंह की तानाशाही एवं मंत्री ओमप्रकाश यादव की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध भाजपा ने किया भितरघात रामपुरा हाउस के खिलाफ कांग्रेस के राव नरेंद्र सिंह ने किया कमलेश सैनी का अंदरुनी समर्थन रहा निर्दलीय प्रत्याशी कमलेश सैनी ने जीत के तुरंत बाद उप मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री से की भेंट नेताओं के साथ भेट के समय भाजपा जिलाध्यक्ष रहे मौजूद अशोक कुमार कौशिक नारनौल । बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में नारनौल नगर परिषद की नवनिर्वाचित चेयर पर्सन कमलेश सैनी ने अपने पति के साथ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से भेट की। तत्पश्चात वह प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मिली उस समय उनके साथ जिला महेंद्रगढ़ भाजपा के जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा भी थे। बस पति वार को पेट की जारी हुई तस्वीरों ने सफर कर दिया कि नारनौल नगर परिषद का चुनाव पूर्व नियोजित तरीके से लड़ा गया जिसमें अपनों ने ही अपनों के खिलाफ शह मात का खेल खेला। राजनीति की शतरंज पर बिछाई गये इन मोहरो को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। रामपुरा हाउस के खिलाफ जजपा तथा भाजपा का अंदरूनी भितरघात रहा वही प्रदेश के पूर्व मंत्री रहे राव नरेंद्र सिंह ने भी कहीं रामपुरा हाउस का प्रत्याशी विजेता ना बन जाए निर्दलीय कमलेश सैनी के पक्ष में अपने समर्थकों का मतदान करवाया। नारनौल नगर परिषद के चेयरपर्सन के चुनाव में कमलेश सैनी के पक्ष में भारी मतदान के बाद तरह-तरह के खुलासे होने शुरू हुए। जजपा की तरफ से कमलेश सैनी को लेकर एक सुनियोजित राजनीतिक शतरंज की बिसात बिछाई गई। जजपा के रणनीतिकारों ने अपनी ही पार्टी के एक पदाधिकारी जो शराब के किंग बताए जाते हैं ने स्थानीय शराब की व्यापारी की सहायता से सट्टा बाजार पर कमलेश सैनी के पक्ष में पैसा लगाया गया। स्टोरियो को कमीशन का प्रलोभन देकर सट्टा बाजार पर कब्जा किया गया और इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि कमलेश सैनी का भाव शुरू से कहीं उनकी रणनीति से बाहर ना चला जाए। सट्टा बाजार के भाव के द्वारा यह कोशिश की गई कि कमलेश सैनी की जीत के बारे में जनता को आश्वस्त किया जाए। इसके बाद शतरंज की दूसरी बिसात के रूप में जजपा के कुछ लोगों द्वारा सैनी बिरादरी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पूर्व चेयरपर्सन भारती सैनी के पति सैनी के माध्यम से कमलेश सैनी का नाम प्रस्तावित करवाया गया। समाज की एकजुटता दिखाने के बाद समाज के ही दो अन्य कैंडिडेट सुरेश सैनी तथा प्रमोद तरेडिया को उम्मीदवार तैयार किया गया। प्रमोद तरेडिया को इनेलो की तरफ से तथा सुरेश सैनी को आप पार्टी की तरफ से मैदान में उतारा गया। चुनाव परिणाम के बाद यह स्पष्ट हो गया कि प्रमोद तरेडिया और सुरेश सैनी इसी रणनीति का एक हिस्सा थे। जननायक जनता पार्टी की ओर से रचे गये व्यूह में उन वार्डो में तीन लाख के हिसाब से मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए धन उपलब्ध करवाया गया। यह राशि उन वार्डो में नहीं दी गई जहां सैनी बिरादरी का बहुमत था। सैनी बिरादरी की पंचायत के बाद एकजुटता तो तय हो गई थी, इसलिए केवल 10 वार्डों में तीन लाख की धनराशि व्यय की गई। चुनाव परिणाम के बाद किस प्रकार की कुशल पुसर शहर में काफी जोरों पर है। अब तो चर्चा यहां तक भी है कि प्रदेश के पूर्व मंत्री रहे कांग्रेसी राव नरेंद्र सिंह ने भी रामपुरा उसको मात देने के लिए कमलेश सैनी के पक्ष में मतदान करवाया। उन्होंने रामपुरा हाउस के वटवृक्ष की जड़ों को कमजोर करने के लिए मट्ठा डाल दिया। इस बार नारनौल नगर परिषद के चुनाव में रामपुरा हाउस के द्वारा थोपी गई उम्मीदवारी का प्रबल विरोध हुआ साथ में रामपुरा हाउस के समर्थक राज्य के मंत्री ओम प्रकाश यादव का भी खुलकर विरोध देखने को मिला। रामपुरा