चंडीगढ़, 3 मई, 2022 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश के युवा बेरोजगारी और सरकारी शह पर नौकरियों में भ्रष्टाचार की दोहरी मार झेल रहे हैं।

सीएमआईई के नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ हरियाणा प्रदेश में बेरोजगारी के मामले में पूरे देश में नंबर एक पर लगातार बना हुआ है वहीँ नौकरियों में भ्रष्टाचार और घोटालों में हर महीने एक नया खुलासा हो रहा है, पर उस सबके बावजूद सरकार भर्ती घोटालों में असली गुनाहगारों को बचाने में लगी है। हरियाणा में बेरोज़गारी दर 34.5 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है, जो देश की बेरोजगारी से चार गुना है। पेपर खुले आम मंडी में बिक रहे हैं और युवाओं का भविष्य “अटैची सरकार” ने बेच डाला है।

सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण ही आज हरियाणा का युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहा है। प्रदेश के सभी सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में कुल 7.60 लाख पदों में से लगभग 43 प्रतिशत यानी 3.32 लाख पद खाली पड़े हैं, जो बेरोजगारों के प्रति सरकार के रवैये को बताने के लिए काफी हैं। जहाँ-जहाँ सरकारी पदों के लिए इंटरव्यू और लिखित परीक्षाएं होती हैं वहां भी योग्यता की बजाए पैसे और सिफारिश का खेल खुलेआम चल रहा हैं। इस सरकार ने नौकरियों में भ्रष्टाचार का नया रिकॉर्ड बनाया है। यह समझ से बाहर है की सरकार विपक्ष की बार- बार मांग के बावजूद भर्ती घोटालों में असली गुनाहगारों को क्यों बचा रही है।

सुरजेवाला ने कहा कि यह बेहद ही शर्मनाक है कि रिकॉर्ड तोड़ महंगाई और बेरोजगारी के बीच इस सरकार की शह पर ही पेपर लीक माफिया फल-फूल रहे हैं। आजकल उद्योगों से बिजली गायब है, हरियाणा में बीते दो महीने में ही लगभग पांच लाख लोग बेरोजगार हो चुके हैं। बिजली किल्लत के कारण प्रदेश में रोजगार ठप पड़े हुए हैं और लोगों की नौकरियां लगातार जा रही हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में लोकसेवा आयोग और एचएसएससी में आठ साल से हो रहे घपलों और घोटालों ने खट्टर सरकार के चाल-चरित्र और चेहरे को बेनक़ाब करके रख दिया है। उन्होंने कहा कि पिछली भर्तियाँ इसलिए खारिज की गईं थीं, क्योंकि पब्लिक सर्विस कमीशन के सचिव से करोड़ों रुपए पकड़े गए थे, पर इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी ही चाहिए की वो रिश्वत का रुपया किस-किस सफेद पोश तक जा रहा था? आज तक उनका खुलासा नहीं हुआ, न कोई पकड़ा गया की नौकरी घोटालों में सरकार में बैठे कौन से-कौन से लोग शामिल रहे।

सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 7 महीनों में जिन युवाओं ने जरूरी योग्यता प्राप्त कर ली है, उनकी उम्मीदवारी को सरकार कैसे मना कर सकती है? एचसीएस और डेंटल डॉक्टर के पेपर में सब योग्यता प्राप्त युवाओं को भाग लेने इजाज़त होनी चाहिए। सरकार ये कैसे कह सकती है कि अगर 7 महीने में आप पढ़-लिख लिए, आप योग्य तो हो हैं, आपको डिग्री तो मिल गई, फिर भी आपको एचसीएस का एग्जाम में हिस्सा नहीं लेने देगी? भाजपा-जजपा सरकार बुलडोजर के नीचे संविधान को हर रोज रौंद रही है।

मुख्यमंत्री से सीधा सवाल करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि तथाकथित मेरिट पर भर्ती का दावा करने वाले हरियाणा लोकसेवा आयोग और खट्टर-दुष्यंत सरकार को एचसीएस प्री व डेंटल सर्जन परीक्षा रद्द करने में सात महीने क्यों लगे? सरकार किसको बचा रही थी? क्या केवल एक डिप्टी सेक्रेटरी इतने बड़े घोटाले को अंजाम दे सकता है? उसके पीछे असली ताक़त कौन थी, जिसे बचाने के फेर में सरकार बुरी तरह बेनक़ाब हो गई है?

सुरजेवाला ने पुछा कि इतने घपले व घोटालों के बावजूद हरियाणा लोकसेवा आयोग और एचएससी को भंग करके इसकी हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जाँच क्यों नहीं कराई जा रही है? दोबारा होने वाली परीक्षाओं में नए बच्चों को फार्म भरने का अवसर न देकर सरकार हज़ारों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कैसे कर सकती है? पिछले एक साल में बीए और बीडीएस पास करने वाले छात्रों के संवैधानिक अधिकार को क्यों छीना जा रहा है?

मुख्यमंत्री खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से सवाल करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में कुल 7,60,000 पदों में से जो 3,32,000 पद यानि 43 प्रतिशत नौकरियाँ खाली पड़ी हैं, इन्हें वे कब तक भरेंगे और कैसे भरेंगे?

error: Content is protected !!