बड़ा सवाल स्थानीय प्रशासन और पालिका प्रशासन बने तमाशबीन.
अवैध कब्जे का मामला नगर पालिका वार्ड 15 में जाटोली क्षेत्र का.
कोई सुनवाई और कार्रवाई नहीं होने पर सीएम विंडो पहुंचा मामला

फतह सिंह उजाला

पटौदी । सरकार के मुखिया या फिर ग्रीवेंस कमेटी में ही मामला पहुंचने पर ही प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव काम करना शुरू करते हैं ? यह भी अपने आप में एक पेचीदा और अनसुलझा सवाल बनता जा रहा है । नगर पालिका हेली मंडी क्षेत्र में ही वार्ड 15 जाटोली इलाके में भी इन दिनों कथित अवैध कब्जे सहित तेजी से किया जा रहा निर्माण चर्चा का विषय और स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान बनता जा रहा है । लाख टके का सवाल यह है कि हेली मंडी नगर पालिका सचिव, पटौदी उप मंडल अधिकारी कार्यालय और जिला वक्फ बोर्ड कार्यालय में भी इस कथित कब्जे के संदर्भ में शिकायत दी जा चुकी है। मामले में त्वरित कोई कार्रवाई नहीं होने को देखते हुए अंततः यह मामला भी सीएम विंडो की मार्फत हरियाणा के सीएम के संज्ञान में पहुंचाया गया है ।

लाख टके का सवाल यह है कि करीब 400 वर्ग गज जमीन पर कथित रूप से और किसके इशारे पर तथा किसके संरक्षण में कथित अवैध कब्जा करते हुए युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य हो रहा है । इस संदर्भ में जो तस्वीर सामने आई है उसे देखते हुए यही लगता है कि इस जमीन पर कथित रूप से कब्जा करते हुए आवासीय निर्माण युद्ध स्तर पर किया जा रहा है । हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड 15 जोकि जाटोली इलाके में है वहां के निवासी सतीश कुमार पुत्र रामकिशोर के द्वारा इस कथित 400 वर्ग गज जमीन इसका कोई भी अधिकारी राजस्व रिकार्ड के मुताबिक मालिक नहीं बताया गया है । मामला सीएम विंडो के माध्यम से हरियाणा के सीएम के संज्ञान में लाया गया है ।

सीएम विंडो पर दी गई शिकायत में वार्ड 15 के ही कुछ लोगों के द्वारा इस 1947 से खाली पड़ी इस जमीन पर हाल ही में तेजी से कथित रूप से कब्जा कर अवैध निर्माण के विषय में जानकारी दी गई। सीएम विंडो पर दी गई शिकायत के मुताबिक नगर पालिका हेली मंडी के जाटोली क्षेत्र में वार्ड 12 के पास में परशुराम धर्मशाला के पास आजादी के बाद से करीब 400 गज जमीन खाली पड़ी हुई है। शिकायतकर्ता के मुताबिक गांव के ही बड़े बुजुर्गों के हवाले से बताया गया है कि 1947 में बंटवारे के दौरान और आपसी मारपीट के बीच में इस जमीन का वास्तविक मालिक जोकि एक मुसलमान बताया गया, वह यहां से चला गया । उसके बाद से यह जमीन अभी कुछ समय पहले तक लावारिस अथवा बिना किसी व्यक्ति के नाम राजस्व रिकार्ड में चढ़े ऐसे ही पड़ी हुई थी । शिकायतकर्ता के मुताबिक यह भूमि शामलात देह की हो सकती है या फिर नगरपालिका की प्रॉपर्टी भी हो सकती है , यदि बुजुर्गों की बात को सच माना जाए तो 1947 के बाद इस जमीन अथवा प्रॉपर्टी का मालिक वक्त बोर्ड भी हो सकता है । संबंधित जमीन का रकबा लगभग 400 वर्ग गज बताया गया है । जिसके पूर्वोत्तर में आम रास्ते हैं , वही पश्चिम और दक्षिण दिशा में स्थानीय लोगों के आवास भी बने हुए हैं ।

शिकायतकर्ता के मुताबिक यह 400 वर्ग गज जमीन अथवा प्रॉपर्टी नगर पालिका क्षेत्र में होने के कारण इसकी देखरेख और सुरक्षा की जिम्मेदारी नगर पालिका प्रशासन और जनता के चुने हुए नगर पालिका चेयरमैन इन दोनों की ही सबसे पहले बनती है । शिकायतकर्ता के मुताबिक इस जमीन पर कथित अवैध कब्जे के मामले में समय रहते ही नगर पालिका प्रशासन के साथ-साथ नगर पालिका चेयरमैन को भी अवगत करवाया जा चुका है , लेकिन किसी भी प्रकार की कार्रवाई स्थानीय पालिका प्रशासन या वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा नहीं की जा रही है। शिकायतकर्ता ने आशंका जाहिर की है कि 1947 से खाली पड़ी इस जमीन पर हाल ही में जो कथित कब्जा करते हुए निर्माण कार्य किया जा रहा है , इसके पीछे निश्चित ही पालिका प्रशासन और चुने हुए जनप्रतिनिधियों का भी संरक्षण मिलने से इनकार नहीं किया जा सकता।

शिकायतकर्ता ने सीएम विंडो पर दी गई शिकायत में यह भी कहा है कि इस प्रकार के कथित लावारिस जमीन अथवा प्रॉपर्टी पर कब्जे की शिकायत किया जाने पर धमकियां भी दी जाती हैं ।  शिकायतकर्ता ने सीएम विंडो पर दी गई शिकायत में अनुरोध किया गया है की जनहित को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका सीमा क्षेत्र में मौजूद जमीन पर किए जा रहे कथित जबरन कब्जे सहित अवैध निर्माण को अविलंब रुकवा कर जो भी लोग मौजूदा समय में यहां पर निर्माण कार्य करवा रहे हैं और मामला संज्ञान में लाए जाने के बाद जो पालिका प्रशासन सहित पालिका चेयरमैन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने को देखते हुए सभी के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई अमल में लाई जाए।  जिससे कि हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर खाली पड़ी हुई कीमती जमीनों पर अवैध कब्जे किए जाने पर लगाम कसी जा सके।

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