राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने एनआईटी की न्यायपालिका, मानवाधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा में भगवद गीता की भूमिका पर 5 दिवसीय कार्यशाला का किया शुभारंभ।
आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष को समर्पित किया एनआईटी ने डायमंड जुबली वर्ष।
राज्यपाल ने डायमंड जुबली वर्ष के कार्यक्रमों की श्रृंखला का किया शुभारंभ।
राज्यपाल ने आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित महाराणा प्रताप की 482 जयंती पर दी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं।

कुरुक्षेत्र 10 मई : राज्यपाल बंडारु दत्तात्रये ने कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र 60 सालों की मेहनत और तपस्या के बाद तकनीकी शिक्षा अनुसंधान में एक रोल मॉडल के रुप में उभरा है। इस संस्थान ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नए पेशेवरों और उद्यमियों को पैदा करके देश के विकास में नए आयाम स्थापित किए है। इस समय प्रतियोगिता ने पूरी दुनिया को एक एकीकृत अर्थव्यवस्था में बदल दिया है। जहां केवल अर्थव्यवस्था के मामले में वहीं देश तरक्की करेगा, जो कम लागत में बेहतर टेक्नोलॉजी के साथ नागरिकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगा।

राज्यपाल बंडारु दत्तात्रये मंगलवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर आयोजित न्यायपालिका प्रणाली, मानवाधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा में भगवद गीता की भूमिका विषय पर 5 दिवसीय विशेष कार्यशाला के उदघाटन सत्र में बोल रहे थे।

इससे पहले राज्यपाल बंडारु दत्तात्रये, सांसद नायब सिंह सैनी, निट के निदेशक प्रोफेसर बीवी रेड्डी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, निट पांडिचेरी के निदेशक प्रोफेसर के शंकर नारायणसामी, आरईआरएफ के अध्यक्ष बीके डा. मृत्युंजय, डीन प्रोफेसर ब्रहमजीत सिंह, रजिस्ट्रार जीआर सामंतरे ने आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर आयोजित 5 दिवसीय कार्यशाला का दीपशिखा प्रज्जवलित करके विधिवत रुप से शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले महाराणा प्रताप के 482 वें जयंती पर महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इस कार्यक्रम में निट प्रशासन की तरफ से आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष को लेकर निट के 60 साल पूरे होने पर 30 जून 2023 तक चलने वाली गतिविधियों को लेकर एक डिजिटल रोड मैप का लोकार्पण भी किया।

राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को महाराणा प्रताप की 482 वीं जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महाराणा प्रताप ने न्याय, समानता और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी और उन्होंने जीवन में कभी हार नहीं मानी। ऐसे पराक्रमी वीर योद्घां के जीवन चरित्र से युवाओं को शिक्षा लेनी चाहिए। इस महान व्यक्तित्व से शिक्षा लेकर तकनीकी संस्थान युवा पीढ़ी को प्रण लेना चाहिए कि वे अपनी शिक्षा पूरा करने के बाद नौकरी के पीछे नहीं छोड़ेंगे अपितु नौकरी देने के उदेश्य से अपने आपको तैयार करेंगे। आज देा को इस प्रकार की युवा शक्ति की आवश्यकता है।

इस युवा शक्ति के बलबूते पर ही भारत को शक्तिशाली बनाना है ताकि दुनिया को कोई भी देश भारत वर्ष को तीरछी नजर से ना देख सके और जो देखने का दुस्साहस करेगा, उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्ही तमाम अहम विषयों को लेकर ही नई शिक्षा नीति को लागू करने का काम किया है। इस नई शिक्षा नीति को ग्रहण करने के उपरांत युवा पीढ़ी स्वयं अपने पैरों पर खड़ी होगी और आत्म निर्भर भारत के सपने को साकार किया जा सके। इसके साथ ही महिलाओं को भी आगे बढ़ाने का कार्य करना है, इस कार्य में निट जैसी संस्थाए अपना अहम योगदान दे सकती है।

