डायरेक्टर को जमानत पर छोड़ा, तीन और छात्रों को किया गया शामिल जांच रोहतक – जीडी गोयनका स्कूल रोहतक में छात्रों से मारपीट के मामले में पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है। आईएमटी पुलिस ने अब इस मामले में स्कूल के डायरेक्टर को गिरफ्तार कर जांच में शामिल किया। पूछताछ के बाद डायरेक्टर को जमानत पर छोड़ा गया। इसके अलावा मारपीट करने वाले तीन छात्रों को बुलाकर शामिल जांच किया गया है। हालांकि बार-बार पुलिस के बुलाने पर भी प्रिंसिपल पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुई। वहीं रोहतक रेंज की आईजी ममता सिंह ने एसपी उदय सिंह मीना से मामले में रिपोर्ट मांगी है। अब तक की पुलिस जांच में सामने आया है कि सुबह नौ बजे झगड़ा होने के बाद सात बजे तक घायल छात्रों को अस्पताल में नहीं ले जाया गया था। छात्रों को घर पर झगड़े की सूचना देने से रोका गया। छात्रों के अभिभावकों ने ही छात्रों का उपचार करवाया। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल के गलत रवैये को देखते हुए अगले दिन पुलिस को शिकायत दी गई। मामले के अनुसार, जीडी गोयनका स्कूल में पढ़ने वाले 12वीं कॉमर्स के छात्र ने बताया था कि वह सेक्टर-2 में रहता है। छात्र ने आरोप लगाया कि वह 18 मई को अपने स्कूल में सुबह 9 बजे के आसपास कक्षा में जा रहा था। जब वह 12वीं आर्ट के क्लासरूम के सामने से गुजरा तो उसे शोर सुनाई दिया कि यहां पढ़ने वाले दिल्ली के एक छात्र को कुछ अन्य छात्र पीट रहे हैं। वह शौर सुनकर क्लास रूम में चला गया और छात्र को बचाने की कोशिश की। उसका आरोप है कि इसी दौरान करीब 9 लड़कों ने उस पर हमला कर दिया। उसके सिर में किसी तेजधार हथियार से चोट मारी गई, जिससे सिर फट गया। घटना में दोनों छात्र घायल हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में नौ छात्राें के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके बाद डायरेक्टर, प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल समेत अन्य के खिलाफ आईपीसी 201,202 दर्ज की गई। सोमवार को वाइस प्रिंसिपल को शामिल जांच कर जमानत पर छोड़ा गया था। जल्द ही कई और लोगों को जांच में शामिल किया जाएगा। पुलिस के जमानत देने पर अभिभावकों में रोष-अभिभावकों में इस बात को लेकर भी रोष व्याप्त है कि पुलिस ने अपने स्तर पर ही जमानत दी है। इस मामले की जानकारी आईजी ममता सिंह को दी गई है। जिसके बाद आईजी ने रोहतक पुलिस से रिपोर्ट ली है। साथ ही आईएमटी पुलिस को भी तलब किया गया है। इंजेक्शन लगाने वाले टीचर से पूछताछ-अभिभावकों ने पुलिस से छात्रों को इंजेक्शन लगाने वाले टीचर पर केस दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि बिना किसी मेडिकल डिग्री के किसी टीचर ने कैसे छात्र को इंजेक्शन लगा दिया। जबकि स्कूल में कोई डॉक्टर या नर्स उपलब्ध होनी चाहिए। पुलिस ने टीचर से भी पूछताछ की है। स्कूल के डायरेक्टर को जांच में शामिल किया गया। इसके अलावा मारपीट करने वाले तीन बच्चों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। बार-बार बुलाने के बाद भी प्रिंसिपल पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुई है। अन्य लोगों को भी जल्द पूूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।रत्न सिंह, जांच अधिकारी, आईएमटी थाना Post navigation मेरी कैबिनेट ने गौड़ ब्राह्मण संस्था को दी थी पहरावर गांव की जमीन, कोई इसे छीन नहीं सकता- हुड्डा नवीन जयहिन्द ने पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर को दी खुली चुनौती