गांव जोनियावास में साप्ताहिक हवन यज्ञ अनुष्ठान का आयोजन. आर्य समाज के तत्वाधान में संपन्न हुआ यह धार्मिक अनुष्ठान. जोनियावास में मौके पर मौजूद रहा भारी संख्या में पुलिस बल फतह सिंह उजालापटौदी । दिन प्रतिदिन बढ़ते लव जिहाद ,धर्म परिवर्तन ,लव जिहाद ,बाजार जिहाद, जमीन जिहाद को ध्यान में रखते हुए संडे को गांव जोनियावास में आर्य समाज के तत्वाधान में एक सामूहिक हवन यज्ञ अनुष्ठान का आयोजन किया गया । यह धार्मिक आयोजन आर्य समाज के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इसी मौके पर ग्रामीण युवाओं में आत्मरक्षा, आत्मबल और आत्मविश्वास को और अधिक मजबूत बनाने के लिए संक्षिप्त सत्र में लाठी चलाने का भी प्रशिक्षण विशेष रूप से दिया गया । इसका मुख्य उद्देश्य यही था की आपात स्थिति में किसी अनजान व्यक्ति के द्वारा हमला करना या रास्ते में रोक लेने पर किसी भी प्रकार की वारदात की आशंका को देखते हुए सैल्फ डिफेंस करना या फिर किसी ऐसे व्यक्ति की मदद करना जिस पर कहीं भी कुछ लोगों के द्वारा या अकेले में हमला किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं में आधुनिक शिक्षा पद्धति के विपरीत प्राचीन काल की गुरुकुल शिक्षा पद्धति के अनुरूप लाठी अन्य प्रकार के अपनी सुरक्षा के उपलब्ध संसाधनों का किस प्रकार से आज के दौर में आधुनिक हथियारों को देखते हुए मुकाबला किया जा सकता है , इन्हीं सब बातों को केंद्र में रखकर प्रशिक्षण दिया गया । संडे को गांव जोनियावास में आहूत भारतीय सनातन संस्कृति के साथ साथ संस्कार, शुद्ध पर्यावरण, वेदों का ज्ञान, मंत्रों का उच्चारण इन्हीं सब बातों को केंद्र में रखकर सामूहिक हवन यज्ञ अनुष्ठान का आयोजन करते हुए आहुति अर्पित की गई । इस मौके पर मुख्य रूप से कपिल जोनियावास, जयदीप आर्य, नवीन, ईस्ट मुनि महाराज, पटौदी बार के पूर्व पदाधिकारी एडवोकेट सुधीर मुदगिल, एडवोकेट स्वरूप सिंह, टेसवा के जिला अध्यक्ष सूबेदार राजेंद्र सहित आसपास के युवा भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। यहां पर युवाओं को हवन यज्ञ अनुष्ठान के महत्व के विषय में जानकारी देते हुए बताया गया कि हवन यज्ञ अनुष्ठान ब्रह्मांड में जीव कल्याण के हितार्थ ही किए जाते हैं । इसका सबसे अधिक लाभ हमें अपनी सनातन और प्राचीन संस्कृति के विषय में ज्ञान अर्जित करने का होता है। हमारे वेदों में धार्मिक ग्रंथों में और ऋषि मुनियों के द्वारा इसी प्रकार के हवन यज्ञ अनुष्ठान करके अपने तपोबल और मनोबल को मजबूत करते हुए हर प्रकार की विकट स्थिति से निपटने के लिए अपने आप को भी तैयार किया जाता था । साथ में शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों को भी इसी कार्य के लिए प्रशिक्षण देते हुए प्रेरित भी किया जाता था। आज पाश्चात्य संस्कृति को देखते हुए समाज में हमारी अपनी प्राचीन हवन यज्ञ अनुष्ठान करने की परंपरा को धीरे-धीरे भूलाया जा रहा है । कोरोना जैसी महामारी को ध्यान में इस प्रकार के आयोजन नियमित रूप से होते रहने चाहिए। हवन यज्ञ अनुष्ठान में विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियां औषधियां शुद्ध देसी घी की आहुतियां अर्पित करने से पर्यावरण शुद्ध होता है और जब पर्यावरण शुद्ध होगा तो हमारे विचार भी सकारात्मक ही बनेंगे । इसी बीच में पुलिस प्रशासन को कहीं से इस इस प्रकार की भनक लग गई कि गांव जोनियावास में भी बीते सप्ताह पटौदी में संपन्न पंचायत की तर्ज पर ही एक भव्य पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में भारी संख्या में पुलिस बल भी आयोजन स्थल पर पहुंच गया और पुलिसकर्मी आयोजन स्थल के चारों तरफ मौजूद रहे । कथित रूप से पुलिस बल के साथ गए एक अधिकारी के द्वारा कथित रूप से दो टूक शब्दों में चेतावनी दी गई कि अभी लोक डाउन चल रहा है ,कोरोना कॉल है। ऐसे में किसी भी प्रकार की बैठक, पंचायत का किया जाना कानून के विरुद्ध और न्याय संगत नहीं होगा । वहीं दूसरी ओर केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा लॉकडाउन में निरंतर छूट देते हुए इंडौर में कोरोना कॉविड 19 गाइडलाइन का पालन करते हुए एक सौ और आउटडोर में 200 लोगों के किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने या आयोजन करने की छूट दी जा चुकी है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस प्रशासन को इस बात की चिंता सता रही थी कि कहीं पटौदी में संपन्न महापंचायत की तर्ज पर वक्ताओं के द्वारा जोशीले शब्दों का इस्तेमाल करते हुए भाषण बाजी ना की जाए । यहां गौरतलब है कि संविधान ने प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक आयोजन करने, अपनी बात बेबाकी से कहने की स्वतंत्रता भी प्रदान की हुई है और जब भी कोई मौका मिलता है वह सामान्य व्यक्ति हो या कोई बड़ा राजनेता अपनी बात को डंके की चोट पर समाज और शासन प्रशासन के सामने रखता आ रहा है । पुलिस प्रशासन का ऐसे मौकों पर जो दायित्व बनता है ,वह केवल मात्र इतना होता है कि किसी भी प्रकार से माहौल तनावपूर्ण बंनकर किसी प्रकार का झगड़ा नहीं होने पाए । बहरहाल गांव जोनियावास में रविवार का यह आयोजन अपने लक्ष्य के मुताबिक पूरी तरह संपन्न तो नहीं हो सका, लेकिन फिर भी आयोजकों का कहना है कि गांव जोनियावास में साप्ताहिक हवन यज्ञ अनुष्ठान का ही आयोजन किया गया जो कि बीते काफी समय से यहां पर किया जाता आ रहा है । Post navigation राम राम पहचानते हो, नहीं तो तुमसे आखिरी राम राम पटौदी के गांव बलेवा के ग्रामींणों की हुई बल्ले-बल्ले