हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ‘हरियाणा माइनर मिनरल कंसेशन, स्टॉकिंग, ट्रांसपोर्टेशन मिनरल्स एंड प्रिवेंशन ऑफ इल्लीगल माइनिंग रूल्स, 2012’ और ‘हरियाणा डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन रूल्स, ….

चंडीगढ़, 22 अप्रैल – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ‘हरियाणा माइनर मिनरल कंसेशन, स्टॉकिंग, ट्रांसपोर्टेशन मिनरल्स एंड प्रिवेंशन ऑफ इल्लीगल माइनिंग रूल्स, 2012’ और ‘हरियाणा डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन रूल्स, 2017’ में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई।

इन नियमों को ‘हरियाणा माइनर मिनरल कंसेशन, स्टॉकिंग, ट्रांसपोर्टेशन मिनरल्स एंड प्रिवेंशन ऑफ इल्लीगल माइनिंग (अमेंडमेंट) रूल्स, 2021’ और ‘हरियाणा डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (अमेंडमेंट)  रूल्स, 2021’  कहा जाएगा। ये नियम आधिकारिक राजपत्र में उनके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे। संशोधन के अनुसार, प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से दिए गए खनन पट्टों / अनुबंध के मामले में, प्राप्त की गई उच्चतम बोली क्रमश: पट्टेदार या ठेकेदारों द्वारा देय ‘वार्षिक डेड रेंट’ या ‘वार्षिक अनुबंध राशि’ होगी। मौजूदा राज्य नियम, 2012 के क्रमश: राज्य नियम (नियम 9 (3) और 22 (2) के अनुसार, तीन वर्ष के प्रत्येक ब्लॉक के पूरा होने पर इसे 25 प्रतिशत बढ़ा दिया जाता है। विभाग का प्रस्ताव है कि प्रत्येक तीन वर्ष के बाद वृद्धि की दर घटाकर 10 प्रतिशत की जाएगी क्योंकि मौजूदा दर बहुत अधिक है।

यह निर्णय लिया गया है कि पट्टïे / अनुबंध के आत्मसमर्पण [अन-सशर्त अनुरोध] की मांग करने वाले खनन ठेकेदारों / पट्टा धारकों को इस शर्त के अधीन अनुमति दी जाएगी कि वे कैलेंडर माह तक नाबाकी प्रमाण पत्र के साथ आवेदन प्रस्तुत करेंगे। एक महीने के डेड रेंट/ अनुबंध राशि के बराबर समर्पण शुल्क के भुगतान पर समर्पण की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, 1 जून से 15 सितंबर (मानसून अवधि) के दौरान जमा किए जाने वाले आवेदनों के मामलों में ऐसी समर्पण फीस दो महीनों के देय के बराबर होगी।

खनिज रियायत के भाग क्षेत्र के समर्पण के लिए किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। निदेशक 30 दिनों के भीतर समर्पण अनुरोध स्वीकार करने के आदेश पारित करेंगे। यदि कोई निर्णय नहीं लिया जाता है, तो आवेदन प्रस्तुत करने के 30 दिनों की समाप्ति पर समर्पण के लिए आवेदन को स्वीकृत माना जाएगा।

यह भी निर्णय लिया गया कि प्रतिभूति के रूप में देय राशि को सरकार प्रतिभूति हेड में जमा की गई राशि के बदले निदेशक, खान एवं भूविज्ञान, विभाग के पक्ष में फिक्स्ड डिपॉजिट करके दिए जाने या बदलने की अनुमति दी जाएगी।

राज्य नियम, 2012 के प्रावधानों के अनुसार, खनिज रियायत धारक 30 दिनों तक की देरी के लिए 15 प्रतिशत, 60 दिनों तक के विलंब के लिए 18 प्रतिशत और 60 दिनों की देरी के लिए 21 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से विलंबित भुगतानों पर ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं। यह निर्णय लिया गया कि विलंबित भुगतानों पर ब्याज की दर 7 दिनों के बाद विलंब की अवधि के लिए फ्लैट 12 प्रतिशत प्रति वर्ष तक कम किया जाएगा।

मौजूदा नियमों के अनुसार, खनिज रियायत धारक अनुबंधित क्षेत्र में स्टॉक के हकदार हैं, लेकिन खनन योजना के अनुसार औसत मासिक उत्पादन के दो गुना से अधिक नहीं। नदी के खनन के मामले में मानसून के मौसम के दौरान खनिज की खुदाई की अनुमति नहीं है, इसे ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि नदी के खनन ठेकेदारों को औसत मासिक उत्पादन के तीन गुना तक खनन क्षेत्र में खनिजों का स्टॉक करने की अनुमति दी जाए।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अवैध रूप से खनन किए गए खनिज को स्टॉक करने की संभावना को कम करने के लिए, खदान से कच्चे खनिज के लिए एमडीएल प्रदान करने के लिए खनिज (खदान) के स्रोत से न्यूनतम दूरी पांच किलोमीटर तक बढ़ाई जाएगी। वॉशिंग प्लांट और स्क्रीनिंग प्लांट के मामलों में एचएसपीसीबी के एनओसी/ सीटीई के आधार पर एमडीएल प्रदान करने का प्रावधान है।

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