-गुरुग्राम में हुए हादसे के बाद बहुमंजिला इमारतों में घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा में लिया हिस्सा

फरीदाबाद – फरीदाबाद एनआइटी से नीरज शर्मा ने में उठाया बहुमंजिला इमारतो मेे धटिया सामग्री इस्तेमाल करने का मुद्दा। विधानससभा सत्र में ध्यानाकर्षण सूचना पर बोलते हुए नीरज शर्मा ने कहा कि एक बार जो कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी होता है क्या उसके बाद क्या सरकार के पास कोई ऐसी तकनीक है जिसमें कि सरकार यह जांच करे कि कंपलीशन के बाद अवैध निर्माण न हों। सरकार लिमिटेड फ्लोर तक की परमिशन देती है उसके पीछे बहुत बडा कारण होता है की इतने मंजिल तक की आग लगने अपातकालीन स्थिति से जुझने के लिए अग्निशामक यंत्र हैं, की नहीं हैं। फरीदाबाद गुडगांव की बडी दुर्भाग्य पूर्ण स्थिति है अभीतक हाइराईज बिल्डिगों के लिए बडी मशीने आई नहीं है क्योकि कल कोई हदसा हो जाए तो काफी तकलीफ का सामना करना पडेगा। अक्सर ऐसा भी सुनने में आता है कि बिल्डर कंपलीशन सर्टिफिकेट लेने के बाद फ्लोर बना देते हैं जिससे की दुर्घटना के काफी चांस रहते हैं। गुडगांव फरीदाबाद में धटिया समाग्री का इस्तेमाल हो रहा है इसमें अलोचना करना हमारा मकसद नही होना चाहिए समाधान निकालना भी हमारा काम है। 2014 में एफोरडेबल का रेट 4000 रू रेट था आज 7 साल में 4200 रू हुंआ है जबकि सीमेंट के रेट बड गए 60 प्रतिशत, लोहे के रेट बड गए 81 प्रतिशत, आरएमसी के रेट बढ गए 24 प्रतिशत, इलेक्टीक वायर के बड गए 100 प्रतिशत और डीजल पेट्रोल 80 प्रतिशत, एचआर कोईल 120 प्रतिशत से उपर इसमें जो मोटी लगत की चीजे है यह तांे सरकार फलैसिबिलटी की छूट दे या फिर यह सब चीजे सरकारी रेट पर उपलब्ध करवाए क्योकि सरकार 10 तारिके के कर लेती है, क्योकि जिस हिसाब से रेट बड रहे है या तो बिल्डिर क्वालिटि से समझौता करेगा अगर क्वालिटि सो नही करेगा तो कालबाजारी करेगा जिससे की जो हमारा अतिंम व्यक्ति को धर देने का सपना कभी पूरा नही होगा। इन सबमें गडबडी कहा आ रही है यह जो प्री लाचिंग है यह बडी खतरनाक चीज है पहले सारा शहर बर्बाद हो गया प्री लाचिंक के चक्कर में, अब इसके खिलाफ कोई सबूत तो है नही लेकिन सरकार चाहे तो सब कुछ हो सकता है और सरकार के आदमियों के मिले बगैर यह हो ही नही सकती, सरकार इसपर सख्त से सख्त कानून बनांए जिससे की प्रोप्रटी के अंदर छदम उतार चढाव आता है उससे मुक्ति मिले और धर का सपना पूरा हो।

अतारकिंत प्रश्न में पूछा मांझावली पुल का ब्यौरा विधायक नीरज शर्मा ने प्रश्न में पूछा की मांझावली पुल की आधारशिला कब रखी गई थी तथा उक्त पुल का निर्माण कार्य कब तक किए जाने की सभांवना है और इसके साथ उक्त पुल के डिजाईन मंे कोई बदलाव किया गया है तथा बादलाव के कारण जो वितिय भार पडेगा उसको कौन निर्वाहन करेग ठेकेदार या सरकार। जिसपर उप मुख्यमंत्री जी ने जवाब देते हुंए विधानसभा में बताया की मांझावली पुल की आधारशिला दिनंाक 15.08.2014 में रखी गई थी और 27.10.2017 को कार्य स्वीकृत किया गया एंव 10.03.18 को कार्य शुरू किया गया। अनुबंध के अनुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 31.08.2019 थी लेकिन अब 30.06.2022 तक कार्य पूर्ण होने की सभांवना है।

अतारकिंत प्रश्न 837 में पूछा फरीदाबाद के रास्तों का ब्यौरा।
विधायक नीरज शर्मा द्धारा शहरी स्थानीय निकाय मंत्री जी से पूछा गया की क्या प्याली चौक से एफसीआई गोदम के सामने से रेलवे लाईन गुजर रही थी तथा अगर हंा तो रेलवे लाइन कहा गई, इसके साथ एफसीआई गोदम और आधोगिक परिसर का रास्ता कानून ठीक है या नही। जिसपर स्थानीय निकाय मंत्री जी द्धारा जवाब दिया गया की हंा श्रीमान जी और पुर्नवास विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार उक्त रेलवे लाईन स्थल पर कार्यरत इस्तेमाल में नही है और यधपि एक मार्ग कच्ची सडक जो प्लांट सख्ंया 5 और 6 के बीच विधामान है स्वीकृत नही है। विधायक नीरज शर्मा का कहना ािा की बिना सरकार की अनुमित के सडक बना रखी है जिसको खुद मंत्री जी ने माना है। इससे स्पष्ट है की फरीदाबाद अपनी में भष्ट्राचार अपनी चरम सीमा पर है।

अतारकिंत प्रश्न 835 में पूछा उठाया बाटा चौक स्क्रैप मार्केट का मुद्दा।
विधायक श्री नीरज शर्मा ने पूछा की क्या बाटा चौक पर स्क्रैप मार्किट सरकार या निजि भूमि पर स्थित थी तथा क्या सरकार ने स्क्रैप मार्किट वालो को रियाती दर पर जमीन दी अगर हंा तो किस नीति के तहत दी। इसपर सरकार की तरफ से शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने बताया की स्क्रैप डिलरों ने प्राईवेट भू खण्डों, पुर्नवास विभाग की भूमि और नगर निगम फरीदाबाद की भूमि पर अनाधिकृत तौर पर स्क्रैप व्यापार स्थापित किया हुआ था। पुर्नवास विभाग ने 15 एकड जमीन भूमि फरीदाबाद संव्यूह प्रशासन अब नगर निगम फरीदाबाद को स्थानातरित की गई थी और इस भूमि में से 5 एकड भूमि स्क्रैप विक्रतओ के पुनर्वास हेतू चिन्हित की गई थी नगर निगम फरीदाबाद ने 200 वर्ग गज एंव 100 वर्ग गज के प्लाट नगर निगम फरीदाबाद ने 250 प्रति वर्ग गज के हिसाब से अवाटित करना प्रस्तावित था बाद मेे इन को वर्ष 1991 में कलेक्टर रेट 650 प्रति वर्ग गज के हिसाब से आबटिेत करने का निर्णय लिया गया। इस जवाब पर विधायक नीरज शर्मा का कहना था की सरकार एक तरफ तो गरीबो की झुग्गिया उजाड देती है और दूसरी तरफ जो बडे-2 लोगा कब्जा करके बैठे है उनको जीमन अलाट करने के लिए नीति बना देती है यह कैसा सबका साथ सबका विकास।

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