चंडीगढ़, 21 मार्च- हरियाणा में बिल्डिंगों के संबंध में आ रही शिकायतों का स्ट्रक्चर ऑडिट कराया जाएगा और इसके लिए आईआईटी इंजीनियर की कमेटी गठित की जाएगी। इसके अलावा, स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग के लिए किसी एक एजेंसी को सूचीबद्ध किया जाएगा और थर्ड पार्टी निरीक्षण भी किया जाएगा। बिल्डिंगों के संबंध में किसी भी समस्या और दिक्कत होने पर दोषियों को बख्शा नही जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा विधानसभा में चल रहे सत्र के दौरान लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से कृषि मंत्री श्री जेपी दलाल आज उत्तर दे रहे थे। उन्होंने बताया कि विभाग 1975 से लाइसेंस दे रहा है और हाई राइज बिल्डिंग ( ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी के लिए पहला लाइसेंस वर्ष 1982 में दिया गया था । विभाग राज्य में लगभग 442 लाइसेंस ग्रुप हाउसिंग ( हाईराइज बिल्डिंग ) कॉलोनी स्थापित करने के लिए प्रदान कर चुका है । इसी तरह विभाग लगभग 345 लाइसेंस वाणिज्यिक परिसर / कॉलोनी के लिए सन 1997 से अब तक जारी कर चुका है । लाइसेंस जारी करने के प्रारंभिक दिनों में पंजाब अनुसूचित सड़कों और नियंत्रित क्षेत्रों के तहत निर्धारित भवन उपनियत अनियमित विकास प्रतिबंध नियम, 1965 में भवन योजना की स्वीकृति को समय योग्य संरचना अभियंता से संरचनात्मक स्थिरता प्रमाण पत्र प्राप्त करने का प्रावधान नहीं था । हालांकि , समय बीतने के साथ – साथ , नियम , 1965 को दिनांक 11.04.2007 को संशोधित किया गया और तदानुसार विभाग ने योग्य संरचना अभियंता द्वारा विधिवत सत्यापित भवन योजनाओं के अनुमोदन के समय संरचनात्मक डिजाइन ( रिकॉर्ड उद्देश्य के लिए ) के साथ संरचनात्मक स्थिरता प्रमाण पत्र के लिए जोर देना शुरू कर दिया। संरचना अभियंता यह प्रमाणित करता है कि संरचना राष्ट्रीय भवन संहिता और संबंधित भारतीय मानक कोड ब्यूरो के प्रावधानों के अनुसार डिजाइन किया गया है । विभाग संरचना अभियंता का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद ग्रुप हाउसिंग और कमल कॉम्प्लेक्स की लगभग 385 कॉलोनियों का व्यवसाय प्रमाण पत्र प्रदान कर चुका है , जिसमें उन्होंने यह प्रमाणित किया है कि भवन का निर्माण उस समय संरचना अभियंता द्वारा अनुमोदित संरचनात्मक डिजाइन के अनुसार किया गया है जो कि भवन योजना के अनुमोदन के समय दिया था । उन्होंने बताया कि विभाग को एन.सी.आर. कस्बों में बहुमंजिला इमारतों में घटिया सामग्री के उपयोग के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं । जिसमें गुरुग्राम मे 58, फरीदाबाद मे 2, , सोनीपत में 1 और झज्जर में 3 है। उन्होंने बताया कि झज्जर के मामले में 3 शिकायते ( ओमेक्स सिटी सेक्टर 15 बहादुरगढ़) इमारतों के निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग के संबंध में प्राप्त हुई थी तथा वरिष्ठ नगर योजनाकार रोहतक के साथ इस संबंध में एक समिति गठित की गई । समिति ने मामले की जांच पड़ताल करने के पश्चात सिफारिश की कि जब तक शिकायत का समाधान नहीं हो जाता तब तक परियोजना का अंतिम समापन जारी नहीं किया जाएं तथा यह भी सिफारिश की गई थी कि भवन योजना के अनुमोदन के समय प्रस्तुत किए गए संरचनात्मक डिजाइन को भी संरचना अभियंता आई.आई.टी. दिल्ली या एन.आई.