शहीद निशान सिंह की शादी दो माह पहले 18 फरवरी को हुई थी. दो दिन पहले ही निशान का अपने माता-पिता को फोन किया था. निशान सिंह ने मां प्रकाश कौर से कहा था कि अभी जल्दी छुट्टी नहीं मिलेगी.  जून के आसपास घर आउंगा.

सिरसा. हरियाणा के सिरसा जिले के गांव भावदीन का जवान निशान सिंह कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ लोहा लेते समय गोली लगने से शहीद हो गया. जवान का पार्थिव शरीर रविवार दोपहर सिरसा के गांव भावदीन में पहुंचा. गांव के अड्डे से सैंकडों की संख्या में बाइक सवार गांव के लोग आर्मी के वाहन जिसमे शहीद का शव था उसे लेकर घर पहुंचे. शहीद की शहादत पर पूरे गांव की दुकानें बंद रही. हर कोई शहीद निशान सिंह को नम आंखोंं से श्रद्धांजलि देता नज़र आया. सिरसा ज़िले के राजनितिक और समाजिक लोग भी शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे.

बेटे की शहादत की जानकारी शनिवार शाम को परिजनों को मिलते ही पूरे गांव में मातम का माहौल बन गया. जवान का परिवार गहरे सदमे में है. करीब दो माह पहले ही निशान सिंह की शादी हुई थी. पार्थिव देह पहुंचने के बाद भावदीन गांव शहीद निशान सिंह अमर रहे के नारों से गूंज उठा. निशान सिंह ने  वर्ष 2013 में 19 राष्टीय राइफल में बतौर सैनिक भर्ती हुए थे. निशान सिंह के पिता सेवा सिंह सेवानिवृत पशु चिकित्सक हैं.

चार दिन पहले अनंतनाग में सेना ने सर्व ऑपरेशन चलाया था. इस दौरान सेना की आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई. निशान सिंह इस ऑपरेशन का हिस्सा थे. इस दौरान गोली लगने से वे शहीद हो गए. निशान सिंह की शादी दो माह पहले 18 फरवरी को हुई थी. दो दिन पहले ही निशान का अपने माता-पिता को फोन किया था. निशान सिंह ने मां प्रकाश कौर से कहा था कि अभी जल्दी छुट्टी नहीं मिलेगी. जून के आसपास घर आउंगा.

शहीद निशान सिंह के पिता सेवा सिंह ने ग्रामीणों से कहा कि मुझे गर्व है कि मेरा पुत्र मां भारती की सेवा करते हुए शहीद हो गया. शहीद निशान सिंह के पिता सेवा सिंह ने कहा की निशान सिंह को बचपन से फ़ौज में जाने की ललक थी. हम चाहते थी की वो पुलिस में शामिल हो. पिता ने कहा कि कल ही निशान सिंह ने अपनी मां से  बात की थी. पिता सेवा सिंह सरकार से मांग कर रहे है की सरकार शहीदों के परिवारों के लिए कुछ करना चाहिए.

शहीद निशान सिंह के चाचा देवा सिंह भी फ़ौज से रिटायर है. उन्होंने कहा की निशान सिंह ने देश के लिए बलिदान दिया है इसकी उन्हें ख़ुशी है. उन्होंने कहा की सारे देश को शहीद निशान सिंह पर गर्व है. उन्होंने कहा की हम प्रधानमंत्री मोदी से मांग करते है की सरकार कोई कड़ा कदम उठाये क्योंकि आये दिन जवान शहीद हो जाते हैं.

गांव भावदीन के ग्रामीणों का कहना है की इस गांव से कई लोग फौज में नौकरी कर रहे है कई रिटायर होकर अपने घर वापिस लौट आये हैं. शहीद निशान सिंह इस गांव का पहला शहीद जवान है जिसके गांव के लिए देश के लिए शहादत दी है. उन्होंने कहा की हमें बहुत गर्व है. हम सरकार से मांग कर रहे है की शहीद निशान सिंह के नाम पर गांव में स्मारक बनाये.

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