आज 700 लाशों के उपर खड़े हो कर अपनी गलती का एहसास करते हैं, ये है आज का लोकतंत्र अगर समय रहते सरकार अपना हठ त्याग देती तो शायद आज कई घरों के चिराग नही बुझते 19/11/2021 :- ‘तीन क़ृषि बिलों की वापसी में 700 से ज्यादा किसान शहीद हुए हैं। जो आजादी को भीख में मिली बता रहे हैँ उनके लिए यह 700 किसानों की शहादत दृष्टांत है कि दुनिया में कुछ भी चीज यूँ ही आसानी से बगैर संघर्ष के नहीं मिलती’ उक्त बातें हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि किसान और किसानी बचाने के लिए व तीन काले कृषि कानूनों के विरोध में सालभर से सड़कों पर आंदोलन कर रहे किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी, देशद्रोही व आन्दोलनजीवी तक कहा गया, मगर किसानों ने धैर्य रखते हुए और अनुशासित रह कर तानाशाह को झुकने पर मजबूर कर दिया। वर्मा ने कहा कि जो ये कहते थे कि ये फर्जी किसान है, असली किसान तो खेतों में है। अब हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या अब वो खेतों में काम करने वाला तथाकथित असली किसान अब इस कृषि कानूनों के समर्थन में आंदोलन करेगा? महिला कांग्रेस नेत्री ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा ये काले कानून वापिस लेने की उनकी घोषणा उस कहावत को साबित करती है कि 500 जूते भी खाए और 500 प्याज भी खाई, उन्होंने कहा कि देश कभी नहीं भूल सकता कि सरकार की अदूरदर्शिता एवं अभिमान के कारण सैकड़ों किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। कॉन्ग्रेस नेत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वो अब जल्द संसद सत्र बुलाकर इन तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करने का प्रस्ताव सदन के पटल पर रखे, क्योंकि जब तक संसद से बिल वापसी नहीं, तब तक मेरे किसानों की घर वापसी नहीं। महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव ने कहा कि हाल ही के उपचुनावों में हुई हार से सबक लेते हुए और आने वाले समय में कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में होने वाली संभावित हार के डर से बीजेपी सरकार ने ये फैसला लिया है। सोचिये कितने मजबूर हुए होंगे साहब। वर्मा ने कहा कि आज गुरु नानक देव जयंती के प्रकाश पर्व पर किसानों की बड़ी जीत हुई है, और किसानों की मेहनत रंग लाई। उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ़ ये जीत सच्चाई का साथ देने वाले सभी देशवासियों को मुबारक हो। उन्होंने कहा कि भारत के किसान, जिनका मुद्दा कांग्रेस पार्टी ने लगातार उठाया, आखिरकार आज जीत गए क्योंकि मोदी सरकार ने तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द कर दिया है। राहुल गांधी जी के नेतृत्व में हमारे प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत के किसानों की यह जीत हुई है। कांग्रेस नेत्री ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस किसान आंदोलन में शहीद हुए किसान परिवारों को प्रायश्चित स्वरूप मुआवजा भी दिया जाना चाहिए, मृतक किसानों को शहीद का दर्जा मिले और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। Post navigation कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा, किसान संघर्ष की जीत व तानाशाह प्रधानमंत्री की करारी हार : विद्रोही भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किया 3 कृषि कानून वापिस लेने के फैसले का स्वागत