सरकार द्वारा एमएसपी मामले को टालना किसानों के साथ धोखा : 

रेवाड़ी – इनेलो प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट रजवन्त डहीनवाल ने कहा कि  गठबंधन सरकार पूरी तरह से झूठ के दम पर चल रही है। जब भी सरकार से कोई सवाल पूछा जाता है तो बेझिझक झूठ बोलकर जनता को गुमराह कटने से पीछे नही हटते । चाहें वो मामला कोरोना काल मे आक्सीजन की कमी से हुई मौत का हो या हरियाणा प्रदेश में किसानों को खाद लेने के लिए करना पड़ा सँघर्ष हो।  सदन में इन पहले आक्सीजन कर कमी पर झूठ बोला ओर अब  खाद की कमी पर बिल्कुल झूठा जबाब दिया । जबकि हकीकत क्या है ये सबको पता है कि किस प्रकार कोरोना काल मे आक्सीजन की कमी से देश प्रदेश में हालात गम्भीर हुए थे जिसके परिणामस्वरूप कई लोगो की मौत हुई थी । लेकिन सरकार की बेशर्मी की हद  तब पार हुई जब ये कहा गया कि आक्सीजन की कमी से कोई मौत नही हुई।

मुख्यमंत्री के इस ब्यान से उन पीड़ित परिवार के लोगो पर क्या बीती होगी जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को ऑक्सीजन सही समय पर न मिलने की वजह से खोया। ठीक वैसे ही किसानों का दर्द भी बड़ा है प्रदेश के जनता जानती है कि किसी प्रकार किसानों को खाद लेने के लिए  सुबह 4 बजे से लाइन में लगना पड़ा । यही नही एक व्यक्ति को एक खाद का कट्टा देने पर पुत्र परिवार को साथ लाना पड़ा फिर भी घर बिना खाद के लौटना कितना पीड़ादायक था । पूरे प्रदेश में खाद की किल्लत थी लेकिन मुख्यमंत्री  का ये कहना कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नही थी । जबकि हकीकत ये थी की मजबूरी में किसानों को खाद ब्लैक में खरीदनी पड़ी थी और समय पर भी नही मिली ।यही नही खाद की किल्लत इतनी थी कि थानों में खाद मिलती नजर आयी। इसके बावजूद मुख्यमंत्री के शब्द की प्रदेश में खाद की कोई कमी नही ये शब्द किसानो के लिए बड़ी पीड़ा देने वाले थे।

इनेलो प्रवक्ता ने कहा कि इनेलो विधायक चौ अभय चौटाला ने एक बार फिर जनहित के मुद्दे उठाकर सरकार को घेरने का काम किया पर सरकार से जब माँगा लेकिन सरकार उनके जबाब में खानापूर्ति करती नजर आयी। जिससे प्रदेश की जनता को भी पता चला कि आज बीजेपी जेजेपी सरकार हालात क्या है और किस प्रकार से जनता को भृमित करने का काम करती है जबकि धरातल पर कोई काम नही होता।

एडवोकेट रजवन्त डहीनवाल ने कहा की एमएसपी के मुद्दे को केंद्र का मामला बताकर पल्ला झाड़ना गठबंधन सरकार के लिए सही नही है । अगर ये सरकार किसानों के मामले में थोड़ा भी सोचती तो एमएसपी मामले में अपनी सिफारिश केंद्र को भेज सकती थी लेकिन विधानसभा स्पीकर द्वारा एमएसपी के  प्रस्ताव को निरस्त करना ये साफ कर रहा है कि बीजेपी जेजेपी सरकार किसानों के हित में बिल्कुल नही है। इस कदम उन लोगो के चेहरे भी साफ नजर आये जो ये कहते थे कि एमएसपी मिलेगा । अगर नही मिलेगा तो सरकार का साथ छोड़ देंगे। फिर वो लोग भी बताए कि एमएसपी को कानूनी जामा पहनाया नही गया तो एमएसपी मिलेगा इसकी गारंटी कौन लेगा। लेकिन उनका विधानसभा में चुप रहना ये दिख रहा था कि ऐसे लोग सत्ता में मलाई खाने के लिए  ही आये हैं।

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