हाउस के वर्चस्व पर अंकुश लगाने के लिए जजपा तथा भाजपा का संगठन अंदरूनी रुप से सक्रिय रहा। चुनाव परिणाम ने तय कर दिया कि सब कुछ पूर्व नियोजित तरीके से राजनीति शतरंज पर पासे फेंटे गए। नवनिर्वाचित चेयरपर्सन कमलेश सैनी की चंडीगढ़ में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ मुलाकात में भाजपा के जिला प्रधान राकेश शर्मा की उपस्थिति ने इस खुलासे का भंडाफोड़ कर दिया। यह भी सर्वविदित है कि नगर परिषद नारनौल के चुनाव में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के मोबाइल संदेशों कुछ प्रभावशाली लोगों पर दबाव डाला गया। चुनाव परिणाम से मंत्री के दावों की भी पोल खुली नारनौल के विधायक एवं प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश यादव ने 19 जून को पोलिंग के दिन अपनी पायलट और सुरक्षा गाड़ी के साथ सभी पोलिंग स्टेशनों पर घूम घूम कर यह जताने का प्रयास किया कि वह भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार को जिताने में जी-जान से जुटे हुए हैं। उनका पोलिंग बूथ पर तामझाम के साथ जाना वोटरों को काफी अखरा और इस मामले में चुनाव आयोग को शिकायत भी की गई। यदि मंत्री जी इस दिखावे की बजाए नारनौल के उन वार्डों में जहां उनकी ससुराल है और जहां उनका निवास, में ध्यान देते तो ज्यादा बेहतर रहता। यहां इनका प्रभाव भी होना चाहिए था । मंत्री का नारनौल के मोहल्ला रावका में ससुराल है और उनका निवास स्थान टीवी टावर की पहाड़ी के नीचे तथा ऑफिस मोहल्ला खड़खड़ी में हैं। इन तीनों ही जगह पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को निर्दलीय प्रत्याशी के मुकाबले भारी मतों से हार का मुंह देखना पड़ा है । जिस मोहल्ले में मंत्री की ससुराल है उस वार्ड में कमलेश सैनी को 1235 और संगीता यादव को मैच 297 वोट मिले हैं। इसी प्रकार जिस मोहल्ले में मंत्री का निवास और आफिस उन बूथों से कमलेश सैनी को 1159 और भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार को 468 वोट मिले हैं। चर्चा यह भी है कि पंचकूला की बैठक में जब टिकट वितरण की बात चल रही थी तो मंत्री यह दावा करके आए थे कि वे संगीता यादव को जीता कर लाएंगे। ऐसा भाजपा के अनेक नेताओं से सुना गया है, इसमें कितनी सच्चाई है यह तो भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेता जानते हैं। अगर ऐसा हुआ है तो मंत्री के दावे हवा हवाई हो गए। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दावों का पोस्टमार्टम भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव मनीष मित्तल के वार्ड नंबर 21 की स्थिति इस प्रकार रही इस वार्ड में कुल वोट 1717 पड़े जिसमें कमलेश सैनी को 726, संगीता यादव को 421 ममता शर्मा को 331 वोट मिले हैं। यह वार्ड सदा बीजेपी का गढ़ रहा है। इसमें महाजन, ब्राह्मण बाहुल्य वोट हैं। इसके अलावा शहर के वार्ड नंबर 18 की बात करें तो यह वार्ड भाजपा से टिकट की लाइन में लगे लक्ष्मी सैनी और जेपी सैनी का वार्ड था। इस वार्ड में 1783 पोल हुए थे। इसमे कमलेश सैनी को 1266, संगीता यादव को 229 वोट मिले है।इस वार्ड में 40 प्रतिशत मतदाता गैर सैनी है और कुछ महाजन और सिख खुलकर भाजपा के साथ थे, जिनकी बदौलत यहां 229 वोट संगीता को मिले। इस वार्ड की रहनी वाली एक नेत्री जिसे शेरनी और झांसी की रानी का खिताब दिया जा रहा था। इस नेत्री ने भाजपा की बैठक में 30 प्रतिशत सैनी समुदाय के मत दिलाने का वादा किया था। उनकी वार्ड का मतदान सबके सामने हैं। इनके अलावा वार्ड 17 में 1587 वोट पोल हुये। इस वार्ड में पॉलिंग के दौरान मंत्री ने दो बार ना जाने क्यों दौरे मारे। इस वार्ड में कमलेश सैनी को 1390, संगीता को 61वोट मिले । Post navigation बावल चेयरमैन बने वीरेंद्र सिंह की जीत में भाजपा कांग्रेस का गठबंधन छिपा वन रैंक वन पेंशन का नारा देकर सत्ता में आई सरकार ने लागू की ” नो रैंक नो पेंशन ” स्कीम : राव नरेंद्र सिंह