प्रॉपर्टी आईडी में खामियों का मुद्दा गरमाया भाजपा एवं व्यापारी नेता किशन चौधरी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

कंपनी के कारनामे का बड़ा प्रमाण विधायक की कोठी के नोटिस में भी कई खामियां

*नारनौल, रामचंद्र सैनी*

विधायक की कोठी का नोटिस

 नारनौल शहर के लोगों की संपत्तियों की  सर्वे करके उन्हें प्रॉपर्टी आईडी के एसेसमेंट नोटिस भेजने वाली कंपनी के कारनामे एक के बाद एक सामने आते जा रहे हैं। मामला इतना गर्मा गया है कि शहर के जिन भी लोगों से इस मामले में बात की गई उन सभी के नोटिसों में कई खामियां मिली हैं। हैरानी की बात तो उस समय हो गई जब नारनौल के हुड्डा सेक्टर स्थित नांगल चौधरी के विधायक अभय सिंह यादव की कोठी पर भेजा गया प्रॉपर्टी आईडी का नोटिस ही कई गलतियों से भरा पड़ा था। इसी मुद्दे को लेकर आज भाजपा एवं व्यापारी नेता नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन किशन चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुख्यमंत्री के नाम ईमेल से ज्ञापन प्रेषित किया।

चौधरी ने पत्रकार को संबोधित करते हुए कहा कि शहर में प्रॉपर्टी आईडी की सर्वे करने वाली कंपनी के एजेंट  नारनौल से अनभिज्ञ व नौसिखिए है। इन्हें यहां की भूगौलिक स्थिति के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है । इस वजह से शहरवासियों को प्रॉपर्टी आईडी की खामियों को लेकर परेशान होना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी की खामियों को चलते प्रत्येक नागरिक परेशान है। जबकि इसे ठीक करवाने की प्रक्रिया भी काफी कठिन है। चौधरी ने कहा कि नारनौल शहर काफी पुराना है। यहां दो-तीन सौ वर्ष पुरानी हवेलियां है। उस समय इनका एक मुख्य मालिक होता था। अब उस मुख्य मालिक के पांच पुत्र हो गए तो पीढ़ी दर पीढ़ी उन पांच पुत्र के भी पुत्र हो गए। इस समय हवेली में कई लोग रहते हैं। ऐसे में उपयुक्त मालिकाना हक के नोटिस कंपनी द्वारा सही से उस हवेली में जितने व्यक्ति रहते हैं सभी अलग-अलग नोटिस देना चाहिए, जबकि कंपनी द्वारा गलत नोटिस बिना नाम के किसी भी मकान पर चस्पाए जा रहे हैं। उक्त पुरानी हवेलियों की रजिस्टरी या दस्तावेज मुश्किल से किसी के पास उपलब्ध होंगे, क्योंकि पहले हरियाणा में पैप्सू सरकार थी। फिर हरियाणा सरकार का गठन हुआ। उस समय अलग-अलग व्यवस्थाएं भूमि अधिनियम की रही है। ऐसे में नए या पुराने कब्जाधारियों के गलत नाम से नोटिस देने की मुख्य परेशानी सामने उभर कर आई है।

 उन्होंने सरकार से मांग की कंपनी को यह हिदायत दी जाए कि प्रत्येक वार्ड में जाकर और अनुभवी एजेंट लगाकर सही ढंग से मकानों की पैमाईश करें और नोटिस में सही मालिक का नाम दर्ज करे, ताक‌ि शहरवासी अपनी प्रापर्टी आईडी सही तरीके से बनवा सके। इस व्यवस्था से लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। 

निवर्तमान पार्षद अधिवक्ता केशव संघी ने बताया कि कंपनी के सर्वे के 95 प्रतिशत नोटिस गलत है। किसी में मालिक का नाम, किसी में वल्दियत गलत हैं तो किसी में मोहल्ले, वार्ड या लोकेशन गलत है। इसलिए यह व्यवस्था मैन्युअल होनी चाहिए। पूर्व पार्षद नरसिंह दायमा ने कहा कि वह जिस घर में रहते हैं उसका हाउस टैक्स आदि सभी उन्होंने जमा करवा रखे हैं। जिसकी रसीदे भी उनके पास हैं, लेकिन अब उनके पास 3 लाख से भी अधिक का हाउस टैक्स जोड़ कर भेज दिया गया है। जोकि सही नहीं है। अधिवक्ता नितिन चौधरी ने बताया कि वे इस मामले में जल्द नगर निकाय मंत्री कमल गुप्ता से मिलकर सारी स्थिति से अवगत करवाएंगे। उसके बाद मुख्यमंत्री से मिलेंगे। अगर इसके बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ तो वे उच्च न्यायलय में एक याचिका लगाएंगे। इस मौके पर अधिवक्ता पंकज किरोड़ीवाल भी मौजूद रहे। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री, शहरी निकाय मंत्री, मुख्य सचिव हरियाणा सरकार व उपायुक्त को ऑनलाइन ज्ञापन भेजकर उक्त मामले में संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की गुहार लगाई।

 *नांगल चौधरी के भजन की कोठी का नोटिस भी भरा पड़ा है खामियों से*

 आम जनता की प्रॉपर्टी आईडी में खामियां छोड़ो, इस कंपनी ने विधायक की कोठी को भी नहीं छोड़ा।

नांगल चौधरी के विधायक डॉ अभय सिंह यादव कि नारनौल के हुड्डा सेक्टर में स्थित कोठी का पता आरके पुरम शिव कॉलोनी दिखाया है। विधायक के पिता जी के नाम में भी गलती है। इन दो गलतियों का पता तो नोटिस पढ़ने वाला वह व्यक्ति आसानी से बता सकता है क्योंकि उनका एड्रेस और पिताजी का नाम पता करना मुश्किल नहीं है लेकिन जिस हिसाब से रकबा 1700 गज से अधिक दिखाया है तो कोठी का आकार देखकर इतनी बड़ी कोठी नहीं लगती इसलिए रकबा करीब ज्यादा दर्शाया हुआ लगता है।

भाजपा विधायक डॉक्टर साहब ने कंपनी की इस कमी को बेशक मीडिया से छिपाकर सरकार की छवि बचाने का प्रयास किया हो लेकिन इस संवाददाता के हाथ उनका नोटिस आखिर लग ही गया। अब देखना यह है की विधायक के नोटिस के साथ-साथ आम जनता के नोटिस हो को ठीक करने में कंपनी कितनी तत्परता दिखाती है और सरकार कंपनी के खिलाफ क्या एक्शन लेती है

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