दक्षिणी हरियाणा क्षेत्र से भेदभाव की बात भाजपा विधायकों ने भी विधानसभा में जाने-अनजाने में पुष्टि की : विद्रोही

मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर राजनीतिक कारणों से दक्षिणी हरियाणा के साथ विकास व अन्य मामलों में भेदभावपूर्ण सौतेला व द्वेषपूर्ण व्यवहार विगत सात सालों से अपनाते आ रहे है : विद्रोही
दो भाजपा विधायकों ने विधानसभा में जनदबाव व धरातल की वास्तविकता के मध्यनजर सत्य कह ही दिया : विद्रोही

5 मार्च 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि दक्षिणी हरियाणा अहीरवाल क्षेत्र से भाजपा खट्टर सरकार में हो रहे भेदभाव की बात अब तो भाजपा विधायकों ने भी विधानसभा बजट सत्र में स्वीकार करके आरोप लगाया है कि खरीफ फसल 2021 में बरसात, ओलावृष्टि, जलभराव से नष्ट फसलों की गिरदावरी व मुआवज देने में इस क्षेत्र के साथ भेदभाव किया है। विद्रोही ने कहा कि शुक्रवार को विधानसभा के बजट सत्र में खरीफ फसल 2021 में नष्ट फसलों के मुआवजा देने में भेदभाव का मुद्दा भाजपा के नांगल चौधरी से विधायक डा0 अभय सिंह व कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने उठाकर जाने-अनजाने में भाजपा खट्टर सरकार की दक्षिणी हरियाणा के साथ राजनीतिक कारणों से हो रहे भेदभाव की पोल खोल दी। नष्ट खरीफ फसलों के मुआवजा देने में भेदभाव का मुद्दा उठाकर भाजपा विधायकों ने ही स्वीकार कर लिया कि विकास सहित हर मामले में अहीरवाल के साथ भेदभावपूर्ण व सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

विद्रोही ने कहा कि वे तो काफी समय से तथ्यों के साथ यह आरोप लगाते आ रहे है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर राजनीतिक कारणों से दक्षिणी हरियाणा के साथ विकास व अन्य मामलों में भेदभावपूर्ण सौतेला व द्वेषपूर्ण व्यवहार विगत सात सालों से अपनाते आ रहे है। मेरे इस आरोप की भाजपा विधायकों ने भी विधानसभा में जाने-अनजाने में पुष्टि की है। भाजपा खट्टर राज में विगत सात सालों से अहीरवाल की विकास परियोजनाएं सुुनिनियोजित ढंग से लटकाई जा रही है। बजट धन के अभाव में विकास परियोजनाएं सात साल से क्या तो अधूरी पडी है या कछुआ गति से निर्माण हो रहा है या फिर शुरू ही नही हुई। पर दुर्भाग्य से इस क्षेत्र से भाजपा के चुने सांसद, विधायक अपने निहित स्वार्थो की पूर्ति के लिए मुंह नही खोलते। शुक्रवार को दो भाजपा विधायकों ने विधानसभा में जनदबाव व धरातल की वास्तविकता के मध्यनजर सत्य कह ही दिया।

 विद्रोही ने बताया कि विधानसभा में कृषि मंत्री ने बताया कि हरियाणा में 8913210 एकड़ कृषि योग्य भूमि है व 1628015 किसान परिवार है। खरीफ फसल 2021 में 12 जिलों के 914139 किसानों की फसले भारी वर्षा, ओलावृष्टि, जलभराव से नष्ट हुई है, पर अभी तक केवल 24320 किसानों अर्थात 2.66 प्रतिशत किसानों को ही नष्ट फसलों का मुआवजा मिला है व 8.89 लाख किसान मुआवजा मिलने की बाट जों रहे है। सरकार का रवैया यह बताता है कि वह  बीमा कम्पनियों से मिलीभगत करके प्राकृतिक प्रकोप से नष्ट फसलों की गिरदावरी, नुकसान का जायजा भी सही ढंग से नही करवाती व किसान को समय पर नष्ट फसलों का मुआवजा मिले, इससे भी भागती रहती है। भाजपा खट्टर सरकार का यह रवैया खुद प्रमाण है कि भाजपा किसान विरोधी सरकार है।

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