टी. , कुरुक्षेत्र द्वारा क्रॉस – चेक किया जाए । संरचना अभियंता डॉ एच के शर्मा द्वारा संरचना आडिट किया गया और उसके दिशा – निर्देशों के अनुसार सुधार का कार्य प्रगति पर है तथा विभाग ने अभी तक पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है । उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में उठाए गए कदम के तहत चिनटेल पैराडिसों सेक्टर 109 गुरुग्राम में दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद आवंटियों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए है जसके तहत जिलाधीश , गुरुग्राम ने दिनांक 24.02.2022 को अतिरिक्त जिलाधीश , गुरुग्राम की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जो कि आई . आई. टी दिल्ली द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ टीम के साथ समन्वय करेंगी तथा इस दुर्घटना के मूल कारण का पता लगाएगी और भविष्य में इस तरह की दुर्घटना से बचने के लिए भी सुरक्षा उपायों का सुझाव देगी । कमेटी तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी । उन्होंने बताया कि विभाग ने शिकायतों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आईआईटी रुड़की द्वारा गुरूग्राम में पांच परियोजनाओं में संरचना लेखा परीक्षा का भी आदेश दिया है । इसके अलावा डी.टी.पी. गुरुग्राम को उन परियोजनाओं को सूचीबद्ध करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं जहां घटिया सामग्री के उपयोग के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई है , जोकि ऊंची इमारतों में दरारे/सीपेज का कारण बनती है। इसके इलावा, विभाग के पास जिला नगर योजनाकार ( सहित प्रत्येक जिले और वरिष्ठ नगर योजनाकार सर्किल सतर पर जिसमें एक से अधिक जिले शामिल होते है को लगाया गया है जहाँ ऐसी शिकायतों सहित समस्याओं का निवारण किया जाता है । उन्होंने बताया कि आवंटियों के हितों की रक्षा के लिए भारत सरकार ने रियल एस्टेट विनियमन प्राधिकरण स्थापित करने के लिए रियल एस्टेट विनियमन और विकास ) अधिनियम 2016 को अधिसूचित किया, जिसके तहत राज्यों में भी आवटीयों की समस्या का समाधान किया जा सके। इसके बाद हरियाणा रियल एस्टेट ( विनियमन और विकास ) अधिनियम , 2017 जारी की और हरियाणा रियल एस्टेट विनियमन अधिनियम दिनांक 28.07.2017 को जारी की और हरियाणा रियल एस्टेट विनियमन अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए गुरुग्राम और पंचकूला में रियल एस्टेट विनियमन प्राधिकरण की स्थापना की। इसके अलावा, संरचनात्मक सुरक्षा नियमों का मसौदा तैयार किया है जो निर्माण प्रमाण पत्र जारी करने के समय प्रमाण पत्र जारी करने दौरान व्यवसाय समय – समय पर ही इमारतों की सुरक्षा ऑडिट करेगा। सुरक्षा नियमों को और के बाद उक्त संरचनात्मक सुरक्षा विनियम को अंतिम रूप दिया जाएगा और सभी विभाग इसका अनुपालन करेगें । इस तरह के तंत्र से आने वाले वर्षों में ऊंची इमारत को अधिक सुरक्षित करने में मदद मिलेगी और यह नियमित सुरक्षा उपायों और निर्माण क करेगा । आंवटियों की ऐसी शिकायतों के निवारण के लिए विभाग ने प्रत्येक उपायुक्त की अध्यक्षता में आदेश दिनांक 13.07.2015 के तहत आवंटी शिकायत निवारण फोरम का गठन किया था। ए.जी.आर.फ़. की बैठक नियमित रूप से आयोजित की जाती थी। उपयुक्त बिल्डर एवं जिला नगर योजनाकार के साथ – साथ अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों को बुलाते थे, सुनवाई के बाद एसीआरफ शिकायत के निवारण के लिए आदेश भी पारित करती थी जिसमें मरम्मत कार्य के अलावा कभी – कभी एजीआरफ ने कालोनाइजर को संरचना ऑडिट करने के लिए भी निर्देश दिए थे । हरियाणा सरकार बहुमंजिला इमारतों के निवासियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगां उन्होंने बताया कि विभाग प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्रों पर भरोसा करते हुए 385 परियोजनाओं को व्यवसाय प्रमाण पत्र जारी कर चुका है तथा आज तक चिनटेल पारादीसो , सेक्टर 109 गुरुग्राम से पहले ऐसी कोई घटना नहीं हुई है । इस दुर्घटना के पीछे का कारण जांच का विषय है जिसके लिए अतिरिक्त जिलाधीश गुरुग्राम की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है जो इस दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए आई.