चंडीगढ़, 27 अप्रैल- कोविड-19 मामलों में तेजी से वृद्धि और चिकित्सा ऑक्सीजन की वर्तमान मांग को पूरा करने की आवश्यकता को महसूस करते हुए, हरियाणा सरकार ने हरियाणा सिविल सचिवालय, चंडीगढ़ में हरियाणा ऑक्सीजन नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में अधिक जानकारी साझा करते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि चिकित्सा ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं और साथ ही चिकित्सा उपयोग के लिए औद्योगिक ऑक्सीजन को परिवर्तित किया जा रहा है।

भारत सरकार द्वारा हरियाणा के लिए आवंटित ऑक्सीजन के समान वितरण को सुनिश्चित करने और राज्य के भीतर चिकित्सा ऑक्सीजन की पर्याप्त और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु हरियाणा सिविल सचिवालय, चंडीगढ़ में एक राज्य स्तरीय ऑक्सीजन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

नियंत्रण कक्ष को विनिर्माण संयंत्रों से जिलों में ऑक्सीजन टैंकरों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने सहित कई महत्वपूर्ण कार्य सौंपे गए हैं । इनमें यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए दैनिक आवंटन के बारे में प्रत्येक जिले को सूचित किया जाए। इसके अतिरिक्त प्रत्येक जिले को अपनी वितरण योजना जारी करना और एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली संचालित करना शामिल है। इसके अलावा, उपायुक्तों के आकस्मिक अनुरोधों को पूरा करना, ऑक्सीजन निर्माण संयंत्रों का मानचित्रण और औद्योगिक ऑक्सीजन से चिकित्सा उपयोग के लिए उनके स्थान्तरण की निगरानी करना, ऑक्सीजन वॉर रूम (व्हाट्सएप ग्रुप) पर संदेशों की निगरानी के लिए जिसमें उपायुक्त, एचओडी और प्रशासनिक सचिव शामिल हैं और समय पर कार्रवाई शुरू करने जैसे कार्य शामिल हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि राज्य ऑक्सीजन नियंत्रण कक्ष को कमरा संख्या 43-ए से संचालित किया जाएगा, जो आठवीं मंजिल पर स्थित है और नियंत्रण कक्ष का हेल्पलाइन नंबर 0172-2740833 है।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत गृह मंत्रालय ने निर्देश जारी किए थे कि किसी भी गैर-चिकित्सा उद्देश्य के लिए तरल ऑक्सीजन के उपयोग की अनुमति नहीं है और तरल ऑक्सीजन का निर्माण करने वाली सभी इकाइयां अपने उत्पादन को अधिकतम करेंगी और इसे सरकार को केवल तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक चिकित्सा उद्देश्यों के लिए उपलब्ध कराएंगी।इधर, हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री अनुराग अग्रवाल को इंडस्ट्रियल इस्टेट्स और निदेशक, एमएसएमई, डॉ विकास गुप्ता को शेष राज्य हेतु लिक्विड ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स की मैपिंग और उनके प्रोडक्शन और डायवर्सन को मेडिकल यूज के लिए मॉनिटर करने हेतु नियुक्त किया गया है।

इस संबंध में मुख्य सचिव द्वारा संबंधित विभागों को एक पत्र जारी किया गया है।

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