साहित्य हिसार मेरी जालंधर कीं- भाग पांच ………. अपनी पीढ़ी की बात 02/01/2024 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय आज फिर मन जालंधर की ओर उड़ान भर रहा है। आज अपनी पीढ़ी को याद करने जा रहा हूँ । जैसे कि रमेश बतरा ने अपने एक कथा…
देश साहित्य 27 दिसंबर मिर्जा गालिब जयंती अवसर पर ……. शायरों के शायर बेतकल्लुफ मिर्जा गालिब 27/12/2023 bharatsarathiadmin “हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसीं, कि हर ख़्वाहिश पर दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले…” “हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त, लेकिन, दिल के खुश रखने को…
भिवानी साहित्य कला और साहित्य अकादमी पुरस्कारों की बंदर बांट 20/12/2023 bharatsarathiadmin आज जिस प्रकार से सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कुछ योग्य एवं अयोग्य साहित्यकार, कवि, लेखक, कलाकार साम-दाम-दण्ड-भेद सब अपना रहे हैं और अपने प्रयासों में प्रायः सफल…
साहित्य हिसार मेरी यादों में जालंधर-भाग दो …….. वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी 19/12/2023 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय जगजीत सिंह की आवाज में गायी यह ग़ज़ल आप सब सुनते ही नहीं सराहते भी हैं : वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी,,,,,,,सुनते ही आप दाद…
साहित्य हिसार यादों की धरोहर ……. महज साक्षात्कारों का संचयन नहीं वरन एक संदर्भ ग्रंथ 13/12/2023 bharatsarathiadmin इंदिरा किसलय चीड़ों पर चाँदनी का भावुक अक्स उकेरते हुए “निर्मल वर्माजी” हों, आँखिन देखी कहने वाले “हरिशंकर परसाई”, आषाढ़ का एक दिन की यादों में भीगी “अनिता राकेश”,तमस के…
साहित्य हिसार साहित्य से रोजी रोटी नहीं चल सकती , मेरी किताब के विदेशी अनुवाद से पैसे मिले : बेबी हालदार 09/12/2023 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय साहित्य से रोजी रोटी नहीं चल सकती । मेरी पहली ही किताब इतनी चर्चित हूई कि देश विदेश की 27 भाषाओं में अनुवाद हुई जिससे मुझे पैसे मिले…
भिवानी साहित्य हिसार हरियाणा के डॉ. सत्यवान सौरभ को लखनऊ में ‘पं. प्रताप नारायण मिश्र राष्ट्रीय युवा साहित्यकार सम्मान’ 05/12/2023 bharatsarathiadmin भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा देशभर से चयनित छह साहित्यकारों में से एक विभूषित साहित्यकार डॉ सत्यवान सौरभ को पच्चीस हजार पुरस्कार राशि, अंग वस्त्र, सरस्वती प्रतिमा व पंडित प्रताप…
साहित्य हिसार दुनिया तकनीकी तौर पर निकट आई लेकिन आंतरिक निकटता भी जरूरी : डाॅ वरयाम सिंह 03/07/2023 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय दुनिया तकनीकी तौर पर बहुत निकट आ गयी लेकिन आंतरिक तौर पर निकट आना भी जरूरी ! यह कहना है प्रसिद्ध रचनाकार और विशेष तौर पर सोवियत रचनाओं…
साहित्य कमलेश भारतीय की तीन लघुकथाएं ……….. 01/07/2023 bharatsarathiadmin कमलेश भारतीय यह कैसा स्वागत् ? अस्पताल में एक उच्च पद पर कार्यरत महिला ने बच्ची को जन्म दिया । अस्पताल की सबसे सीनियर महिला डाॅक्टर आई और उस अधिकारी…
भिवानी साहित्य महिलाओं से आकाश छीनता पितृसत्ता विश्वास 28/06/2023 bharatsarathiadmin पितृसत्तात्मक समाज औरत को स्वतंत्रता और फैसला लेने का अधिकार नहीं देता। यह समाज हमेशा ही महिलाओं को सामाजिक रोक-टोक से जकड़कर रखना चाहता है। हमारे समाज को महिला की…