सरकारी लाभ पाने के लिए मोबाइल पर नही आता ओटीपी

संदेश देने के लिए पैदल जाने को मजबूर

रमेश गोयत

पंचकूला, 25 जुलाई। देश में जहा संचार क्रांति के बड़े-बड़े दावे किए जाते है। वही पंचकूला जिलें के सैकड़ों गांव आज भी दूरसंचार क्रांति के दावों से दूर है। जिला के मोरनी ब्लॉक और विधानसभा के रायतन-दून के कई गांवों में आज भी मोबाइल नेटवर्क की कनेक्टिविटी नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान है। अगर ऐसे हालात रहे तो डिजीटल इंडिया का सपना कैसे पूरा होगा। लेकिन कई गांवों में इन कंपनियों के मोबाइल धारकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कभी नेटवर्क आ जाता है तो कभी बिल्कुल नेटवर्क नहीं मिलता है। उन्होंने बताया कि भोज टिप्परा, भोज प्लासरा, भोज मटौर, भोज राजपुरा सहित अन्य क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क नही होना एक गंभीर समस्या बन चुकी है।

सोशल मीडिया और संचार क्रांति के इस दौर में मोबाइल नेटवर्क के अभाव में शासन की आॅनलाइन योजनाओं और सुविधाओं का लाभ भी ग्रामीणों को नही मिल पा रहा है। मोरनी के ज्यादातर गांवों में मोबाइल नेटवर्क चुनौती बना हुआ है। इसके साथ ही खोल फतेह सिंह, खोल मुल्लां, प्रेमपुरा, डखरोग, खोई, बघारनी, जनोली, कजियाना, नंदपुर, केदारपुर समेत अन्य गांवों में मोबाइल नेटवर्क की काफी दिक्कत है। आधुनिकता के इस दौर में गांव-गांव मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने के दावे यहां खोखले साबित हो रहे है। ग्राम पंचायतों में भी नेट की सुविधा नहीं होने से आॅनलाइन योजनाओं के लाभ से ग्रामीण वंचित है। मोरनी क्षेत्र पहाड़ियों से घिरा होने के कारण दूर-दूर तक मोबाइल टॉवर नही मिलता है। ग्रामीणों के अनुसार कि दिन के समय अगर किसी को बहुत जरूरी बात करनी हो तो पहाड़ी पर जाना पड़ता है। रात के समय कोई इमरजेंसी होने पर सुबह का इंतजार करना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत बीमार और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुलाने में आती है।

विधायक प्रदीप चौधरी ने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों को नेटवर्क की तलाश में भटकना पड़ता है।

बाइल कंपनियों के टावर भी आए दिन बंद होने से मोबाईल उपभोक्ता परेशान होते है।

सरकारी योजनाओं में मिलने वाले लाभ के लिए मोबाइल पर ओटीपी और मैसेज आते है। क्षेत्र में नेटवर्क नहीं मिलने से ग्रामीणों को परेशानी होती है। एक ओर जहां सरकार आॅनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा दे रही है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल और नेटवर्क ही नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नही विभिन्न परीक्षाओं और योजनाओं की प्रक्रिया आॅनलाइन हो चुकी है और ऐसे में मोबाइल टावरों की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री से पुरजोर अपील गई कि वो इस समस्या का अति शीघ्रता से समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाएं।

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