अंतर्राष्ट्रीय को ऑपरेटिव एलायंस के अध्यक्ष डॉ चंद्रपाल सिंह यादव को मिले पद्म विभूषण सम्मान : मनोज यादव नई दिल्ली। सहकारिता के क्षेत्र में भारत ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको) के चेयरमैन डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव अंतर्राष्ट्रीय सहकारी एलाइंस (आईसीए ) एशिया प्रशांत के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। पूर्व लोकसभा सांसद डॉ.चंद्रपाल सिंह यादव ने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित चुनाव में उन्होंने यह गौरवमयी जीत दर्ज की। इतिहास में पहली बार कोई भारतीय इसका अध्यक्ष बना है। भारत की एक सौ दो मतों से मिली विजय किसी भी भारतीय के लिए अंतरराष्ट्रीय सहकारी राजनीति में बड़ी बात है। डॉ चंद्रपाल सिंह यादव की ऐतिहासिक सहकारिता क्षेत्र की अंतर्राष्ट्रीय जीत पर बधाई देते हुए अखंड राष्ट्रवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता मनोज यादव ने बधाई देते हुए कहा कि डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव ने सहकारिता क्षेत्र में भारत का जो मान इस अंतर्राष्ट्रीय विजय ने बढ़ाया है उससे निश्चित रूप से विश्व और भारत में सहकारिता क्षेत्र में काम करने वाले अथवा सहकारिता से जुड़े कृषकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। मनोज यादव ने बताया कि इंटरनेशनल को-कॉपरेटिव एलायंस (आईसीए) एक विश्वस्तरीय सहकारी महासंघ है, जो दुनिया भर में सहकारी आंदोलन का प्रतिनिधित्व करता है और डॉ.चंद्रपाल सिंह यादव ने इसका चुनाव लड़ा और भारी मतों से विजय हासिल करके भारत का नाम ऊँचा किया। अखंड राष्ट्रवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता मनोज यादव ने बताया कि पूर्व लोकसभा एवं राज्यसभा सांसद रहे डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव 1996 से कृभको अध्यक्ष हैं। डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव अपने उत्तरपदेश के बुंदेलखंड के एक छोटे से गांव में प्राथमिक सहकारी समितियों से शुरू होकर भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) के अध्यक्ष के पद तक पहुंचने में 30 वर्षों का संघर्ष और परिश्रम जुड़ा है। इतने लम्बे समय से भारतीय सहकारिता आंदोलन के अग्रणी नेता डॉ.यादव ने पड़ोसी देशों नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने में सहायता की है। सहकारी शिक्षा के क्षेत्र में मलेशिया और अन्य देशों के साथ सहयोग को भी मजबूत किया है। मनोज यादव ने भारत सरकार से मांग करते हुए कहा कि सहकारिता जगत के अग्रणी पुरोधा डॉ.चंद्रपाल सिंह यादव की उपलब्धियों को देखते हुए उनको पद्म विभूषण सम्मान से अलंकृत किया जाना चाहिए। Post navigation राजेंद्र चिंतन समिति ने भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी 137वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी केंद्र सरकार से डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के लिए नियम बनाने की मांग