भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। 19 तारीख को निकाय चुनाव हुए थे, 22 को गिनती होनी है। गिनती होने के बाद पता लगेगा कि कौन कितने पानी में है। सभी राजनैतिक दल दावा कर रे हैं कि प्रदेश की जनता उनके साथ है, चाहे उसमें सत्तारूढ़ भाजपा हो या मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस या फिर नए जोश में आए आप पार्टी वाले। कौन कहां खड़ा है यह चुनाव परिणाम बताएंगे। भाजपा हां-ना के पश्चात नाममात्र चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ी, जबकि कांग्रेस ने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लडऩा मुनासिब नहीं समझा। हालांकि आम धारणा यह है कि विपक्षी दल को चुनाव चिन्ह पर लडऩा चाहिए, ताकि जीतने पर वह उम्मीदवार सत्तारूढ़ दल के साथ न हो जाएं परंतु यहां उल्टा हो रहा है, सत्तारूढ़ दल भाजपा चुनाव चिन्ह पर लड़ रही है। यदि उसके उम्मीदवार नहीं जीते तो होगी बड़ी फजीहत। सोहना चुनाव और कांग्रेस: गुरुग्राम में सोहना में चुनाव हो रहे हैं और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज भी सोहना में ही रहते हैं। जितेंद्र भारद्वाज की ओर से किसी को भी समर्थन नहीं दिया, शेष हरियाणा में कांग्रेस विधायकों ने या नेताओं ने किसी न किसी उम्मीदवार को समर्थन दे रखा है। इससे गुरुग्राम के कांग्रेसियों में चर्चा है कि ऐसा ही होता है, जब बिना जनाधार वाले नेता को पद दे दिया जाए। इसके साथ-साथ सवाल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी उठ रहे हैं, क्योंकि यह माना जाता है कि जितेंद्र भारद्वाज भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ही पसंद हैं। तो क्या दस साल मुख्यमंत्री रहे नेता को यह नहीं पता कि किस आदमी का कितना जनाधार है या केवल संबंध या फिर पैसा देखकर पद दिए गए हैं। सोहना में मुख्य मुकाबला भाजपा और आप के बीच माना जा रहा है और कुछ लोगों का तो कथन यह भी है कि 19-21 के मुकाबले में आप 21 नजर आ रही है। चंद महीनों की तैयारी में आप की यह स्थिति भाजपा के संगठन पर सवाल अवश्य उठा रहही है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही चुनाव के पश्चात से ही मौन नजर आते हैं। कांग्रेस के बारे में तो कह सकते हैं कि वह राहुल गांधी की ईडी में पेशी के विरोध में धरना-प्रदर्शन में लगे हैं परंतु भाजपा जो बात-बात पर अपनी बड़ाईयों के पुल बांधने में नहीं चूकती, उनके भी किसी नेता की ओर से निकाय चुनाव के बारे में कोई ब्यान नहीं आया। हालांकि मुख्यमंत्री भी गुरुग्राम, रोहतक, चंडीगढ़, भिवानी आदि क्षेत्रों में घूम रहे हैं लेकिन कहीं भी निकाय चुनाव के संबंध में कोई ब्यान नहीं आया। इसी प्रकार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जिनका निवास गुरुग्राम में ही है, कल भी गुरुकमल में मीटिंग ली और अग्निवीर योजना तारीफ की तथा आज भी गुरुग्राम में वह योग दिवस मना रहे थे लेकिन निकाय चुनाव के बारे में उनका भी कोई वक्तव्य नहीं आया। इन बातों से चर्चाकार अनुमान लगा रहे हैं कि भाजपा का पक्ष इन चुनावों में कमजोर नजर आ रहा है भाजपाईयों को, क्योंकि इनका अपना सर्वे विभाग है जो जानकारी जुटाने में सबसे तेज है तो चुप्पी कुछ कहती है। कल ज्ञात होगा किस पार्टी का सम्मान बढ़ता है और किसका घटता है तथा भाजपा के कई मंत्री जो अपने क्षेत्र में उम्मीदवारों को जिताने में लगे हैं, उनका क्या होगा। यही स्थिति कांग्रेस की भी है और आप तो अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। Post navigation जिला में कोरोना के बढ़ते प्रसार के मद्देनजर डीसी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित आशीष राजपूत बने एबीवीपी गुरुग्राम जिला संयोजक