-स्कूल की बस की टक्कर से हुई थी महिला के बाइक सवार पति की मौत-मामले में सदर थाना नारनौल का एसएचओं भी शामिल सुरेश पंचोली, महेंद्रगढ़ राव बहादुर सिंह पुलिस ने मोजा मित्रपुरा निवासी एक दलित महिला की शिकायत पर यदुवंशी स्कूल के चेयरमैन राव बहादूर सिंह, ट्रांसपोर्ट इंचार्ज, नारनौल थाना सदर एसएचओं धर्मवीर सहित तीन चार अन्य के खिलाफ एससी एसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 28 वर्षीय विधवा महिला पिंकी देवी ने दी शिकायत में बताया कि वह नारनौल के गांव मोजा मित्रपुरा की रहने वाली है। उसके पति कैलाश चंद को बीती 15 सितम्बर की देर शाम को समय करीब छह बजे गांव अकबरपुर रामू निवासी अशोक कुमार ने यदुवंशी स्कूल पटीकारा की बस को चलाकर गफलत, लापरवाही से चलाकर उसके पति की बाइक को टक्कर मारकर मार दिया। इस बारे में बीती 16 सितम्बर को फैजाबाद चौकी में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करवाया गया था। उक्त बस यदवुंशी स्कूल पटीकारा के नाम है स्कूल का मालिक चेयरमैन राव बहादुर सिंह है ट्रांसपोर्ट इंचार्ज भूपेश शर्मा है। बीती 14 अक्टूबर को समय दोपहर 11 बजे ट्रांसपोर्ट इंचार्ज भूपेश शर्मा उसके घर पर यदुंवशी स्कूल की वैन में अपने ड्राइवर के साथ आया था। इस दौरान उसके साथ फैजाबाद निवासी बुधराम भी था। इस दौरान घर पर उसकी सास कमेलश, भाई अनिल उर्फ मिंटू, तायस भानपति, बहन सुशीला व उसके चार छोटे बच्चे मौजूद थे। भूपेश शर्मा ने सबकी उपस्थित में कहा कि एक्सीडेंट के केस में समझौता कर लो। राव बहादूर सिंह ने इस लिए तुम्हारे पास भेजा है। उन्होंने कहा है कि समझौते के बदले तुम्हें रूपये दिए जाएंगे और तेरे बच्चों को यदुवंशी स्कूल में मुफ्त पढ़ाई करवाई जाएगी। आप लोग राव बहादुर सिंह के फार्म हाउस महेंद्रगढ़ में आकार इस विषय में बात कर लो। बीते लगभग सवा दो महीने पहले उन्हें चौकी फैजाबाद में बुलाकर धर्मवीर एसएचओ सदर थाना नारनौल ने सबकी मौजूदगी में कहा कि केस को वापस ले लो, इसमें आपका का फायदा रहेंगा। केस वापस लेने के बदले तुमकों बहादुर सिंह से रूपये दिलवा दूंगा और तुम्हारे बच्चों की मुफ्त पढ़ाई हो जाएगी। एक्सीडेंट के केस में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की ने तो पुलिस ने बस को कब्जे में लिया ना हीं मौके पर उपस्थित गवाह के बयान लिए ना हीं आरोप ड्राइवर अशोक को गिरफ्तार किया। वह बार-बार अपने बच्चों को लेकर पुलिस चौकी फैजाबाद में चक्कर लगाती रहीं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बल्कि हर बार राव बहादुर सिंह से मिलने की हिदायत हीं मिलती रहीं। वह पुलिस की कार्रवाई नहीं होने की वजह से मानसिक रूप से टूट गई और मजबूर होकर पुलिस व भूपेंश शर्मा के आश्वासन के तहत अपने छोटे-छोटे बच्चों की भूख से लाचार होकर बीते 4 दिसम्बर शनिवार को अपने चारों बच्चों, अपने भाई अनिल उर्फ मिंटू, ननदेऊ अजीत, गांव के हीं सुरेंद्र, ओमप्रकाश के साथ सुबह लगभग 8 बजे राव बहादुर सिंह के महेंद्रगढ़ फार्म हाउस पर गई वहां उपस्थित तीन लोगों ने उन्हें सोफो पर बिठाया और कहा कि बहादुर सिंह स्नान करके आ रहें है। इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने डरा-धमकाकर चार कागजों पर जिनमें एक पर कुछ लिखा हुआ था उसके हस्ताक्षर करवा लिए। इसके बाद राव बहादुर सिंह वहां पर आया और उन्हें पचास हजार रूपये देने की पेशकेश की उसने रूपये लेने से मना कर दिया। उसके मना करने पर वह आग बबूला हो गया और उन्हें जातिसूचक शब्द कहें। वर्जन राव बहादुर सिंह का मेरे खिलाफ जो मामला दर्ज किया गया है वह निराधार है शिकायतकर्ता मेरे पास तीन बार घर आए थे मैंने उनसे कहा कि आपने जो मेरी स्कूल बस के खिलाफ जो मामला दर्ज करवाया गया था वह गलत था झूठा था आपके पति की मौत का मुझे दुख है फिर भी जो मेरे से मदद होगी मैं करने को तैयार हूं Post navigation सूर्यास्त महेंद्रगढ़ : शहर में शराबी मस्त..? प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं शहर में ? सब खेल है सेटिंग का…… रोटरी क्लब महेंद्रगढ़ ने लगाया निःशुल्क दिव्यांग कृत्रिम अंग नाप तोल शिविर