गुरूग्राम, 14 जनवरी। सूर्य की एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश से मकर संक्रांति घटित होती है | दो राशि के मिलन को ही संक्रांतिकाल कहते है | यह प्रकृति के परिवर्तन का मधुर व पावन पर्व है | कुछ लोग इसे धार्मिक पर्व एवं कुछ लोग इसे खिचड़ी पर्व मानते है | यह पर्व हमारी संस्कृति एवं परम्पराओं से जुड़ा है | इस दिन दान-दक्षिणा भी देने की प्रथा है | इसी प्रथा को निभाते हुए नव गठित पंजाबी बिरादरी महासंगठन ने 18 मंदिरों में देसी घी निर्मित खिचड़ी प्रसाद वितरित कर अपनी पंजाबी संस्कृति एवं सभ्यता और भाईचारे का सन्देश भेजा और पंजाबियत को बरक़रार रखने के लिए युवा वर्ग को एकता का सन्देश दिया |

खिचड़ी वितरण का कार्यभार श्री अनिल कुमार जी ने किया और इस यज्ञ में श्री ब्रिज खन्ना जी जो श्री सिकरी जी के औषध उद्योग के मित्र हैं ने धन की आहुति डाली l

मंदिरों की सूची इस प्रकार है :

गीता भवन, न्यू कॉलोनी, श्याम मंदिर, न्यू कॉलोनी, हनुमान मंदिर, मदन पुरी, राम मंदिर, प्रताप नगर, बालाजी हनुमान मंदिर, शिवाजी नगर, कृष्ण मंदिर, 4-8 मरला, गंगा गिरी कुटिया, बलदेव नगर, कृष्ण मंदिर, भीम नगर, उदयभान देवी मंदिर, भीम नगर, गीता सार देवी मंदिर भीम नगर, चिंतपूर्णी मंदिर, सेक्टर-5, पंचमुखी हनुमान मंदिर, सेक्टर-7 एक्स्टेन्शन, भूतेश्वर मंदिर, पटौदी चौक, सनातन धर्म सभा, सेक्टर-56, राम मंदिर, मियांवाली कॉलोनी, श्री विशाल राम श्याम मंदिर, जैकबपुरा, राम मंदिर, सेक्टर-5, शिव मंदिर, शिवपुरी |

इसके अतिरिक्त पालम विहार स्थित कामधेनु गौशाला में जाकर पंजाबी बिरादरी महासंगठन के सदस्यों ने बोध राज सीकरी, प्रधान, पंजाबी बिरादरी महा संगठन, अध्यक्ष की अध्यक्षता में वहां चारा, गुड़ और रोजमर्रा में दी जाने वाली गायों की खाने की सामग्री, जिसकी कीमत लगभग एक लाख रूपये तक थी, दान दी जिसमें बोध राज सीकरी प्रधान, पंजाबी बिरादरी महा संगठन, के अतिरिक्त ओम स्वीट्स के चेयरमैन ओम कथूरिया, प्रसिद्ध आर्य समाज के पदाधिकारी श्री कन्हैया लाल जी आर्य , केन्द्रीय सनातन धर्म सभा के प्रधान श्री सुरेन्द्र खुल्लर, संगठन के महा मंत्री श्री रामलाल ग्रोवर, जाने माने समाज सेवी श्री सी॰ बी॰ मनचंदा जी , यदुवंश चुग जी , एम कुमार जी, विजय बाटला जी, श्री सुभाष डुडेजा जी , श्री रामकिशन गाँधी जी , विकास आर्य जी , धर्मेन्द्र बजाज जी , रमेश कामरा जी , राजकुमार कथूरिया जी , नरेन्द्र कथूरिया जी , अर्जुन नासा जी , श्री संजय टंडन जी,जी ऐन गोसाईं जी , ओ. पी. कामरॉ जी , ओ. पी. कालरा जी , विष्णु दीप मल्होत्रा जी और सुभाष नागपल जी आदि उपस्थित थे |

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