चंडीगढ़, 11 जून – हरियाणा सरकार ने दो आईएएस अधिकारियों/प्रशासनिक सचिवों को अपने वर्तमान कर्तव्यों के अलावा जिला-ईंचार्ज लगाया है।  

यह जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि डॉ0 सुमिता मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को अम्बाला जिले का चार्ज दिया गया है।

श्री अनुराग अग्रवाल, मुख्य निर्वाचन अधिकारी और प्रधान सचिव, निर्वाचन विभाग तथा प्रबन्ध निदेशक, हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम और प्रबन्ध निदेशक, हरियाणा वित्तीय निगम को यमुनानगर जिले का चार्ज दिया गया है।  

प्रशासनिक सचिवों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रशासनिक सचिव-इंचार्ज जिलों में नामित अध्यक्ष की अनुपस्थिति में जिला लोक शिकायत समिति की बैठक की अध्यक्षता, सीएम विंडो के तहत शिकायतों के निपटान की प्रगति की निगरानी, विभिन्न विभागों की प्रमुख ई-गवर्नेंस परियोजनाओं की मॉनिटरिंग, केंद्रीय और राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा, कोविड-19 की स्थिति के साथ-साथ कानून एवं व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा, वे सीएम विंडो के तहत शिकायतों के निपटान की प्रगति की भी निगरानी करेंगे। प्रशासनिक सचिव शिकायतों के निपटान की समुचित प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करने के साथ-साथ निपटान में देरी होने वाले मामलों पर विशेष ध्यान देंगे।

प्रवक्ता ने बताया कि प्रशासनिक सचिव 50 करोड़ रुपये से अधिक राशि की सभी अवसंरचना परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी भी करेंगे और मुख्यालय स्तर पर लंबित महत्वपूर्ण मामलों को भी देखेंगे।

इसके अतिरिक्त, प्रशासनिक सचिव-इंचार्ज विभिन्न विभागों की फ्लैगशिप ई-गवर्नेंस परियोजनाओं की भी मॉनिटरिंग करेंगे। वे जिलों में उन परियोजनाओं/योजनाओं, जिनमें अधिक संख्या में लाभार्थियों के लिए पर्याप्त वित्तीय आवंटन है, के कार्यान्वयन की निगरानी भी करेंगे। यदि आवश्यक हो, तो वे संबंधित प्रशासनिक सचिव/विभाग प्रमुख के साथ मुख्यालय स्तर पर महत्वपूर्ण मुद्दों/बाधाओं की भी निगरानी करेंगे।

प्रवक्ता ने बताया कि यह प्रशासनिक सचिव जिले में कोविड-19 स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों की निगरानी के साथ-साथ हॉट-स्पॉट व कंटेनमेंट जोन पर विशेष ध्यान देंगे। साथ ही, वे जिले में कानून एवं व्यवस्था की भी समीक्षा करेंगे और पोस्को अधिनियम, एनएचआरसी/एसएचआरसी और जघन्य अपराध (जैसे हत्या, डकैती, बलात्कार आदि) के तहत दर्ज मामलों तथा महिलाओं और अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ होने वाले अपराध पर विशेष ध्यान देंगे।

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