ओम प्रकाश चौटाला ने अपनी उम्र और दिव्यांगता के आधार पर जेल से रिहाई की मांग की है. विशेष सीबीआई अदालत ने वर्ष 2013 में ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 53 लोगों के खिलाफ सजा सुनाई थी. इसमें तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा के निदेशक आईएएस अधिकारी संजीव कुमार भी शामिल थे. चंडीगढ़. हरियाणा में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पैरोल दिल्ली हाई कोर्ट ने 12 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है. चौटाला ने बुजुर्ग होने के आधार पर समय पूर्व रिहाई की मांग की है. उनकी याचिका पर फिलहाल न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल एवं न्यायमूर्ति अनूप जयराम ब्रह्माणी की पीठ सुनवाई कर रही है. अधिवक्ता अमित साहनी के माध्यम से याचिका दाखिल कर ओपी चौटाला ने कहा है कि उनकी रिहाई के संबंध में हाई कोर्ट ने नवंबर 2019 एवं फरवरी 2020 में दिल्ली सरकार को उचित फैसला लेना का निर्देश दिया था. हालांकि, अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है. चौटाला ने अपनी उम्र और दिव्यांगता के आधार पर जेल से रिहाई की मांग की है. इससे पहले दायर याचिका में चौटाला ने केंद्र सरकार के 18 जुलाई 2018 की अधिसूचना का हवाला दिया था. अधिसूचना के तहत 60 साल से ज्यादा उम्र पार कर चुके पुरुष, 70 फीसदी वाले दिव्यांग व बच्चे अगर अपनी आधी सजा काट चुके हैं तो राज्य सरकार उसकी रिहाई पर विचार कर सकती है. याचिका में चौटाला ने कहा था कि उनकी उम्र 86 साल की हो गई है और भ्रष्टाचार के मामले में वह 7 साल की सजा काट चुके हैं. चौटाला ने किया ये दावाचौटाला ने यह भी दावा किया था कि वह अप्रैल 2013 में 60 फीसदी दिव्यांग हो चुके थे और जून 2013 में पेशमेकर लगाए जाने के बाद से वह 70 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग हो चुके हैं. इस तरह से वे केंद्र सरकार के जल्दी रिहाई की सभी शर्तों को पूरा कर रहे हैं. हालांकि, दिल्ली सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि यह भ्रष्टाचार का मामला है और भारत सरकार की अधिसूचना इस पर लागू नहीं होती. चौटाला ने दलील दी थी कि उन्हें रिहा किया जाना चाहिए, क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में उनकी सात साल की सजा पूरी हो चुकी है. वर्ष 2000 के 3206 शिक्षक भर्ती मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने वर्ष 2013 में ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 53 लोगों के खिलाफ सजा सुनाई थी. इसमें तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा के निदेशक आईएएस अधिकारी संजीव कुमार भी शामिल थे. Post navigation निजी बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री घोषणा में करवा दिया 4.67 करोड़ का काम सरकार ने उठाया प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया मुक्त बनाने का बीड़ा