• सोनीपत की रेल कोच फैक्ट्री व बाढ़सा एम्स परिसर में बनने वाले मंजूरशुदा 11 संस्थान भी अभी तक पूरे हो चुके होते• दुःख है कि हरियाणा का मंजूर इंटरनेशनल एयरपोर्ट दूसरे प्रदेश भेज दिया गया, प्रदेश की वर्तमान सरकार ने कोई विरोध नहीं किया- दीपेंद्र हुड्डा• काफी प्रयासों के बाद हजारों करोड़ की लागत से मंजूर करवाये महम इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हरियाणा के लाखों युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलता, उद्योग पनपते – दीपेंद्र हुड्डा• तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मिलकर एअरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पालिसी-1997 में 150 किलोमीटर में दूसरे हवाईअड्डे का प्रावधान कराकर इसके बनने का रास्ता साफ कराया था – दीपेंद्र हुड्डा चंडीगढ़, 25 नवंबर। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज कहा कि अगर हमारी सरकार होती तो आज इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन जेवर में नहीं महम में हो रहा होता। मुझे दुःख है कि काफी प्रयासों के बाद महम में मंजूर कराया हमारा एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के जेवर में चला गया और हरियाणा सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। महम में ये एयरपोर्ट हिसार रोहतक तथा भिवानी तीनों जिलों के बीच में होता। इससे न केवल लाखों युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलता, उद्योग पनपते अपितु ये हरियाणा के विकास में एक मील का पत्थर साबित होता। इतना ही नहीं, सोनीपत की रेल कोच फैक्ट्री व बाढ़सा एम्स परिसर में बनने वाले मंजूरशुदा 11 संस्थान भी अभी तक पूरे हो चुके होते। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने महम से सिर्फ हवाई अड्डा ही नहीं छीना बल्कि हरियाणा के लोगों से रोजगार का मौका भी छीन लिया। उन्होंने बताया कि 2014 से लगातार वे संसद समेत हर फोरम पर आवाज उठाते रहे कि दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के समकक्ष मंजूरशुदा महम इंटरनेशनल एयरपोर्ट को हर हाल में हरियाणा में ही स्थापित किया जाए। लेकिन, हरियाणा की वर्तमान सरकार ने इसे दूसरे प्रदेश भेजे जाने का कोई विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि क्या विकास पर हरियाणा का हक नहीं है। क्या एक भारत, श्रेष्ठ भारत में हरियाणा का नाम नहीं आना चाहिए। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के विकास के लिये कई बड़े महत्वपूर्ण और प्रोजेक्ट मंजूर करवाए थे, जिन्हें या तो बंद कर दिया गया या फिर उन्हें यहाँ से छीनकर अन्य प्रदेशों में भेज दिया गया। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि हरियाणा से एक एक कर सारे प्रोजेक्ट जाते रहे और प्रदेश की भाजपा सरकार अपने मुंह पर ताला लगाये बैठी रही। उन्होंने यह भी जोड़ा कि या तो सरकार सो रही है या डरी हुई है, नहीं तो प्रदेश से ड्रीम प्रोजेक्ट जाते रहें और सरकार सोई पड़ी रहे ये कैसे हो सकता है। आज जन-जन की समझ में एक बात आ गयी है कि इस सरकार को हरियाणा के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। हरियाणा के लोगों का विश्वास तोड़कर बने इस अनैतिक गठबंधन का लक्ष्य केवल झूठ और लूट है। उन्होंने बताया कि बढ़ते एयर ट्रैफिक को देखते हुए 16 दिसंबर 2009 को कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने हरियाणा में दूसरे एयरपोर्ट को स्थापित करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को दिया था। जिसे काफी प्रयासों के बाद मंजूर कराया गया था। दीपेन्द्र हुड्डा ने महम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की प्रस्तावना से लेकर सैद्धांतिक मंजूरी मिलने तक का तिथिवार ब्यौरा दिया और बताया कि हरियाणा, दिल्ली और पूरे एनसीआर क्षेत्र की जरुरत को देखते हुए महम में 16 दिसंबर 2009 को हुड्डा सरकार द्वारा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रस्तावित किया गया था। जिसके साईट प्लान में तीन जिलों – रोहतक, भिवानी और हिसार की भूमि शामिल थी। लेकिन एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पालिसी-1997 में मौजूदा हवाईअड्डे के 150 किलोमीटर की दूरी के दायरे में दूसरे हवाई अड्डे की स्थापना में अड़चन आने के कारण दीपेन्द्र हुड्डा ने खुद 29 अप्रैल, 2011 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी से मिलकर इस अड़चन को दूर कराया। जिसके बाद 15 अक्टूबर, 2011 को प्रस्तावित साइट के लिए रक्षा मंत्रालय