धार्मिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहे दिल्ली से आए 26 मुस्लिम कारीगर.
कार्यक्रम स्थल का मुख्य गेट, स्टेज और बैक ड्रॉप को किया तैयार, 12 अप्रैल से जुटे काम में

चंडीगढ़, 23 अप्रैल –  हिंद की चादर “श्री गुरु तेग बहादुर जी” के 400वें प्रकाश पर्व समागम में हर धर्म और सम्प्रदाय के लोग अपना सहयोग कर रहे हैं ।  इसकी एक मिसाल दिल्ली से आए कारीगर मोहम्मद गुलफाम पेश कर रहे हैं, जो पंडाल में सजाने के लिए “इक ओंकार” बना रहे हैं। मोहम्मद गुलफाम अपने साथ 26 कारीगरों की टीम लेकर आए हैं, जो मुख्य गेट, स्टेज और बैक ड्रॉप आदि का भव्य सेट बनाने का काम कर रही है।

गुलफाम ने बताया कि वे इस समागम में 12 अप्रैल को पहुंचे थे। उनकी टीम गुरु पर्व के लिए श्रद्धा भाव से  लगातार 18 से 19 घंटे तक  काम कर रही है।  गुलफाम के साथ लगे शरीफ, अकरम, नवाब अली, रिजवान, अयूब आदि ने सबसे पहले लोहे का स्ट्रक्चर तैयार करने का काम किया। यह स्ट्रक्चर उन्होंने मुख्य प्रवेश द्वार, स्टेज और बैक ड्रॉप के लिए बनाया। इसके बाद लकड़ी और थर्माकॉल से इसकी सजावट की है। पंड़ाल अद्भुत छटा बिखेरे इसके लिए उन्होंने अपनी पूरी रचनात्मकता उड़ेल दी है।

धार्मिक आयोजन का काम देता है अलग सुकून
गुलफाम ने बताया कि वे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे सब जगह काम करते हैं। कभी किसी जागरण में इंटीरियर डिजाइनिंग कर रहे होते हैं तो कभी गुरुपर्व के अवसर पर समारोह स्थल सजा रहे होते हैं। इन आयोजनों में काम करने से एक अलग ही सुकून मिलता है। ऐसी जगह काम करके आत्मिक शांति का अनुभव होता है। हम सभी को धार्मिक और साम्प्रदायिक सौहार्द का परिचय देना चाहिए।

error: Content is protected !!