जेल में सुविधा देने के नाम पर उमर कैदी से एक लाख रुपये रिश्वत लेते जेल वार्डन काबू दो जेल वार्डन आए विजिलेंस की पकड़ में

भारत सारथी / कौशिक

नारनौल। राज्य चौकसी ब्यूरो ने नारनौल जेल में तैनात जेल वार्डन को एक लाख रुपये रिश्वत के साथ रंगे हाथ काबू करने में सफलता हासिल की है। आरोपित ने दूसरे जेल वार्डन की अमानत बताई तो दूसरा आरोपित भी दबोच लिया गया। मुख्य आरोपित हाल ही में रेवाड़ी जेल से अस्थायी तौर पर स्थानांतरित होकर नारनौल की नसीबपुर जेल में आया था।यह राशि गैंगस्टर पपला के साथी संदीप के भाई से ली गई थी।  

 सूत्र बताते हैं कि नारनौल जेल में बंद संदीप सिधिया नामक उमरकैदी को नसीबपुर जेल के वार्डन परेशान कर रहे थे। चक्की से बचने और मोबाइल व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने के नाम पर एक लाख रुपये की मांग की थी। कैदी के छोटे भाई हंसराज ने इस संबंध में एसपी चंद्रमोहन को शिकायत की थी। एसपी ने इस मामले में आरोपित को रंगेहाथ काबू करवाने के लिए मुख्यालय से संपर्क कर नूंह विजिलेंस को छापा मारने के लिए कहा,ताकि यह मामला लीक न हो। नूंह विजिलेंस इंस्पेक्टर अजीत सिंह के नेतृत्व में गठित टीम बृहस्पतिवार को नारनौल पहुंच गई और शिकायतकर्ता हंसराज को एक लाख रुपये के नोटों पर लाल पाउडर लगाकर दे दिया। हंसराज ने नसीबपुर जेल का दरवाजा खुलवाकर मुख्य द्वार पर तैनात राजन नामक जेल वार्डन को यह राशि उपलब्ध करवा दी। जैसे ही यह राशि जेल वार्डन ने ली तो विजिलेंस टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। राजन ने विजिलेंस टीम को बताया कि उक्त राशि उसने गजे सिंह वार्डन के कहने पर ली है। टीम ने गजेसिंह को जेल से ही काबू कर लिया। हालांकि टीम ने गिरफ्तारी की पुष्टि केवल राजन की ही की है।

संदीप सिधिया ने 2017 में पपला गैंगस्टर को छुड़ाने के लिए महेंद्रगढ़ कोर्ट में चलाई थी गोलियां
संदीप सिधिया मौसनुता गांव के पास स्थित साधा की ढाणी का रहने वाला है। 2017 में गैंगस्टर पपला को छुड़ाने के लिए संदीप ने अपने साथियों के साथ मिलकर कोर्ट परिसर में अंधाधुंध गोलियां चलाई थी। इस मामले में उसे उमरकैद की सजा हो चुकी है और वह नारनौल की नसीबपुर जेल में बंद है।

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