कहा- हरियाणा हित में राजनीति से ऊपर उठकर सरकार के साथ खड़ा है विपक्षहरियाणा के हक की खातिर सरकार जहां कहेगी, उस मोर्चे पर लड़ने को तैयार- हुड्डाअसंवैधानिक और राजनीतिक झुमला है पंजाब सरकार का प्रस्ताव- हुड्डापंजाब हमारा एल्डर ब्रॉदर है लेकिन बिग ब्रॉदर बनने की कोशिश ना करे- हुड्डा 5 अप्रैल, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कांग्रेस विधायक दल ने आज पंजाब सरकार द्वारा पास प्रस्ताव के विरुद्ध हरियाणा विधानसभा में लाए गए हरियाणा सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया। हुड्डा ने सरकार को भरोसा दिलाया कि प्रदेशहित के मुद्दे पर विपक्ष राजनीति से ऊपर उठकर सरकार के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार जहां कहेगी, उस मोर्चे पर हरियाणा के हक में लड़ने के लिए विपक्ष तैयार है। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को राज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए व एक सुर में हरियाणा के अधिकारों की वकालत करनी चाहिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदन में चर्चा के दौरान कहा कि पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा में पास किया गया प्रस्ताव एक राजनीतिक जुमला है। इसके कोई संवैधानिक मायने नहीं है। लेकिन हरियाणा के सभी राजनीतिक दलों को ऐसी प्रदेश विरोधी गतिविधियों के विरूद्ध एकजुटता से खड़ा होना चाहिए। क्योंकि इससे पहले भी पंजाब की सरकारों द्वारा हरियाणा के हितों का अतिक्रमण करने की कोशिश होती रही है। हुड्डा ने इतिहास के पन्ने पलटते हुए बताया कि अलग राज्य बनने के बाद से हरियाणा और पंजाब के बीच तीन मसलों पर विवाद चलता आ रहा है। पहला पानी, दूसरा हिंदी भाषी क्षेत्र और तीसरा राजधानी। उन्होंने कहा कि किस तरह पानी को लेकर अलग-अलग कमीशन और कोर्ट ने हरियाणा के पक्ष में फैसले सुनाए। शाह कमीशन ने चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी बनाए रखने की सिफारिश की। साथ ही हिंदी भाषी क्षेत्रों को भी हरियाणा में मिलाने पर बरसों से बातचीत हो रही है। लेकिन हमारी प्राथमिकता है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक हरियाणा को एसवाईएल का पानी मिले। साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट हरियाणा के पक्ष में फैसला सुना चुकी है। सबसे पहले उसे अमलीजामा पहनाया जाना चाहिए। उसके बाद अन्य मसलों पर भी बातचीत होनी चाहिए। बातचीत में हरियाणा के अधिकारों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। पंजाब हमारा बड़ा भाई यानी एल्डर ब्रॉदर है लेकिन वह बिग ब्रॉदर बनने की कोशिश ना करे। हरियाणा के अधिकारों को बाईपास करके एकतरफा फैसलों के चलन से पंजाब सरकार को बचना चाहिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में हरियाणा की स्थाई सदस्यता खत्म करने का मसला भी आज सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में पहले सदस्य(पावर) पंजाब से और सदस्य(सिंचाई) हरियाणा से होते थे। लेकिन नए नियमों में यह अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। नए नियमों से हरियाणा के हित सुरक्षित नहीं रह पाएंगे। हरियाणा सरकार को इसका भी विरोध करना चाहिए। साथ ही चंड़ीगढ़ प्रसाशक के तौर पर हरियाणा के राज्यपाल की भी नियुक्ति होनी चाहिए। राज्यपाल की नियुक्ति के लिए रोटेशन पॉलिसी लागू होनी चाहिए। Post navigation मुख्यमंत्री द्वारा चंडीगढ़ पर हरियाणा विधानसभा में लाया गया संकल्प प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास रक्षा विश्वविद्यालय के निर्माण में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा