रमेश गोयत

पंचकूला। प्रमुख समाजसेविका व किसान नेत्री पूनम चौधरी ने हरियाणा सरकार द्वारा जूनियर लेक्चरर असिस्टेंट के 61 पदों के लिए चल रही भर्ती प्रक्रिया रद्द करने को खट्टर-दुष्यंत सरकार की युवा विरोधी नीति, नीयत और कोई भी भर्ती ठीक से न कर पाने में विफलता का एक ओर उदाहरण बताते हुए इस फैसले को तुरंत वापिस लेने की मांग की है।

पूनम चौधरी ने कहा कि जूनियर लेक्चरर असिस्टेंट के लिए अभ्यर्थियों की वर्ष 2017 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जिसके लिए लिखित परिक्षा सितम्बर 2018 को हुई और एक साल बाद नवम्बर 2020 को परिणाम घोषित किया गया। लेकिन प्रक्रिया के चार साल बाद उसे आज रद्द कर दिया गया। जूनियर लेक्चरर असिस्टेंट की भर्ती रद्द करना न केवल लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के साथ धोखा है, बल्कि छात्रों के साथ भी धोखा है, जिसे स्वीकार नही किया जा सकता।

पूनम चौधरी ने कहा कि लाखों अभ्यर्थियों से फॉर्म के नाम पर पैसे वसूलना, फिर उसके बाद लिखित परीक्षा में पेपर लीक करना, अन्य नौकरियों में परिणाम घोषित होने के सालों-साल बाद भी उन्हें जॉइनिंग न देकर उनके भविष्य से खिलवाड़ करने के बाद भर्ती ही रद्द करना, इस सरकार का रंग-ढंग बन गया है। इससे पहले हाल ही में यह सरकार वर्ष 2015 में विज्ञापित पीजीटी संस्कृत के 626 पदों और टीजीटी इंग्लिश के 1,035 पदों पर निकली भर्ती को रद्द किया था। बार-बार सरकारी भर्तियां रद्द होने से साफÞ स्पष्ट है कि सरकार को न तो भर्ती करना आता है और न ही यह सरकार भर्ती करना चाहती है।

पूनम चौधरी ने कहा कि भाजपा की इन्हीं गलत नीतियों के कारण हरियाणा प्रदेश की बेरोजगारी दर पहले ही पूरे देश में सबसे अधिक हो चूका है। प्रदेश में उद्योग धंधे चौपट हैं। हरियाणा की खट्टर- चौटाला सरकार द्वारा पहले तो सरकारी नौकरियां विज्ञापित नहीं की जाती, फिर सालों-साल तक विज्ञापित नौकरियों के लिखित परीक्षा नहीं होती, उसके बाद उन लिखित परीक्षा में पेपर लीक हो जाते हैं और अन्य नौकरियों में परिणाम घोषित होने के सालों-साल बाद भी उन्हें जॉइनिंग नहीं दी जाती।

पूनम चौधरी ने कहा कि हरियाणा सरकार को तुरंत प्रभाव से अपने इस फैसले को वापस लेकर और सालों से लंबित इस भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करके जूनियर लेक्चरर असिस्टेंट को जॉइनिंग प्रदान करनी चाहिए।

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