हिंदी पत्रकारिता का विस्तार तो हुआ लेकिन उसके आदर्श कहीं खो गए: डाॅ गोविंद सिह
-कमलेश भारतीय हिंदी पत्रकारिता का विस्तार तो सन् 1990 के बाद बहुत हुआ और नौकरियां भी खूब मिलीं लेकिन पत्रकारिता के मूल्य /आदर्श नहीं रहे । यह कहना है वरिष्ठ…
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-कमलेश भारतीय हिंदी पत्रकारिता का विस्तार तो सन् 1990 के बाद बहुत हुआ और नौकरियां भी खूब मिलीं लेकिन पत्रकारिता के मूल्य /आदर्श नहीं रहे । यह कहना है वरिष्ठ…