Category: देश

पहले ‘पलटीमार’ नीतीश कुमार नहीं, ये भी हैं दलबदलू

अनेक नेता हैं भारतीय राजनीति के ‘आया राम गया राम’ गयालाल सबसे पहले बने थे ‘आया राम गया राम’ अशोक कुमार कौशिक भारतीय राजनीति में नेताओं का पार्टी बदलना बड़ा…

बापू सेंट स्टीफंस कॉलेज से दलित बच्चों के साथ

आर.के. सिन्हा महात्मा गांधी हमारे स्वाधीनता आंदोलन के सिर्फ नायक या समाज सुधारक मात्र ही नहीं थे। वे नौजवानों और विद्यार्थियों से मिलना-जुलना भी बेहद पसंद करते थे। वे स्कूलों,…

मेरी यादों में जालंधर- भाग चौबीस : हरियाणा से जुड़ा हिसार के रिपोर्टर से पहले रिश्ता….

कमलेश भारतीय फिर एक नया दिन, फिर एक न एक पुरानी याद ! पंजाब विश्विद्यालय की कवरेज के दिनों एक बार छात्रायें अपनी हाॅस्टल की वार्डन के खिलाफ कुलपति कार्यालय…

प्राण प्रतिष्ठा में मुसलमानों की उपस्थिति के संदेश

आर.के. सिन्हा ……… स्तंभकार और पूर्व सांसद अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय प्रख्यात मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना उमेर इलियासी समेत बहुत सारे मुसलमान धर्म गुरुओं की और फ़िल्म…

मेरी यादों में जालंधर – भाग तेइस : वह पहली कहानी के छपने की पुलक…

कमलेश भारतीय यादें भी क्या हैं, आती हैं तो आती ही चली आती हैं, इनका न कोई ओर, न कोई छोर! जैसे पतंग उड़ाने वाली डोर की चरखड़ी, जो लगातार…

मेरी यादों में जालंधर – भाग बाइस : आजकल पासबुक से बड़ी कोई बुक नहीं….

कमलेश भारतीय मित्रो, चल रहा हूँ, यादों की पगडंडियों पर – बिल्कुल बेखबर कि ये मुझे कहां ले जाने वाली हैं पर मैं डरते-डरते चलता जा रहा हूँ । आज…

दिल्ली के कर्तव्य पथ पर समृद्ध और विकसित हरियाणा की दिखी नई पहचान

राखी गढ़ी की पुरानी सभ्यता से लेकर मेट्रो व उद्योगों के बिछे जाल के साथ डिजिटल हरियाणा को देश व दुनिया के सामने दिखाया गया झांकी में हरियाणा की संस्कृति,…

जाने किस घड़ी वक्त का बदले मिज़ाज…..

कमलेश भारतीय यादों से घिरा रहता हूँ, सुबह शाम ! जब जब यादें आती हैं, कितने खट्टे मीठे अनुभव याद कराती हैं और यह भी कि वक्त क्या क्या दिन…

हरियाणा राज्यपाल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय देखा, बहुत प्रभावित हुए

देश के 75 वर्ष के इतिहास को संग्रहालय में मात्र दो से तीन घण्टे में देख सकते हैं- राज्यपाल संग्रहालय में पूरा इतिहास डिजिटल रूप से संजोया गया है विद्यार्थियों…

मेरी यादों में जालंधर – भाग बीस …….. कुमार विकल मैं बहुत उदास हूँ !

कमलेश भारतीय जब जालंधर की यादें लिखनी शुरू की थीं, तब लगता था कि दो चार दिन लिखकर आपसे विदा ले लूंगा लेकिन यादें जालंधर से चलती हुईं मुझे न…

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