रमेश गोयत

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज को पत्र भेजकर मांग की है कि नगर निगम, नगर परिषद एवं पालिका क्षेत्रों में लीज/किराया आधार पर प्लाट लेकर मकान बनाने वाले नागरिकों को मालिकाना हक कलेक्टर रेट की बजाय रियायती दरों पर रजिस्ट्री करवाकर दिया जाए, ताकि गरीब लोगों को राहत मिल सके।

राजीव जैन ने पत्र के माध्यम से ध्यान में लाया है कि कांग्रेस शासन के दौरान वर्ष 2007 में 20 वर्ष पुरानी लीज की दुकानों एवं मकानों को मार्किट रेट पर मालिकाना हक देने की नीति बनाई गई थी। मार्किट रेट तय करने के लिए जिला उपायुक्त, कार्यकारी अभियंता लोक निर्माण विभाग एवं शहरी स्थानीय निकाय विभाग का प्रतिनिधि के साथ तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई। उन्होंने लिखा है कि मार्किट रेट के चक्कर मे पूरे प्रदेश में एक भी प्लाट धारक रजिस्ट्री करवाने के लिए आगे नहीं आया।

भाजपा नेता ने लिखा है कि लीजधारकों को राहत देने के लिए लंबी प्रक्रिया के बाद वर्ष 2018 में नीति में संशोधन करते हुए लीजधारकों एवं किराएदारों को कलेक्टर रेट पर रजिस्ट्री कराने का विकल्प दिया गया, जिसमें बड़ी संख्या में दुकानदारों ने तो रजिस्ट्री करवाई। लेकिन मकान मालिकों ने नहीं करवाई। इसकी वजह थी कि दुकानें तो पालिका द्वारा बनाकर दी गई थी, जबकि लोगों ने लीज पर प्लाट लेकर मकान स्वयं अपनी लागत से बनाए हैं।

 राजीव जैन ने लिखा है कि कलेक्टर रेट के हिसाब से मकान की कीमत कई कई लाख रुपए बनती है, जो गरीब व्यक्ति जमा नहीं करवा सकता। इसलिए ऐसे मकानों की कीमत कलेक्टर रेट की बजाय कम से कम की जाए। इससे नागरिक मकानों की रजिस्ट्री करवाने के लिए आगे आएंगे और इससे सरकार को भी भारी राजस्व प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि सोनीपत में गढ़ी घसीटा, गढ़ी ब्रह्मणान, देव नगर, कल्याण नगर, श्याम नगर, बत्रा कालोनी समेत एक दर्जन कालोनियों के निवासियों  को मकान की रजिस्ट्री मिल जाएगी, इससे वह मकान पर ण लेकर अपने बच्चों को उच्च शिक्षा भी दिलवा सकेंगे और ऐसे ही प्रदेश में हजारों नागरिकों को सीधा लाभ पहुंचेगा।

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