भारतीय मजदूर संघ का मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल, करेगा देशव्यापी आंदोलन

देश में बढ़ती महंगाई के विरोध में भामसं 9 सितंबर को देशव्यापी धरने व प्रदर्शन करेगा

चंडीगढ़ 8 सितंबर, देश में बढ़ती महंगाई के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ ने देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है देश के सबसे बड़े मजदूर मजदूर व कर्मचारी संघ की सभी राज्य इकाइयां 9 सितंबर को इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरेगा। भारतीय मजदूर संघ ने मोदी सरकार के ऊपर महंगाई रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया है भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ,हिरण्मय पण्ड्या व उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री पवन कुमार ने 4 व 5 सितंबर को कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में भारतीय मजदूर संघ हरियाणा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए अपने संबोधन में कही। मजदूर संघ में हमेशा जनता के हित में कार्य करता आया है केवल मजदूरों के लिए ही नहीं बल्कि राष्ट्र और समाज की चिंता भी करते हैं। कोरोना महामारी के बाद मजदूर व कर्मचारी वर्ग समस्याओं से घिरा रहा है। नौकरियां गई और वेतन भी कटे लेकिन इसके बावजूद सरकार ने महंगाई पर रोक लगाने में विफल रहा। सरकार से भारतीय मजदूर संघ संवाद और संघर्ष दोनों के रास्ते स्पष्ट रखता है 9 सितंबर को देश के सभी जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर उपायुक्तों के माध्यम से मांग पत्र प्रधानमंत्री के नाम भेज कर केंद्र व राज्य सरकारों का ध्यान आकर्षित किया जाएगा।

क्या है मांगे,

मजदूर संघ की मांग है कि उत्पाद वस्तुओं पर विक्रय मूल्य की तरह लागत मूल्य भी अंकित होना चाहिए। इससे उपभोक्ता को अमुख उत्पाद पर उत्पादन करता को मिलने वाले मुनाफे की भी जानकारी होगी।, दवाइयों का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि आज फार्मा कंपनियां 500% तक मुनाफा एक दवाई पर कमा रही है। जब सरकार वन नेशन -वन टैक्स की बात करती है तो पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं ला रही है। ऐसा नहीं होने के कारण लगातार डीजल, पेट्रोल की कीमतें बढ़ रही है इसका असर बाकी वस्तुओं की महंगाई पर भी पड़ता है सरकार को संविधान में संशोधन कर कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले मूल खाद सामग्रियों जैसे दाल, अल्लू, प्याज, तेल इत्यादि को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर करने पर कालाबाजारियों को बढ़ावा मिलेगा मुनाफा खोर व्यापारी बाजार में कृत्रिम कमी दिखाकर महंगाई को बढ़ावा दे रहे हैं जिसे सरकार रोकने में विफल है। भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र सरकार को मोनेटाइजेशन का भी विरोध किया उनका मानना है कि आर्थिक संकट के इस दौर में सरकार के संसाधनों की जरूरत है। सरकार को मोनेटाइजेशन के बजाय रेशनेलाइजेशन का रास्ता अपनाना चाहिए अगर सरकार भारतीय मजदूर संघ के सुझाव को नहीं मानती है तो 2 नवंबर 2021 को मोनेटाइजेशन के विरोध में एक बार फिर भामसं देशव्यापी आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।

भारतीय मजदूर संघ हरियाणा ने 9 सितंबर को प्रदेश भर में महंगाई व मूल्य वृद्धि के विरोध में जिला स्तर पर धरने व प्रदर्शन किए जाएंगे ।

भामसं हरियाणा के प्रांत अध्यक्ष, अशोक कुमार, महामंत्री हवा सिंह, प्रांत संगठन मंत्री, हनुमान गोदारा एवं राज्य कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रांत अध्यक्ष, कृष्ण लाल गुर्जर ने बताया कि प्रदेश के तमाम जिलों में जिला उपायुक्तों के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम बढ़ती महंगाई वह अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिए जाएंगे । उन्होंने हरियाणा सरकार को आगाह करते हुए कहां की गत माह 26 अगस्त को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में प्रदेश में कार्यरत कर्मचारियों की मांगों पर जो सहमति हुई उसे अविलंब लागू कर पत्रक जारी करें। अन्यथा भारतीय मजदूर संघ हरियाणा अपनी जायज मांगों को लेकर 5 अक्टूबर 2021 को पंचकूला में एक प्रांत स्तर की एक बड़ी रैली सरकार के खिलाफ करने पर बाध्य होगा जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी।

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