आई.टी दिल्ली की विशेषज्ञ टीम के साथ समन्वय करेगी तथा सुरक्षा उपायों का सुझाव भी देगी जिससे भविष्य में कोई भी अनहोनी दालने के लिए अपनाया जाएगा । यह समिति तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी । विभाग ने ढांचागत सुरक्षा विनियनों का मसौदा तैयार किया है जो निर्माण के दौरान तथा व्यवसाय प्रमाण पत्र प्रदान जारी करते समय और आवासीय भवन में समय – समय पर संरचना की सुरक्षा की निगरानी के लिए परियोजना के पूरा होने के बाद भी निर्माण की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा । इस पर आपत्ति एवं सुझाव प्राप्त करने के उपरांत उक्त ढांचागत सुरक्षा दिनियमों को अंतिम रूप देकर सभी संबंधितों के अनुपालन हेतु अधिसूचित किया जायेगा । इस तरह के तंत्र से यह सुनिश्चित होने की उम्मीद है कि कड़े जांच और स्वतंत्र तृतीय पक्ष लेखा परीक्षा के माध्यम से ऊंची इमारतों को संरचना से सुरक्षित किया जाएगा । हरियाणा सरकार बहुमंजिला इमारतों के निवासियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है । मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा । उन्होंने बताया कि एनसीआर क्षेत्र में खास कर गुरूग्राम , रेवाड़ी , फरीदाबाद तथा सिरसा आदि शहरों में सोसाईटियों ने जो फलैट बनाए उनमें सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों पर खरे न उतरने बारे प्रशन रखा है । गुरुग्राम पैराडाइज सोसाइटी द्वारा मल्टिस्टोरी बनाए गए फलैट की बिल्डिंग का एक हिस्सा गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई थी । इसी प्रकार सिरसा में हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाए फलैट्स में थेहड़ क्षेत्र के लोगों को अस्थाई तौर पर स्थानांतरण किया गया है, इस बिल्डिंग की हालत भी बहुत खस्ता है जिस कारण वह रहने के लिए असुरक्षित है । पंजाब अनुसूचित सड़कें और नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास प्रतिबंध नियम , 1965 के प्रावधानों के अनुसार लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों में भवन का ओक्युपेशन प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। नियम 1965 के तहत भवन नियमों को हरियाणा के स्थान पर बिल्डिंग कोड़ -2017 से अब पूरे राज्य में समान रूप से लागू कर दिया गया है । इसी प्रकार , हरियाणा भवन संहिता 2017 के अधिसूचित होने से पूर्व हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा बहुमंजिला भवनों सोसायटियों के ओक्युपेशन प्रमाण पत्र की स्वीकृति हुडा विनियमावली के अंतर्गत की जाती थी जिसके प्रावधान नियम , 1965 के समान थे। हरियाणा बिल्डिंग कोड़ अब हरियाणा राज्य में सभी सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की एजेंसियों के लिए एक एकीकृत कोड के रूप में लागू है । भवन योजना के अनुमोदन के समय संरचना अभियंता द्वारा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है । इसके अलावा, सक्षम प्राधिकारी द्वारा ओक्युपेशन प्रमाण पत्र प्रदान के पूर्व भवन की आवश्यकता के अनुसार विशिष्ट रिपोट जैसे अग्नि सुरक्षा के दृष्टिकोण से एन.ओ.