ने एयरफोर्स से सम्बंधित डिफेन्स क्लीरन्स प्रदान कर नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सूचित किया गया। इसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया की एक्सपर्ट टीम ने नवम्बर 2013 में अपनी फिजिबिलिटी रिपोर्ट में महम की प्रस्तावित इंटरनेशनल एअरपोर्ट साईट को हरी झण्डी दी। अगस्त 2009 से लेकर जनवरी 2014 तक, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया से मंजूरी दिलाने के बाद एएआई 2013 प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार यह प्रस्तावित हुआ था कि 2018 में जब इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक सैचुरेट होगा तो उसके लिये नया इंटरनेशनल एयरपोर्ट महम में स्थापित किया जायेगा।* हरियाणा के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से संबंधित विस्तृत एवं क्रमबद्ध जानकारी – • 16 दिसंबर, 2009 – चौ भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी की सरकार ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि IGI के अलावा NCR में दूसरा एयरपोर्ट जो बने, वो हरियाणा में बने। इससे संबंधित चिट्ठी और प्रपोजल केंद्र सरकार को मुहैया कराए। • जनवरी 2010 – तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री श्री प्रफुल पटेल जी से इस प्रस्ताव के सम्बन्ध में मुलाकात की। • 23 जून, 2010 – एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया (AAI) द्वारा विभिन्न साईटों का निरीक्षण और प्री-फीजिबिलिटी स्टडी की गयी। • इस प्री-फीजिबिलिटी रिपोर्ट में पाया गया कि यह प्रपोजल फीजिबल है, रक्षा मंत्रालय से एयर फ़ोर्स से सम्बंधित क्लीरन्स की जरुरत पड़ेगी और तीसरा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के 150 किमी० से नजदीक एयरपोर्ट बनने के लिए एअरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पालिसी-1997 में ढील बरतने की आवश्यकता होगी। • 29 अप्रैल, 2011 – तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी से मिलकर एअरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पालिसी-1997 की समीक्षा करने का अनुरोध किया, ताकि मौजूदा हवाईअड्डे के 150 किलोमीटर की दूरी के दायरे में दूसरे हवाई अड्डे की स्थापना हो सके। • 13 जून, 2011 – तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री श्री वायलार रवि जी से इस विषय को लेकर मुलाकात की। • जुलाई 2011 – सरकार द्वारा एअरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पालिसी-1997 में प्रावधान किया गया कि मौजूदा हवाईअड्डे के 150 किलोमीटर के दायरे में दूसरे हवाई अड्डे को स्थापित किया जा सकता है। • 13 अगस्त, 2011 – तत्कालीन रक्षा मंत्री श्री ए.के. एंटनी जी से डिफेन्स क्लीरन्स (एयर फ़ोर्स क्लीरन्स) के लिए मुलाकात की। • 15 अक्टूबर, 2011 – प्रस्तावित साइट के लिए रक्षा मंत्रालय ने एयरफोर्स से सम्बंधित डिफेन्स क्लीरन्स प्रदान कर नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सूचित किया। • अप्रैल 2012 – एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया (एएआई) ने फाइनल फीजिबिलिटी स्टडी समूह का गठन किया। • अगस्त 2013 – तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री श्री अजीत सिंह से इस संबंध में मुलाकात की। • नवम्बर 2013 – फीजिबिलिटी स्टडी समूह ने महम में साइट का दौरा किया। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया (AAI) द्वारा फीजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट में नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का काम चालू करने की प्रस्तावना दी गयी। • 5 जनवरी, 2014 – सिविल एविएशन मंत्रालय ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया (AAI) द्वारा फीजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट की सिफारिशों को सैद्धान्तिक रूप से मानकर महम इंटरनेशनल एअरपोर्ट के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई।• 21 जुलाई, 2016 को इस मुद्दे को सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने लोकसभा में उठाया और चेताया कि यह एयरपोर्ट हरियाणा के अलावा कहीं और नहीं जाना चाहिए। • 24 जून, 2017 को NCR का दूसरा एयरपोर्ट जेवर, उत्तर प्रदेश में मंजूर। Post navigation इन-हाउस क्षमताओं को बढ़ाने एवं सुधारने के लिए एनआईएसजी के साथ पांच वर्षीय एमओयू हस्ताक्षरित आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के सुपरवाइजर पदोन्नति के लिए खुलेंगे रास्ते