हर पीड़ित परिवार को दें दस लाख रुपए मुवावजा व माफ़ी मांगे मुख्यमंत्री 
 सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के आंकड़ों ने स्पष्ट की कोरोना से हरियाणा में हुई मई 2021 तक हुई थी 68,700 मौतें, पर सरकार ने बताया था केवल 8303 का आंकड़ा
क्या आँकडें छिपाने से सच्चाई छुप पाएगी? क्या मुख्यमंत्री खट्टर जिम्मेदारी लेंगे ?

चंडीगढ़, 15 जुलाई, 2021  – वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार पर कोरोना कुप्रबंधन पर पर्दा डालने के लिए कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा छुपाने का आरोप लगाया है। उन्होंने हर कोरोना मृतक परिवार को दस लाख रुपए मुवावजा देने और मुख्यमंत्री से इसके लिए माफ़ी मांगने की भी मांग की है। 

सुरजेवाला ने कहा कि भारत सरकार के सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम द्वारा अप्रैल 2020 से मई 2021 तक पंजीकृत मामलों की पिछले वर्ष की तुलना करने से स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश सरकार ने अपने कोरोना कुप्रबंधन पर पर्दा डालने के लिए कोरोना मृतकों की संख्या को 60,397 घटाकर केवल 8,303 दिखाया जो कोरोना के आधिकारिक रिपोर्ट किए गए आंकड़े का 7.3 गुना है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष की तुलना में हरियाणा में सबसे ज्यादा 28,276 मौतें अप्रैल 2021 और 46,108 मौतें मई 2021 में दर्ज हुई, जो दूसरी लहर के साथ सीधा मेल खाता है। मई 2021 में 5,148 के पंजीकृत कोरोना सूची की तुलना में 46,283 अतिरिक्त मौतें दर्ज हुई, जो सरकार ने 9 गुना कम दर्शाई। मई 2021 की कोरोना मृतकों की अधिकृत संख्या 8,303 की तुलना में 14 जुलाई तक हरियाणा का अधिकृत आंकड़ा 9,571 पहुँच चुका है, जिससे कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा सत्तर हज़ार से कहीं ज्यादा हो सकता है। 

सुरजेवाला ने कहा कि आँकडे छिपाने से सच्चाई नहीं छुप पाएगी और क्या मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इसकी जिम्मेदारी लेंगे। भाजपा सरकार को समझना चाहिए की आंकड़ों को छुपाने से सच्चाई नहीं छुप सकती और हरियाणा की समझदार जनता को वो मूर्ख नहीं बना पाएंगे जिन्होंने शमशान घाटों पर लगी लाइनों को स्वयं देखा है। ये सरकारी आंकड़े हैं और इससे साफ़ पता चलता है कि भाजपा-जजपा सरकार द्वारा सच और आंकड़ों के साथ किस प्रकार खिलवाड़ किया जा रहा है।

सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा बार-बार चेताने के बावजूद सरकार द्वारा इस महामारी से निपटने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। सरकार की नाकामी और कुप्रबंधन के कारण कोरोना दूसरी लहर में बड़े शहरों से निकल कर गांव- देहातों में पहुंचा। प्रदेश सरकार के आंकड़ों से यह भी स्पष्ट है कि सरकार ने न तो गांव-देहातों में और न शहरों में पूरी टेस्टिंग, ना ट्रैकिंग की गयी। ये भी सच है कि गांव-देहातों में बुखार आने पर तीसरे-चौथे दिन मौत हो रही थी, लेकिन सरकार ने तो पता करने की कोई कोशिश नहीं की हरियाणा के गावों-शहरों में हज़ारों अतिरिक्त मौत क्यों हुई। निश्चित तौर पर अतिरिक्त मौतें कोरोना से हुई मौतें हैं और यदि सरकार अपना काम ठीक से करती तो उन हज़ारों लोगों को बचाया जा सकता था।

सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार को मीडिया और हैडलाइन मैनेजमेंट छोड़कर टीकाकरण और कोरोना टेस्टों की संख्या को बढ़ाना चाहिए जो बढ़ने के स्थान पर कम हो रही हैं। मई 2021 माह में 53,414 टेस्ट प्रति दिन किये गए थे, जो जून और जुलाई में लगातार घटकर 30,962 और 29,324 रह गए। इसी प्रकार टीकाकरण भी जुलाई में जून से कम हो गया है। यदि हरियाणा सरकार द्वारा समय रहते कोरोना की रोकथाम के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो तीसरी लहर आने पर स्थिति और भी विस्फोटक हो सकती है।

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