हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने एनसीआर में प्रदूषण और इसका शहरीकरण पर प्रभाव विषय पर सेमिनार किया आयोजित

विषय विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, प्रशासकों ने साझा किए बहुमूल्य सुझाव

यह सेमिनार प्रशासनिक अधिकारियों और विशेषज्ञों को अपनी विशेषज्ञता साझा करने के साथ सामूहिक रूप से अभिनव उपायों के लिए विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करते हैं- मुख्य सचिव

डॉ एम.एम. कुट्टी ने पराली जलाने पर रोक लगाने, मेरा पानी मेरी विरासत को लागू करने के लिए की हरियाणा की सराहना

चंडीगढ़, 2 अप्रैल – एनसीआर में प्रदूषण की समस्या और शहरीकरण पर इसके प्रभाव की बेहतर समझ और रणनीति तैयार करने के लिए आज हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने एक अनूठी पहल करते हुए इस विषय पर चंडीगढ़ में एक सेमिनार का आयोजन किया, जिसमें विषय विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और राज्य सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने बहुमूल्य सुझाव सांझा किए।

सेमिनार में भाग लेने वाले गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, जो हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि ये सेमिनार न केवल प्रशासनिक अधिकारियों और विशेषज्ञों को अपनी विशेषज्ञता साझा करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा, बल्कि सामूहिक रूप से अभिनव उपायों के लिए विचार-विमर्श की भावना को भी प्रबल करेगा।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद, आज का सेमिनार और भी अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि लगभग दो वर्षों के बाद एक सिंगल प्लेटफार्म पर हम सभी को व्यक्तिगत रूप से चर्चा करने का अवसर मिला है। इसलिए, मैं आशा करता हूँ कि इस तरह के सेमिनार विशेषज्ञों को एक साथ लाने पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ बदलते परिवेश में शासन की भूमिका की बेहतर समझ के लिए निश्चित रूप से मील के पत्थर साबित होंगे।

सेक्टर 10 चंडीगढ़, आर्ट कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित सेमिनार में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटतम क्षेत्रों के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष, डॉ एम.एम. कुट्टी, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष श्री. पी. राघवेंद्र राव और पूर्व निदेशक, एनआईयूए, प्रोफेसर, श्री  जगन शाह और एसोसिएशन के सदस्यों ने भाग लिया।

श्री संजीव कौशल ने कहा कि आज के सेमिनार का विषय निसंदेह काफी चुनौतीपूर्ण है। मुझे उम्मीद है कि विषय विशेषज्ञों द्वारा साझा किये गए पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान निश्चित रूप से इस वैश्विक मुद्दे से निपटने के लिए बेहतर कार्यान्वयन, योजनाओं और रणनीतियां बनाने में अधिकारियों की मदद करेंगे।

डॉ एम.एम. कुट्टी ने हरियाणा के फसल अवशेष प्रबंधन के प्रयासों की सराहना की

हरियाणा सरकार द्वारा पराली जलाने पर अंकुश लगाने के प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटतम क्षेत्रों के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष डॉ. एम.एम.  कुट्टी ने कहा कि राज्य ने पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उम्मीद है कि हरियाणा इस मुद्दे को हल करने के लिए निरंतर अपने प्रयास जारी रखेगा।

उन्होंने राज्य सरकार द्वारा फसल विविधीकरण के लिए अपनाई गई  अनूठी योजना मेरा पानी मेरी विरासत की भी प्रशंसा की और अधिकारियों से फसल विविधीकरण के उद्देश्य से इस योजना का व्यापक विस्तार सुनिश्चित करने को कहा।

उन्होंने कहा कि व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों के साथ एक जन जागरूकता अभियान भी शुरू किया जाना चाहिए ताकि इस विषय पर जागरूकता पैदा की जा सके और बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए उठाए जा रहे अन्य आवश्यक कदमों के बारे में भी लोगों को अवगत कराया  जा सके।

उन्होंने वायु गुणवत्ता सूचकांक को बनाए रखने के लिए व्यापक वृक्षारोपण अभियान शुरू करने के लिए भी हरियाणा की सराहना की। उन्होंने कहा कि पानीपत में स्थापित किया जा रहा टूजी एथेनॉल प्लांट निश्चित रूप से पराली के उपयोग की दिशा में अग्रणी साबित होगा।

उन्होंने प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए अधिकारियों को रणनीति बनाने से पहले विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर देने की जरूरत के बारे भी विस्तार से बताया।

उन्होंने वायु गुणवत्ता सूचकांक, औद्योगिक, वाहन प्रदूषण आदि के आठ मानकों पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण भी दिया।
प्रश्न-उत्तर सत्र के दौरान, डॉ. एम.एम. कुट्टी ने अधिकारियों को प्रदूषण के प्रमुख स्रोत की पहचान करने पर अधिक अध्ययन केंद्रित करने की सलाह दी, क्योंकि अनुसंधान और अध्ययन एक सतत प्रक्रिया है।

जिला पर्यावरण योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें -पी. राघवेंद्र राव

अधिकारियों को संबोधित करते हुए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष श्री पी. राघवेंद्र राव ने प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की।

उन्होंने कहा कि युवा अधिकारी वायु गुणवत्ता से संबंधित रणनीतियों, नियमों और विनियमों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए सहमति आधारित प्रबंधन प्रत्येक अधिकारी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन जाता है।
श्री पी राघवेंद्र राव ने सुझाव देते हुए कहा कि प्रत्येक अधिकारी को जिला पर्यावरण योजनाओं का सार्थक क्रियान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए।

सेमिनार में निदेशक एनआईयूए प्रोफेसर श्री जगन शाह ने वायु गुणवत्ता और स्वास्थ्य प्रभावों तथा ट्रांजिट- ओरिएंटेड डेवलपमेंट पर एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।

धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव-सह- सचिव, हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि आज का सेमिनार ज्ञानवर्धक रहा और कई उपयोगी चर्चा सत्र हुए।

उन्होंने कहा कि  हरियाणा का लगभग 57 प्रतिशत हिस्सा एनसीआर में पड़ता है, इसको देखते हुए मुझे लगता है कि यह सेमिनार अधिकारियों को इस मुद्दे से निपटने के लिए बेहतर रणनीति बनाने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन पर सेमिनार में हुई विस्तृत चर्चा के बाद यह महसूस किया गया है कि इस मुद्दे से निपटने के लिए वर्षभर बहु-आयामी रणनीति अपनाने पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि महत्वपूर्ण मुद्दों की और बेहतर समझ के लिए भविष्य में भी इस तरह के और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।

हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, सह-वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरियाणा आईएएस ऑफिसर एसोसिएशन श्री पी के दास, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव-सह-सचिव, हरियाणा आईएएस ऑफिसर एसोसिएशन डॉ. अमित अग्रवाल, कोषाध्यक्ष श्री राजनारायण कौशिक सहित एसोसिएशन के सदस्यों ने संगोष्ठी में भाग लिया।

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