पर्यावरण संरक्षण को दैनिक जीवन में अपनाएं: प्रो. मंजुला
पर्यावरण में बदलाव है मानवता के लिये बड़ा खतरा :आदित्य पुंडीर।
कुवि के वाणिज्य विभाग व क्लाइमेट रिअलिटी प्रोजेक्ट नामक अंतरराष्ट्रीय संस्था के संयुक्त तत्वावधान में वेबिनार आयोजित।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 18 जून : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग और क्लाइमेट रिअलिटी प्रोजेक्ट नामक अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि प्रो. मंजुला चौधरी ने कहा कि पर्यावरण में ही रहे बदलाव एक बड़ा खतरा हैं और इनके संरक्षण में विश्वविद्यालयों को बड़ी भूमिका निभानी है। विश्वविद्यालयों में पर्यावरण संरक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए व विद्यार्थियों को इस बारे में प्रशिक्षण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नए पाठ्यक्रम में इसका समावेश किया जायेगा।

वेबिनार के मुख्य वक्ता क्लाइमेट रियलिटी प्रोजेक्ट के भारत के निर्देशक आदित्य पुंडीर ने विस्तार पूर्वक पर्यावरण में हो रहे बदलाव तथा उससे होने वाले खतरे के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में समुद्रों का जल स्तर बढ़ने से अनेक शहरों पर खतरा मंडरा रहा है। हरियाणा में पर्यावरण में बदलाव से फसल प्रभावित ही रही है और हर वर्ष तापमान बढ़ने से भारी नुकसान ही रहा है। उन्होंने बताया कि पेरिस समझौते को शीघ्र लागू करना चाहिए अन्यथा दुनिया को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा।

वेबिनार के दूसरे वक्ता डॉ. विवेक त्रिवेदी ने पर्यावरण में बदलाव का हरियाणा पर होबे वाले असर का आंकलन किया और विस्तार पूर्वक बताया कि इस बारे में सरकार, उद्योग तथा आम जनता सबको विशेष कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमे अपनी जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता है जिससे पर्यावरण उपयोक्त व्यवहार से ही होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।

एक सवाल के जवाब में वक्ताओं ने कहा कि एक गलत अवधारणा फैलाई जा रही है कि जैविक खेती से भोजन का उत्पादन कम हो जाएगा। ऐसा कहना ठीक नहीं है। कैमिकल आधारित खाद की भांति जैविक खाद को भी सब्सिडी मिलनी चाहिए तभी पर्यावरण का संरक्षण संभव होगा।

इस अवसर पर प्रो. तेजेन्द्र शर्मा ने मंच का संचालन करते हुए अतिथियों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में प्रो. नीलम ढांडा, प्रो. अजय सुनेजा, प्रो. सुभाष चंद डॉ. विरेन्द्र पूनिया तथा देश भर के शोधकर्ताओं तथा शिक्षाविदों ने भाग लिया।

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