सी. सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं / बुनियादी ढांचे , विद्युत व्यवस्था आदि की स्थापना से संबंधित दस्तावेज तथा संरचना अभियंता द्वारा प्रामाणित संरचनात्मक आवश्यकता का पालन करने वाले भवन का निर्माण सुनिश्चित किया जाता है। संबंधित विभागों द्वारा भवन योजनाओं के अनुमोदन और ओक्युपेशन प्रमाग पत्र प्रदान करने के लिए वैधानिक प्रावधानों का पालन करने बारे पुष्टि की जाती है तथापि , वर्तमान समय की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए संरचनात्मक मजबुती बनाने का प्रस्ताव है , जो निर्माण से पहले , निर्माण के दौरान और साथ ही भवन उपयोग के प्रमाण पत्र प्रदान करने के बाद संरचनात्मक मजबूती के संबंध में सुरक्षा आवश्यकताओं का ध्यान रखेगा उक्त विनियमों को हरियाणा भवन संहिता का हिस्सा बनाने बारे विचार हेतु प्रस्तावना है जो कि हरियाणा राज्य में सभी सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की एजेंसियों पर लागू होगी । उन्होंने बताया कि सदन के संज्ञान में यह भी लाना महत्वपूर्ण है कि विभाग को एन.सी.आर. क्षेत्रा में बहुमंजिला इमारतों के कुछ टावरों में दरार / रिसाव के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं । ऐसी सोसायटियों का विवरण सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के साथ इस प्रतिष्ठित सदन के समक्ष पहले ही रखा जा चुका है। बहुमंजिला इमारतों के निवासियों की सुरक्षा को हरियाणा सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता देती है । मानकों की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाएगी ।आवास बोर्ड द्वारा निर्मित एवं आवंटित इकाईयों से संबंधित प्रश्न के दूसरे भाग के संबंध में अवास बोर्ड हरियाणा से विस्तृत रिर्पोट प्राप्त हुई हैं , जिन्होंने सूचित किया है कि आवास बोर्ड हरियाणा ने नवंबर 2015 में सेक्टर -19 सिरसा में 1260 , स्टिल्ट +3 मंजिला और ग्राउंड + 3 मंजिला पलैटों का निर्माण किया है । फ्लैटों का आवंटन 2017 के दौरान प्रक्रिया में था । इस बीच , एक सी.डब्लयू.पी . संख्या 21123 ऑफ 2013 जिसका शीर्षक जय किशोर और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य था को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सी.ओ.सी.पी संख्या 1824 में परिवर्तित कर दिया गया था जिसका शीर्षक उच्च न्यायालय का अपना ही प्रस्ताव बनाम जे . गनेशन , जिलाधीश सिरसा था । माननीय उच्च न्यायालय ने बार – बार सिरसा के प्राचीन स्मारका ” थेर माउंड ” से अनधिकृत कब्जाधारियों को बेदखल करने और पुनर्वास के लिए निर्देश दिये थे । माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार दिनांक 28.10.2017 को भूमि बेदखली की प्रक्रिया शुरू हुई और आवास बोर्ड हरियाणा के सेक्टर -19 सिरसा के 788 फ्लैटों पर ” थेर माउंड” के निवासियों को राज्य सरकार के निर्देशानुसार विस्थापित कर दिया गया । यह उल्लेखनीय है कि 28.10.2017 को जब इन फ्लैटों पर ” थेर माउंड” के निवासियों को विस्थापित किया गया था, उस समय धेर माउंड निवासियों के कब्जे वाले 788 फ्लैट अच्छी स्थिति में थे। शेष 472 फ्लैटों की स्थिति 788 कब्जे वाले फ्लैटों की तुलना में बेहतर स्थिति में है । बाहरी तौर पर ठीक रख रखाव न करने के कारण भवन खराब स्थिति में दिखाई देते है चूंकि यह एक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी है इसलिए भवन के रखरखाव की जिम्मेदारी फ्लैटों के रहने वालों पर होती है । वर्तमान में सेक्टर -19 सिरसा में मौजूदा फ्लैट संरचनात्मक दृष्टिकोण से सुरक्षित है और किसी भी तरह के अनहोनी की आशंका नहीं है । Post navigation अभय सिंह चौटाला ने विधान सभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और बजट भाषण पर भाजपा सरकार को घेरा बजट पर बोलते हुए हुड्डा ने आंकड़ों के साथ दिखाया प्रदेश सरकार को आईना