उन्होंने कहा कि एनआईटी कुरुक्षेत्र राष्ट्रीय महत्व के कई अनुसंधान क्षेत्रों में जैसे कृषि और शहरी मानचित्रण के लिए भू – स्थानिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग, सडक़ और भवनों के निर्माण के लिए वैकल्पिक सामग्री, साइबर सुरक्षा, डेटाबेस और डेटा खनन, सामग्री विज्ञान और नैनो-प्रौद्योगिकी शामिल है। यहां संकाय सदस्यों को भी 12 पेटेंट दिए गए हैं और उन्होंने 25 और पेटेंट के लिए आवेदन किया है। इस संस्थान के सभी विभाग विभिन्न राज्य सरकार की एजेंसियों के लिए परामर्श कार्यों में भी शामिल हैं। एनआईटी के पास पूर्व छात्रों की एक समृद्ध सूची है, जिन्हें उनके संबंधित क्षेत्रों में अग्रणी माना जाता है। हीरो मोटोकॉर्प के एमडी और सीईओ, डॉ. पवन मुंजाल, डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के संस्थापक सीईओ सीएस राजू, जिसे बाद में कॉग्निजेंट का नाम दिया गया राकेश बख्शी, जिन्होनें आर आर बी एनर्जी की स्थापना की, और लार्सन एंड टूर्बो के एसएन सुब्रह्मण्यन, इत्यादि के कुछ ऐसे नाम हैं जोकि आपकी संस्था से शिक्षीत है।

इससे कोई भी कल्पना कर सकता है कि एन आई टी के पूर्व छात्रों ने देश के विकास में किस तरह का योगदान दिया है। यह शिक्षण और अनुसंधान की गुणवत्ता के कारण ही संभव हुआ है जो अत्याधुनिक तकनीकों और भविष्य के ज्ञान को उत्पन्न करता है।

राज्यपाल ने कहा कि कोरोना काल में तकनीकी से लोगों को बचाने का काम किया गया। इतना ही नहीं स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा तक, रक्षा से लेकर कृषि तक, न केवल अधिक रोजगार सृजित करने, निर्यात बढ़ाने बल्कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने और लोगों के जीवन को आसान बनाने में मदद करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की आवश्यकता है। तकनीकी विकास मानवीय जरूरतों और सामर्थ्य के अनुरूप होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए अनेक शुरूआत की गई है। इसके लिए एक समग्र सेमी कंडक्टर इको सिस्टम और डिस्पेल मैन्यूफ्रेक्चरिंग विकास के लिए 76 हजार करोड़ रुपए के सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को मंजूरी दी है।

सांसद नायब सिंह सैनी ने प्रदेशवासियों को महाराणा प्रताप की जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महापराक्रमी योद्घा महाराणा प्रताप के जीवन से युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर इतिहास को लोगों तक पहुंचाने और वीरों की गाथा से युवा पीढ़ी को आत्मसात करवाने के लिए 15 अगस्त 2023 तक विशेष कार्यक्रम चलाया है ताकि युवा पीढ़ी वीर गाथाओं से प्रेरित हो सके। निट के निदेशक बीके रमना रेड्डी ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि निट ने पिछले 60 सालों में देश-दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इस संस्थान को रोल मॉडल तकनीकी संस्थान बनाने का रोडमैप तैयार किया गया है और आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर निट की डायमंड जुबली कार्यक्रमों को समर्पित किया गया है। इस संस्थान में 34 एमओयू पर हस्ताक्षर किए है और डीआरडीओ, इसरों और युनेस्को जैसे संस्थानों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। अब सोशल और ह्यूमन इंजीनियरिंग का पाठ भी बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इस कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति सोमनाथ सचदेवा, निदेशक प्रोफेसर के शंकर नारायणसामी, आरईआरएफ के अध्यक्ष डा. मृत्युजंय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डीन प्रोफेसर ब्रहमजीत सिंह ने मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर उपायुक्त मुकुल कुमार, पुलिस अधीक्षक डा. अंशु सिंगला, एडीसी अखिल पिलानी, एसडीएम नरेंद्र पाल मलिक आदि उपस्थित थे।

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