— नरविजय यादव…….लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं सात दिसंबर का दिन हर साल अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार सिविल एविएशन डे की थीम है – वैश्विक एविएशन के विकास के लिए नयी सोच। अगले दो वर्षों तक यही थीम रहेगी। महामारी के कारण पिछले डेढ़ साल का वक्त अन्य सब उद्योगों की तरह सिविल एविएशन इंडस्ट्री के लिए भी कठिनाई भरा रहा। अब फिर से वायरस का नया वेरिएंट खलबली मचा रहा है। हालांकि इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों का मत है कि इस बार घरेलू एयरलाइनों के बिजनेस पर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें जरूर प्रभावित होंगी, लेकिन सरकार ने तो विदेशी उड़ानों की आवाजाही पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी है। इसलिए घरेलू उड़ानें अप्रभावित रहेंगी। यदि कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट के चलते यात्री कम हुए भी तो कुछ ही समय ऐसा रहेगा। पिछली दो लहरों के दौरान भी घरेलू उड़ानों की संख्या कम हुई थी, लेकिन एयरलाइनों की आवाजाही पर रोक नहीं लगी थी। इस बार भी अगर रुकावट आयी भी तो 2022 की पहली तिमाही में ही बिजनेस फिर से रफ्तार पकड़ लेगा, ऐसा एविएशन विशेषज्ञों का अनुमान है। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन के अनुसार, जनवरी से अक्टूबर 2021 तक घरेलू एयरलाइनों से जाने वाले यात्रियों की संख्या 6.2 करोड़ से अधिक रही, जबकि साल दर साल की तुलना में यह 4.93 करोड़ अधिक थी। इसने क्रमशः 25.88 प्रतिशत साल दर साल और 70.46 प्रतिशत माह दर माह की वृद्धि का संकेत दिया। दूसरी लहर के बाद लागू पाबंदियों में 18 अक्टूबर को छूट मिली और एयरलाइनों को घरेलू मार्गों पर 100 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालन की अनुमति मिल गयी। पिछली दो तिमाहियों में घरेलू विमान सेवाओं में बहुत सुधार दिखायी दिया है। चालू माह और जनवरी के लिए हवाई यात्राओं की बुकिंग उम्मीद से अच्छी चल रही है। दो वर्षों में पहली बार ऐसी स्थिति बनी है कि कुछ रूट्स पर तो टिकट की कीमत भी ऊंची जा रही है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने अगस्त में मानसून सत्र के दौरान संसद को बताया था कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान महामारी के कारण, भारतीय एयरलाइनों को लगभग 19,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि भारतीय हवाई अड्डों को करीब 3,400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में 2019-20 में 0.3 प्रतिशत और 2021 में 61.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। पिछले दिनों सरकार ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया को टाटा संस के हाथों में सौंपा। शेयर बाजार के अमिताभ बच्चन यानी राकेश झुनझुनवाला की अकासा एयर और जेट एयरवेज को लेकर भी एविएशन इंडस्ट्री में उत्साह का माहौल है। एक और एयरलाइन, इंडियावन एयर भी जल्द ही आसमान में नजर आयेगी। जेट एयरवेज करीब 100 नये हवाई जहाज खरीदने के लिए बोइंग और एयरबस जैसी विमान निर्माता कंपनियों के साथ बात कर रही है। अकासा को भी विमानों का बेड़ा खरीदना है। इस बीच, भारतीय शेयर बाजारों में सूचीबद्ध एयरलाइन कंपनियों का प्रदर्शन मिलाजुला रहा है। जनवरी-दिसंबर की अवधि में, बाजार हिस्सेदारी के हिसाब से देश की सबसे बड़ी यात्री एयरलाइन इंडिगो के संचालक इंटरग्लोब एविएशन के शेयरों में साल-दर-साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि दूसरी बड़ी कंपनी स्पाइसजेट के शेयरों में 23 प्रतिशत गिरावट रही। Post navigation नारनौंद पालिका के चेयरमैन-वाइस चेयरमैन सहित दर्जनों ने ज्वाइन की जेजेपी विश्वविद्यालयों में पहले संघीयों को उपकुलपति बनाया भर्ती नियमों में परिवर्तन, स्वायता पर हमला – विद्रोही